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November 12, 2025

IIT–JEE की तरह MHT–CET परीक्षा भी साल में दो बार, महाराष्ट्र के लाखों छात्रों के लिए बड़ी राहत

The CSR Journal Magazine
MHT–CET को साल में दो बार कराने का निर्णय महाराष्ट्र के शिक्षा तंत्र में एक बड़ा सुधार साबित हो सकता है। यह कदम न केवल छात्रों को बेहतर प्रदर्शन का अवसर देगा, बल्कि परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास भी बढ़ाएगा। अब छात्र एक असफल प्रयास से निराश नहीं होंगे, बल्कि दूसरे मौके में अपनी मेहनत से भविष्य बदल सकेंगे।

महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फ़ैसला- साल में दो बार होंगी MHT-CET परीक्षाएं

महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब राज्य की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग और फार्मेसी प्रवेश परीक्षा MHT–CET (महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) साल में दो बार आयोजित की जाएगी। यह निर्णय राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा IIT–JEE के तर्ज पर लिया गया है, ताकि छात्रों को अधिक अवसर, कम दबाव और बेहतर प्रदर्शन का मौका मिल सके। शिक्षा विभाग ने बताया कि नई व्यवस्था 2026 से लागू होगी और इसका संचालन स्टेट कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल (CET Cell), महाराष्ट्र करेगा।
अब तक MHT–CET केवल साल में एक बार आयोजित होती थी। इस कारण कई बार तकनीकी त्रुटियों, बीमारियों या एक दिन की तैयारी की कमी से छात्रों का पूरा साल प्रभावित हो जाता था। लेकिन अब दो सत्रों में परीक्षा होने से, विद्यार्थियों को दो मौके मिलेंगे- पहला प्रयास जनवरी-फरवरी में, दूसरा प्रयास मई-जून में ! अंतिम मेरिट दोनों सत्रों में से सर्वश्रेष्ठ स्कोर के आधार पर बनेगी, ठीक वैसे ही जैसे JEE Main परीक्षा में होता है।

शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर का बयान

राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा, “हमने यह कदम छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखकर उठाया है। JEE और NEET जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं की तरह महाराष्ट्र के छात्रों को भी समान अवसर मिलना चाहिए। यह कदम तनाव घटाने और प्रतिस्पर्धा को स्वस्थ बनाने की दिशा में है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार परीक्षा प्रणाली को पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने की दिशा में काम कर रही है।

क्या है MHT–CET परीक्षा

MHT–CET राज्य की सबसे महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षा है, जिसके माध्यम से इंजीनियरिंग, फार्मेसी, एग्रीकल्चर और तकनीकी कोर्सेस में दाख़िला मिलता है। हर साल लगभग 6 से 7 लाख छात्र यह परीक्षा देते हैं। राज्य की प्रमुख यूनिवर्सिटियां College of Engineering Pune (COEP), VJTI Mumbai, SPIT Mumbai, MIT WPU, और ICT Mumbai इसी परीक्षा के स्कोर के आधार पर प्रवेश देती हैं।

दो सत्रों की व्यवस्था से क्या बदलेगा

नए पैटर्न के तहत छात्र दोनों सत्रों में उपस्थित हो सकेंगे। दोनों प्रयासों में से सर्वश्रेष्ठ स्कोर माना जाएगा। परीक्षा का पाठ्यक्रम और स्तर समान रहेगा। परिणाम पूरी तरह Normalization Process से तय किया जाएगा। परीक्षा अब और अधिक CBT (Computer Based Test) प्रारूप में आयोजित की जाएगी।

