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टाटा हॉस्पिटल आयुर्वेद से करेगा कैंसर का इलाज!

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विश्व कैंसर दिवस पर जानें भारत के टॉप कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर जो हैं सस्ते
 
आने वाले दिनों में कैंसर का इलाज आयुर्वेद से होने की संभावना है। (Cancer Treatment with Ayurveda) कैंसर के मरीजों को कुछ वर्षों में उपचार का दूसरा विकल्प मिल सकता है। आयुर्वेद से कैंसर के ट्रीटमेंट को लेकर टाटा मेमोरियल अस्पताल (Tata Memorial Cancer Hospital) मुंबई से सटे खोपोली में रिसर्च सेंटर बना रहा है। यह देश का पहला अस्पताल होगा, जहां आयुर्वेद की मदद से कैंसर का उपचार किया जाएगा (India’s First Ayurvedic Cancer Hospital by Tata)। इस अस्पताल में कैंसर पर रिसर्च भी किया जायेगा। लगभग 21 एकड़ जमीन पर 100 बेड की क्षमता वाला अस्पताल साल 2026 तक तैयार हो जाएगा। खोपोली में बन रहे इस टाटा कैंसर रिसर्च सेंटर में कैंसर का कारगर इलाज करने वाली आयुर्वेदिक दवाइयों पर शोध किया जायेगा। यहां आयुर्वेद की मदद से रिसर्च और ट्रीटमेंट पर ही फोकस किया जायेगा।

टाटा में कैंसर के इलाज को असरदार बनाएगा आयुर्वेद!

फिलहाल टाटा मेमोरियल सेंटर में कैंसर मरीजों का उपचार एलोपैथिक से किया जा रहा है (Cancer Treatment in Mumbai)। मरीजों के पास इस गंभीर बीमारी के उपचार के लिए यही एक मात्र विकल्प है। ये एलोपैथी ट्रीटमेंट काफी खर्चीला होता है। जिसे हर कोई अफ़्फोर्ड नहीं कर पाता है, इसके साथ ही कई साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। कैंसर के इलाज में आयुर्वेदिक पद्धति से कैंसर का आज भी कोई कारगर उपचार संभव नहीं है। इसलिए मेडिसिनल और देसी आयुर्वेदिक दवाइयों पर इस सेंटर में रिसर्च किया जायेगा ताकि अलोपॅथी और आयुर्वेदिक पद्धति से मौजूदा इलाज को बेहतर बनाया जा सके और कैंसर रोगियों पर वह असरदार भी हो।

टाटा अस्पताल में कैंसर के इलाज के लिए कारगर हो सकती है देसी जड़ी बूटियां

जिस व्यक्ति को एक बार कैंसर हो जाता है और वह इलाज करवाता है तो उसे साइड इफ़ेक्ट भी सहना पड़ता है। इतना ही नहीं कैंसर के दोबारा होने की संभावना भी होती है। इसलिए ऐसी दवा को बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि ट्रीटमेंट खत्म होने के बाद भी मरीज की इम्यूनिटी को बढ़ा सके। टाटा अपने इस खोपोली सेंटर पर मेडिसिनल प्लांट्स व हर्ब्स की मदद से ऐसी दवाइयों की खोज करेंगे जो मरीजों का कारगर तरीके से इलाज करने में मदद कर सके।

टाटा बना रहा है भारत का पहला कैंसर अस्पताल, जो आयुर्वेद पद्धति से कैंसर पर शोध और उपचार करेगा

The CSR Journal से ख़ास बातचीत करते हुए Tata Memorial Centre के नवनियुक्त डायरेक्टर डॉ. सुदीप गुप्ता ने बताया कि Tata Cancer Hospital को महाराष्ट्र सरकार ने खोपोली में जमीन उपलब्ध कराई है जहां Tata Cancer Treatment Centre बनाया जा रहा है और इस सेंटर में बाकायदा पारम्परिक कैंसर ट्रीटमेंट के साथ साथ आयुर्वेद पद्धति पर भी रिसर्च किया जायेगा और ख़ास बात ये भी डॉ. सुदीप गुप्ता ने बताया कि हम इस सेंटर पर मेडिसिनल प्लांट को खुद उगाएंगे, उसका संरक्षण करेंगे और रिसर्च केंद्र में उस पर ट्रायल किया जाएगा। TMC Director Dr. Sudeep Gupta ने बताया कि कई बार हमने देखा है कि सोशल मीडिया जैसे वॉट्सऐप, फेसबुक, यू-ट्यूब पर कुछ मेडिसिनल प्लांट और हर्ब्स की मदद से कैंसर को ठीक करने का दावा किया जाता है, जो गलत होते हैं। हमारा रोल यही होगा कि उन आयुर्वेद दवाइयों पर रिसर्च करना और यह पता लगाना कि क्या वाकई में यह दवाइयां कैंसर के इलाज में मददगार हैं या नहीं।

