मुंबई उपनगर जिले में रह रहे आदिवासी समाज के विकास और सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। महाराष्ट्र के आदिवासी विकास मंत्री अशोक वुईके ने जिले के 222 आदिवासी पाड़ों का व्यापक सर्वेक्षण करने के आदेश दिए हैं।वुईके ने कहा कि कई साल पहले इन पाड़ों का सर्वेक्षण हुआ था, लेकिन वर्तमान में इनकी परिस्थितियां क्या हैं, इसका अद्यतन मूल्यांकन आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री जनमन योजना, आभा योजना, वन पट्टा योजना, और अन्य केंद्र तथा राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ किन-किन आदिवासी लाभार्थियों तक पहुंचा है, यह जानने के लिए यह सर्वे किया जाएगा। Survey of Adivasi Pada in Mumbai
विशेष शिविरों से जाति प्रमाणपत्र की समस्या का समाधान होगा
यह सर्वेक्षण आदिवासी संशोधन व प्रशिक्षण संस्था के माध्यम से किया जाएगा, और इसकी रिपोर्ट 30 मई 2025 तक कोकण विभागीय आयुक्त को सौंपी जानी है। बैठक में उपस्थित मुंबई उपनगर के पालकमंत्री एड. आशिष शेलार ने बताया कि आदिवासी समुदाय के नागरिकों को जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने में काफी कठिनाई होती है। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने जिला प्रशासन को विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जिले में एक भी बालक कुपोषित न रहे, इसके लिए 30 मई तक विशेष पोषण कार्यक्रम चलाया जाएगा। Tribal or Indigenous Peoples News
सीएसआर की मदद से रोजगार के लिए आदिवासी औद्योगिक समूह बनाए जाएंगे
डॉ. वुईके ने बताया कि सरकार सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के माध्यम से आदिवासी युवाओं के लिए औद्योगिक समूह तैयार करेगी।इसका उद्देश्य आदिवासी समाज को स्वरोजगार और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करना है। यह सर्वेक्षण राज्य सरकार को यह समझने में मदद करेगा कि किस योजना का असर वास्तव में जमीन पर है और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। इससे आदिवासी समुदाय के लिए नीतियों के निर्माण और संसाधनों के वितरण में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ेगी।