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August 12, 2025

14 अगस्त तक केदारनाथ यात्रा पर रोक, उत्तराखंड में ज़ारी कुदरत का कहर

The CSR Journal Magazine
देवभूमि उत्तराखंड में भारी बारिश जारी है जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। देहरादून में 1951 के बाद सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। राज्य में अगले तीन दिनों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में रेड अलर्ट है। भारी बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा तीन दिनों के लिए रोक दी गई है। कई जिलों में स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है।

उत्तराखंड में तबाही के बाद भी जारी मौसम का क़हर

उत्तराखंड में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में मूसलधार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जबकि मैदानी क्षेत्रों में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।पिछले 24 घंटे में देहरादून में लगभग 200 मिमी वर्षा हुई, जो 1951 के बाद अगस्त में एक दिन में हुई सर्वाधिक वर्षा है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन में मौसम के टेढ़े तेवर बने रहने की चेतावनी दी है।लगातार हो रही बारिश के कारण प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से पांच से छह डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया है।

मौसम विभाग ने दी चेतावनी, फिर रुकी केदारनाथ यात्रा 

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक रोहित थपलियाल ने बताया कि मंगलवार को हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में अत्यंत भारी वर्षा की संभावना है। इसके साथ ही देहरादून, पौड़ी, टिहरी, बागेश्वर और चंपावत में भी भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बुधवार और गुरुवार को बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है। मौसम विभाग ने उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट किया है। 14 अगस्त तक केदारनाथ यात्रा पर रोक लगा दी गई है। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने भारी बारिश की चेतावनी दी है।
केदारनाथ यात्रा को अगले तीन दिनों के लिए 14 अगस्त तक रोका गया है। केदारनाथ आने वाले सभी यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। मौसम की चेतावनी को देखते हुए यात्रा करने से बचने को कहा गया है।

उत्तराखंड जिला प्रशासन हुआ मुस्तैद

जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी विभागों को सतर्क और अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए गए हैं। वार्निंग सिस्टम का परीक्षण किया गया है। नदी किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।

यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ धाम की यात्रा अगले तीन दिनों के लिए अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई है। सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के डेंजर जोनों में 24 घंटे जेसीबी व पोकलैंड मशीनें तैनात की गई हैं, ताकि मार्ग बाधित होने पर शीघ्र खोला जा सके। पुलिस, लोक निर्माण विभाग और आपदा प्रबंधन टीमों को लगातार अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि नदी के जल स्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और विभिन्न माध्यमों से लोगों को मौसम की जानकारी और अलर्ट जारी किया जा रहा है। प्रशासन ने सभी कदम आम नागरिकों एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं।

स्कूलों में की गई छुट्टी

बारिश के चलते मंगलवार को कई जिलों में स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया। इसके अलावा ऊधम सिंह नगर में मंगलवार को अत्यधिक बारिश की संभावना को देखते हुए जिलाधिकारी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष नितिन सिंह भदौरिया ने कक्षा एक से 12वीं तक का अवकाश घोषित किया है। इसी तरह बागेश्वर में मंगलवार को स्कूल बंद रहेंगे। यहां कक्षा एक से 12 तक के स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर छुट्टी कर दी गई है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने मंगलवार को जिले के सभी कक्षा एक से 12 तक के सरकारी व अर्द्धसरकारी विद्यालय में अवकाश घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो भी आदेश का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। चंपावत जिले में भी अवकाश घोषित हो गया है।

हिमाचल में रातभर हुई भारी वर्षा से जनजीवन प्रभावित

हिमाचल प्रदेश के कई भागों में रातभर तेज बारिश हुई। इससे जगह-जगह लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आई। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन मंडी के जोगनी मोड़ और कैंची मोड़ के पास रातभर बंद रहा। आज सुबह 8.30 बजे दोनों जगह सड़क को वन-वे बहाल कर दिया गया है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति सामान्य होने तक यात्रा से बचें और किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए अधिकृत स्रोतों से ही संपर्क करें। बता दें कि मौसम विभाग ने उत्तराखंड और हिमाचल में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। दोनों राज्यों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।

ख़राब मौसम के बीच धराली में ज़ारी ज़िंदगी की तलाश

धराली आपदा में जिंदगी की तलाश जारी है। आपदा को एक हफ्ता हो गया है। वहीं, मौसम की चुनौती के बीच आज रेस्क्यू के लिए सेना, ITBP, NDRF, SDRF जिला प्रशासन ड्रोन और अन्य अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटी हैं। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। उत्तरकाशी जिले के हर्षिल और धाराली क्षेत्र में भागीरथी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे SDRF की टीम ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
हर्षिल घाटी में दोपहर बाद तेज वर्षा शुरू हो गई। राहत बचाव कार्य में वर्षा बाधा बनी, जिसके चलते काम रोकना पड़ा। हर्षिल में बनी अस्थायी झील के मुहाने से पेड़ काटकर झील को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीणों के लिए घोड़े खच्चरों के माध्यम से राशन सामग्री पहुंचाई जा रही है। वहीं आपदा प्रभावित ग्रामीणों के लिए समेश्वर देवता मंदिर में सामूहिक भोजन बनाया जा रहा है।

ख़ाली कराया गया हर्षिल बाज़ार

भारी बारिश के कारण भागीरथी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है औऱ लगातार बढ़ रहा है। SDRF की टीम ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। हर्षिल बाजार को खाली कराया जा रहा है, वहीं रोड क्षतिग्रस्त होने के कारण राहत कार्य में खच्चरों की मदद ली जा रही है। धराली और उसके आसपास के इलाकों में सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
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