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April 11, 2025

Tahawwur Rana की याचिका खारिज़, भारत आएगा मुंबई हमले का Master Mind

Tahawwur Rana की आखिरी कोशिश भी हुई नाकाम! US सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका, अब भारत आएगा मुंबई हमले का दोषी।
मुंबई आतंकी हमलों के गुनहगार तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana extradition) को एक  बार फिर झटका लगा है। भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में दायर उसकी याचिका खारिज कर दी गई है। Tahawwur Rana ने याचिका में दावा किया था कि चूंकि वह पाकिस्तानी मूल का मुसलमान है इसलिए उसे भारत में प्रताड़ित किया जाएगा। याचिका में राणा ने तर्क दिया कि भारत में मुकदमे का सामना करने के लिए उसके जिंदा बचे रहने की संभावना कम होगी। इसके लिए राणा ने अपनी गंभीर बीमारियों सहित कई कारकों का हवाला दिया। हालांकि कोर्ट ने Plea खारिज कर दी। मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के अनुरोध वाली Plea शीर्ष अदालत से खारिज किए जाने के बाद मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स के समक्ष अब एक नयी अर्जी दाखिल की है।

याचिका में प्रताड़ना का दिखाया था डर

राणा (Tahawwur Rana extradition) ने इस याचिका में दावा किया था कि चूंकि वह पाकिस्तानी मूल का मुसलमान है, इसलिए उसे वहां प्रताड़ित किया जाएगा। याचिका में राणा ने तर्क दिया कि भारत में मुकदमे का सामना करने के लिए उसके जिंदा बचे रहने की संभावना कम होगी। इसके लिए राणा ने अपनी गंभीर बीमारियों सहित कई कारकों का हवाला दिया। राणा ने याचिका के गुण-दोष के आधार पर (Including The Closing Of All Appeals) अपने प्रत्यर्पण और भारत के समक्ष आत्मसमर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिका में राणा ने दलील दी थी कि भारत में उसका प्रत्यर्पण अमेरिकी कानून और यातना के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र का भी उल्लंघन है। याचिका में कहा गया था कि ‘यह मानने के लिए पर्याप्त आधार हैं कि यदि उसे भारत प्रत्यर्पित किया जाता है तो याचिकाकर्ता पर प्रताड़ना का खतरा होगा।

26/11 हमले का मास्टरमाइंड Tahawwur Rana

बता दें कि 64 वर्षीय राणा, पाकिस्तानी मूल का एक कनाडाई नागरिक है। वह वर्तमान में लास एंजिलिस के एक डिटेंशन सेंटर में बंद है। राणा पर आरोप है कि 26/11 हमले के सिलसिले में उसने अपने सहयोगी Devid Colman Headley की मदद की थी। Headley को दाऊद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है। 26 नवंबर, 2008 की रात को 10 चरमपंथियों (Extremists) ने मुंबई की कई इमारतों पर एक साथ हमला किया था. इस हमले में 164 लोग मारे गए. कार्रवाई में नौ Extremists भी मारे गए। भारत का आरोप है कि ये चरमपंथी पाकिस्तान की धरती पर सक्रिय चरमपंथी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा से जुड़े थे। लेकिन इस हमले में अजमल कसाब बच गया, जिसे नवंबर 2012 में फांसी दे दी गई। भारतीय एजेंसियों की ओर से पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक Devid Colman Headley के ख़िलाफ़ जारी जांच में एक नाम बार-बार आ रहा था, और वो नाम था तहव्वुर हुसैन राना! शिकागो में कड़ी सुरक्षा के बीच चार हफ़्ते तक चले मुक़दमे के दौरान राना के बारे में कई जानकारियां सामने आईं थीं। इस मुक़दमे की सबसे अहम बात ये रही कि Headley तहव्वुर राना के ख़िलाफ़ सरकारी गवाह बन गया। उसके पास अमेरिकी नागरिकता थी। उसकी मां अमेरिकी और पिता पाकिस्तानी थे। Headley मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।अमेरिकी अधिकारियों ने उसे अक्टूबर, 2009 में गिरफ्तार किया था।

ट्रंप ने भारत भेजने की कही थी बात

गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उनके प्रशासन ने 26/11 हमलों में भूमिका के लिए भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा वांछित आतंकवादी राणा के प्रत्यर्पण को ”भारत में न्याय का सामना करने” के लिए मंजूरी दे दी है। जनवरी में भी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद ट्रंप की ओर से यह बयान आया था। राणा की याचिका खारिज होने के बाद अब उसके भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि अभी उसकी वापसी की तारीख निश्चित नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही वह भारत आ सकता है। भारत सरकार लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रही थी। भारत आने के बाद उस पर मुकदमा चलाया जाएगा।

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