नया MHT–CET परीक्षा पैटर्न कैसा होगा

महाराष्ट्र सरकार ने MHT–CET को अब साल में दो बार कराने का निर्णय तो लिया है, लेकिन इसके साथ ही परीक्षा प्रणाली में कुछ अहम बदलाव भी किए जा रहे हैं। आइए जानते हैं कि नया पैटर्न छात्रों के लिए क्या-क्या लेकर आएगा!
1. परीक्षा की आवृत्ति (Frequency)– अब MHT–CET परीक्षा हर साल दो बार आयोजित होगी। पहला सत्र (Session 1): जनवरी–फरवरी, दूसरा सत्र (Session 2): मई–जून। छात्र दोनों सत्रों में शामिल हो सकते हैं, और सर्वश्रेष्ठ स्कोर को अंतिम माना जाएगा।
2. परीक्षा का स्वरूप (Mode of Exam)– पूरी परीक्षा Computer Based Test (CBT) मोड में होगी। उम्मीदवारों को ऑनलाइन प्रश्नपत्र मिलेगा और उन्हें तय समय में उत्तर देने होंगे। परीक्षा केंद्र राज्य के प्रमुख जिलों और कुछ पड़ोसी राज्यों में भी होंगे।
4. प्रश्नों का स्तर– प्रश्न कक्षा 11वीं और 12वीं के महाराष्ट्र राज्य बोर्ड के पाठ्यक्रम से होंगे। 20 पी फ़ीसदी प्रश्न कक्षा 11वीं से और 80 फ़ीसदी प्रश्न कक्षा 12वीं से होंगे। प्रश्न बहुविकल्पीय (MCQ) होंगे, प्रत्येक के चार विकल्प।
5. नकारात्मक अंकन (Negative Marking)- इस बार भी कोई नकारात्मक अंकन (Negative Marking) नहीं होगा। सही उत्तर पर पूरे अंक, गलत उत्तर पर कोई कटौती नहीं।
6. परिणाम और स्कोरिंग प्रणाली– दोनों सत्रों में दिए गए प्रयासों के लिए Normalization Processअपनाया जाएगा, ताकि कठिनाई स्तर में समानता बनी रहे। उम्मीदवार का अंतिम स्कोर दोनों सत्रों में से सर्वोत्तम अंक के आधार पर तय होगा। मेरिट लिस्ट CET Cell की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की जाएगी।
7. पात्रता और आवेदन प्रक्रिया– पात्रता में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उम्मीदवारों को 12वीं (HSC) परीक्षा में भौतिकी, रसायन और गणित/जीवविज्ञान विषयों में पास होना आवश्यक रहेगा। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल (cetcell.mahacet.org) पर ही होगी।
8. नई तैयारी रणनीति- शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, अब छात्रों को दो चरणों में तैयारी की रणनीति बनानी होगी- पहले सत्र के लिएबुनियादी कॉन्सेप्ट मजबूत करना, दूसरे सत्र के लिए टेस्ट प्रैक्टिस और स्कोर सुधार पर  ध्यान देना।

 नई नीति से MHT-CET परीक्षार्थियों को संभावित लाभ

छात्रों पर परीक्षा का दबाव घटेगा।
गलत दिन या बीमारी की वजह से साल बर्बाद नहीं होगा।
आत्ममूल्यांकन और सुधार का मौका मिलेगा।
राष्ट्रीय परीक्षाओं (JEE, NEET) के साथ तालमेल बढ़ेगा।

MHT CET परीक्षार्थियों को विशेषज्ञों का सुझाव

छात्र दोनों सत्रों में भाग लें, क्योंकि पहला प्रयास प्रैक्टिस का अवसर होगा।
दोनों परीक्षाओं के बीच के 3–4 महीने का उपयोग कमज़ोर विषयों को सुधारने में करें।
ऑनलाइन मॉक टेस्ट और प्रश्न विश्लेषण का अभ्यास करें।

छात्रों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं

मुंबई के कोचिंग एक्सपर्ट अनिल देसाई ने कहा, “यह बहुत सकारात्मक बदलाव है। इससे छात्रों का एक साल बर्बाद नहीं होगा और तैयारी का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।”
पुणे की छात्रा श्वेता पाटिल, जो इस साल CET की तैयारी कर रही हैं, कहती हैं, “पहले हमें लगता था कि अगर एक दिन खराब गया तो पूरा साल चला गया। अब दो मौके होने से थोड़ा सुकून है।”

कोचिंग संस्थानों में बढ़ी हलचल

फैसले के बाद महाराष्ट्र के प्रमुख कोचिंग संस्थान Resonance, Allen, Career Point, IITian’s Pace ने अपने शैक्षणिक कैलेंडर में बदलाव की योजना शुरू कर दी है। अब कोचिंग बैच दो चरणों में चलेंगे ताकि छात्र जनवरी और मई दोनों प्रयासों के लिए अलग-अलग रणनीति से तैयारी कर सकें।

परीक्षाओं में राष्ट्रीय स्तर का समन्वय

राज्य सरकार का उद्देश्य है कि MHT–CET को JEE Main और CUET जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं से तालमेल में लाया जाए, ताकि छात्रों को राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर समान अवसर मिल सकें। इसके लिए NTA (National Testing Agency) के साथ तकनीकी सहयोग की भी चर्चा चल रही है।