पूरे पूरे भारत में कैंसर उपचार के लिए बने हब, फिलहाल देश को 30-40 Cancer Care Hub की जरुरत

भारत सरकार और परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत संचालित टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) के डायरेक्टर डॉ सुदीप गुप्ता ने बताया कि भारत के सात राज्यों में अपने 11 अस्पतालों में सालाना 1.25 लाख नए कैंसर मरीजों का पंजीकरण हुआ है जो कि ये एक चिंता का विषय है। इन अस्पतालों में गरीब और जरूरतमंदों की या तो मुफ्त या फिर बहुत सस्ते दामों पर इलाज किया जाता है। (Free and Affordable Cancer Care in India) टीएमसी के हाल ही में नियुक्त निदेशक डॉ. सुदीप गुप्ता बताते हैं कि वर्तमान राष्ट्रीय कैंसर मामले सभी केंद्रों में 13,00,000 हैं, लेकिन अगले 10 से 15 वर्षों में इसके 24,00,000 तक बढ़ने की उम्मीद है। इस अलार्मिंग सिचुएशन को देखते हुए डॉ. गुप्ता ने भारत सरकार को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है जिसमे उन्होंने पूरे देश में कैंसर उपचार के लिए हब-एंड-स्पोक मॉडल के कार्यान्वयन की वकालत की है। इस प्रस्ताव में 30 से 40 देश भर में कैंसर के इलाज के लिए विशेष केंद्र स्थापित करने की बात कही गयी है। इस Cancer Hub in India की मदद से कैंसर के इन केंद्रों के रणनीतिक भौगोलिक वितरण से इलाज और अस्पताल की पहुंच आसानी से सुनिश्चित की जा सकेगी।

कॉरपोरेट कंपनियां खुप करती है टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में सीएसआर

The CSR Journal से ख़ास बातचीत करते हुए Tata Memorial Centre के नवनियुक्त डायरेक्टर डॉ. सुदीप गुप्ता ने बताया कि Tata Cancer Hospital को बड़े पैमाने पर देश की Corporates अपना CSR फंड देती है। CSR for Cancer की मदद से गरीब और जरूरतमंद मरीजों के कैंसर का इलाज संभव हो पा रहा है।सीएसआर की मदद से देश की कॉर्पोरेट कंपनियां बड़े पैमाने पर कैंसर जैसी घातक बिमारियों पर अपना सीएसआर फंड खर्च कर रही है और बड़े स्तर पर टाटा मेमोरियल अस्पताल में सीएसआर की एक्टिविटीज कर रही है। कैंसर से लड़ने के लिए देश की बड़ी सरकारी कंपनियों ने सीएसआर के तहत टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल और सेंटर को दान दिया है, पीएसयू की सीएसआर एक्टिविटीज की वजह से ही अस्पताल में बड़े पैमाने पर सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हो रहा है, सीएसआर की मदद से ही अत्याधुनिक इक्विपमेंट और मशीनें अस्पताल में आ रही है, इन सुविधाओं का सीधा फायदा मरीज ही उठाता है।

मौत देता कैंसर, सीएसआर देती जिंदगी

डॉ. सुदीप गुप्ता ने कुछ कॉरपोरेट्स का नाम गिनवाते हुए उनका शुक्रिया अदा किया और बताया कि इनफ़ोसिस ने अपने CSR Funds से टाटा अस्पताल को आशा निवास बना कर दिया है जिसमे 300 रूम है। मुंबई और महाराष्ट्र के बाहर से आने वाले मरीजों को यहां ठहरने की उत्तम व्यवस्था है जिनके लिए ये आशा निवास बहुत कारगर सिद्द हो रही है। वही बच्चों के लिए भी सीएसआर से रहने के लिए घर प्रोवाइड किये जाते है। बच्चों के इलाज के लिए 6 महीने लग जाते है ऐसे में पीड़ित बच्चे और उनके माता पिता के लिए सेंट जूड इंडिया चाइल्ड केयर सेंटर चलाया जाता है, ये भी सीएसआर से चलाया जाता है। इनके आलावा अन्य मेडिकल उपकरण जो बहुत महंगे होते है वो भी PSU In India और कॉरपोरेट्स द्वारा दिए जाते है। बहरहाल सीएसआर एक ऐसा माध्यम बनता जा रहा है जिससे ना सिर्फ लोगों की जिंदगियों में बदलाव आ रहा है बल्कि कैंसर जैसे घातक बीमारी को भी सीएसआर मात दे रहा है।