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April 2, 2025

Nainital: झीलों के शहर नैनीताल में सूख रही प्रसिद्ध Naini झील 

Nainital: गर्मी शुरू होने से पहले ही उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल Nainital की Naini झील का जलस्तर पिछले 5 साल के सबसे निचले स्तर 4.7 फीट तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसी तरह जलस्तर गिरता रहा तो मई-जून से पहले ही Naini झील सूख सकती है। बकौल रिपोर्ट्स, नैनीताल में अक्टूबर-2024 से अबतक बारिश-बर्फबारी औसत से 90% कम हुई है। उत्तराखंड के Nainital को झीलों का शहर कहा जाता है, जिसकी झीलों के किनारे सुकून के दो पाल बिताने देश-विदेश से पर्यटक बड़ी तादाद में पहुंचते हैं। लेकिन झीलों की रानी Naini झील पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं। नैनीताल समेत पहाड़ों में लंबे समय से बारिश नहीं होने से विश्व प्रसिद्ध Naini झील और नदियों का जलस्तर तेजी से घट रहा है। नैनी झील का जलस्तर कम होने से झील की सुंदरता पर ग्रहण लग रहा है। झील के चारों तरफ बड़े-बड़े Delta उभरने लगे हैं।

कम वर्षा और Global Warming की मारी Naini झील

दरअसल बीते अक्टूबर माह से अब तक Nainital में बारिश और बर्फबारी औसत की अपेक्षा 90 प्रतिशत से कम हुई है, जिसके चलते नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। कम बारिश का नैनीताल पर इतना गहरा असर पड़ा है कि विश्वप्रसिद्ध Naini झील का जलस्तर बीते 5 साल में सबसे कम स्तर पर जा पहुंचा है। साल 2020 में Naini झील का जलस्तर 6 feet 10 inch था। 2021 में यह स्तर घटकर 4 feet 4 inch पर आ गया था। साल 2022 में अच्छी बरसात के चलते इसमें कुछ सुधार हुआ और यह 7 feet 9 inch तक बढ़ गया। लेकिन उसके बाद के वर्षों में कम होती वर्षा के चलते Naini झील का जलस्तर साल 2023-24-25 में घटकर क्रमश: 4.8,4.9 और 4.7 हो गया। अगर यही हालात रहे तो आने वाले दिनों में Nainital में स्थानीय लोगों के सामने पेयजल संकट खड़ा हो जाएगा। इतना ही नहीं, मई जून में गर्मियों के दौरान पर्यटन सीजन में पर्यटकों को भी पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ सकता है। वर्तमान में Naini झील का जल स्तर 4.9 फिट है। झील के जलस्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए जल संरक्षण विभाग के द्वारा Nainital के जल संस्थान में Roasting System लागू किया गया है। विभाग द्वारा केवल 12 MLD पानी की ही सप्लाई की जा रही है, ताकि Naini झील के गिरते जलस्तर पर नियंत्रण रखा जा सके।

Naini के किनारों पर अतिक्रमण

Naini झील के Catchment Area में लगातार हो रहे अतिक्रमण और सूखते प्राकृतिक जल स्रोतों का बेहतर रखरखाव ना होने के चलते प्राकृतिक जल स्रोत सूखने लगे हैं। शहर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थित जल स्रोतों और Catchment झील से पानी साल भर रिस कर Naini झील में आता था। दूसरी तरफ Nainital की आबादी और यहां आने वाले पर्यटकों को पीने के पानी की आपूर्ति झील के पानी से होती है, जिस वजह से झील पर दबाव रहता है, जो झील के जलस्तर में गिरावट का कारण है। इस बार बारिश और बर्फबारी बहुत कम हुई है, जिसके चलते झील का जलस्तर मार्च माह में ही 4 फीट तक जा पहुंचा है जो आने वाले समय के लिए एक चिंता का कारण बन सकता है। सरोवर नगरी Nainital में Naini झील का जलस्तर तेजी से घट रहा है, जिसको लेकर पर्वावरणविद भी चिंतित हैं। इस समस्या की वजह मौसम की बेरुखी व कम बारिश और बर्फबारी मानी जा रही है, जिस कारण Nainital के प्राकृतिक जल स्रोत रिचार्ज नहीं हो रहे हैं, जिसका साफ असर Naini झील पर देखने को मिल रहा है। बारिश का नैनीताल पर इतना गहरा असर पड़ा है कि झील का जलस्तर बीते 5 साल में सबसे कम स्तर पर जा पहुंच गया है। अगर यही हालात रहे तो आने वाले दिनों में नैनीताल में स्थानीय लोगों के सामने पेयजल संकट खड़ा हो जाएगा। इतना ही नहीं मई-जून में गर्मियों के दौरान पर्यटन सीजन में पर्यटकों को भी पेयजल की कमी से जूझना पड़ सकता है। Naini झील का रखरखाव करने वाले सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें, तो नैनीताल झील में पिछले चार सालों में मार्च माह में सबसे कम है।
झील की स्थिति को सुधारने के लिए जल संचयन, वर्षा जल संचयन और झील के आसपास के क्षेत्र में वृक्षारोपण जैसे उपायों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके अलावा, झील के प्रबंधन में सुधार और जल संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक व्यापक योजना बनाने की आवश्यकता है। सबसे बड़ी बात, जो केवल Naini झील ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को सोचने की ज़रूरत है, Global Warming की Warning को समझना! प्रकृति बार-बार, हर तरीक़े से चेतावनी दे रही है, कि बस, अब तो संभल जाओ, अब तो जागो, वरना धरती पर जीवन का नामोनिशान मिट जाएगा। लेकिन हम हर चेतावनी को हल्के में ले रहे हैं।

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