दो बार की परीक्षा- अवसर भी, चुनौती भी

महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय कि अब MHT–CET परीक्षा साल में दो बार आयोजित होगी, निस्संदेह एक क्रांतिकारी कदम है। यह बदलाव केवल परीक्षा कैलेंडर का नहीं, बल्कि छात्रों की मानसिकता, तैयारी पद्धति और राज्य की शिक्षा नीति के दृष्टिकोण का भी परिवर्तन है जो तनाव से मुक्ति की ओर एक बड़ा कदम साबित होगा। अब तक CET केवल एक बार होती थी, जिससे छात्रों पर अत्यधिक दबाव रहता था। कई बार एक गलती या स्वास्थ्य कारण से पूरा साल बर्बाद हो जाता था। अब जब छात्रों को दो अवसर मिलेंगे, तो यह न केवल मानसिक तनाव कम करेगा, बल्कि स्वाभाविक प्रदर्शन के लिए उन्हें अधिक आत्मविश्वास देगा। यह नीति वास्तव में “हर छात्र को दूसरा मौका देने” के सिद्धांत पर आधारित है और यही शिक्षा का सबसे मानवीय रूप है।

राष्ट्रीय स्तर पर समानता

देश में IIT–JEE, NEET और CUET जैसी परीक्षाएं पहले से साल में एक से अधिक बार आयोजित होती हैं। अब MHT–CET के दो सत्रों से राज्य के छात्रों को राष्ट्रीय प्रतियोगी माहौल में बराबरी का अवसर मिलेगा। यह फैसला महाराष्ट्र के विद्यार्थियों को JEE Main और NEET जैसी परीक्षाओं की तैयारी के साथ तालमेल बनाने में मदद करेगा। हालांकि यह कदम सकारात्मक है, लेकिन इसके साथ परीक्षा संचालन और मूल्यांकन प्रणाली पर जिम्मेदारी कई गुना बढ़ जाएगी। दो बार परीक्षा आयोजित करने के लिए सटीक योजना, बेहतर तकनीकी ढांचा और प्रशिक्षित स्टाफ की आवश्यकता होगी। सिस्टम में पारदर्शिता और Normalization Process की निष्पक्षता को लेकर भी छात्रों में भरोसा बनाए रखना जरूरी है।

ग्रामीण छात्रों के लिए पहुंच बढ़ेगी या मुश्किलें?

यह भी एक सच्चाई है कि महाराष्ट्र के कई ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर है। चूंकि CET अब पूरी तरह ऑनलाइन मोड (CBT) में होगी, ऐसे में दूरदराज़ इलाकों के छात्रों के लिए यह नया स्वरूप चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सरकार को चाहिए कि डिजिटल परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाए और तकनीकी सहायता सुनिश्चित करे ताकि यह नीति केवल शहरी छात्रों तक सीमित न रह जाए।

मानसिक स्वास्थ्य और प्रतिस्पर्धा का संतुलन

दो बार की परीक्षा से छात्रों को राहत तो मिलेगी, लेकिन प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी। अब छात्र साल में दो बार अपनी रैंक सुधारने की कोशिश करेंगे, जिससे लगातार तैयारी का दबाव बना रहेगा। इसलिए स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी उतना ही ध्यान देना होगा जितना उनकी अकादमिक तैयारी पर।

सही दिशा में बड़ा कदम

यह निर्णय महाराष्ट्र की शिक्षा नीति को आधुनिक बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। यह छात्रों को सिखाता है कि, “विफलता अंत नहीं है, बल्कि एक और अवसर की शुरुआत है।” अगर परीक्षा संचालन पारदर्शी, सुलभ और तकनीकी रूप से मज़बूत बनाया गया, तो यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बन सकता है। MHT–CET का साल में दो बार होना केवल परीक्षा सुधार नहीं, बल्कि छात्रों को अवसर और आत्मविश्वास देने का प्रतीक है। अब जरूरत इस बात की है कि यह बदलाव सिर्फ नीति पत्रों तक सीमित न रहे, बल्कि हर छात्र तक समान रूप से पहुंचे, चाहे वह मुंबई का हो या नांदेड़, नागपुर या सतारा का।
MHT–CET को साल में दो बार कराने का निर्णय महाराष्ट्र के शिक्षा तंत्र में एक बड़ा सुधार साबित हो सकता है। यह कदम न केवल छात्रों को बेहतर प्रदर्शन का अवसर देगा, बल्कि परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास भी बढ़ाएगा। अब छात्र एक असफल प्रयास से निराश नहीं होंगे, बल्कि दूसरे मौके में अपनी मेहनत से भविष्य बदल सकेंगे।
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