app-store-logo
play-store-logo
October 25, 2025

सुकन्या समृद्धि योजना: बेटियों के सुनहरे भविष्य की मजबूत आर्थिक नींव

The CSR Journal Magazine
बेटियों की शिक्षा और भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)’ एक बार फिर चर्चा में है। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में इस योजना में जमा राशि पर ब्याज दर 8.2 प्रतिशत तय की है, जो देश की सबसे ऊंची ब्याज दरों में से एक मानी जाती है।

उज्ज्वल भविष्य की गारंटी- सुकन्या समृद्धि योजना 

 बेटियों के उज्जवल भविष्य और शिक्षा को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई “सुकन्या समृद्धि योजना” (SSY) देश की सबसे लोकप्रिय छोटी बचत योजनाओं में से एक बन चुकी है। यह योजना वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत शुरू की गई थी। सरकार का उद्देश्य था कि देश में जन्म लेने वाली हर बेटी को भविष्य में शिक्षा या विवाह के समय आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। दस साल की अवधि में यह योजना करोड़ों परिवारों की पसंद बन चुकी है और अब तक देशभर में लगभग 2.5 से 3 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना- खाता खोलने के नियम

सुकन्या समृद्धि खाता किसी भी डाकघर या अधिकृत बैंक शाखा में खोला जा सकता है। यह खाता केवल 10 वर्ष से कम आयु की बालिका के नाम पर खोला जा सकता है। एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के लिए खाते खोले जा सकते हैं (यदि जुड़वां या तीन बच्चियां एक साथ जन्मी हों तो विशेष छूट दी जाती है)। खाता खोलने के लिए न्यूनतम ₹250 जमा करना आवश्यक है। प्रति वर्ष अधिकतम ₹1.5 लाख तक की राशि जमा की जा सकती है। खाते में हर वित्तीय वर्ष में कम से कम एक बार राशि जमा करना जरूरी है ताकि खाता सक्रिय बना रहे। खाता खुलने की तारीख से 21 वर्ष तक चलता है, या फिर बालिका के विवाह के समय(कम से कम 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर) इसे बंद किया जा सकता है।

ब्याज दर और रिटर्न

वर्तमान में (अक्टूबर 2025 तिमाही के लिए) इस योजना पर सरकार ने 8.2 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर तय की है। यह दर देश की किसी भी अन्य छोटी बचत योजना से अधिक है। ब्याज वार्षिक रूप से चक्रवृद्धि होता है यानी जमा राशि पर ब्याज भी ब्याज अर्जित करता है। यदि कोई माता-पिता नियमित रूप से 15 वर्षों तक हर साल ₹1.5 लाख जमा करते हैं, तो योजना की परिपक्वता पर उन्हें लगभग ₹65 लाख रुपये तक का फंडप्राप्त हो सकता है (अनुमानित रिटर्न दर के अनुसार)।

कर (Tax) में छूट

सुकन्या समृद्धि योजना आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत आती है, जिसके अंतर्गत प्रति वर्ष ₹1.5 लाख तक की राशि टैक्स में छूट के लिए पात्र होती है। साथ ही, इस खाते पर मिलने वाला ब्याज और परिपक्व राशि दोनों ही पूरी तरह टैक्स-फ्री हैं। इस प्रकार, यह योजना EEE (Exempt-Exempt-Exempt) कैटेगरी में आती है, यानी निवेश, ब्याज और निकासी, तीनों ही स्तरों पर कोई कर नहीं लगता।

निकासी (Withdrawal) के नियम और ऑनलाइन सुविधा

खाता खुलने के 18 वर्ष बाद बालिका की उच्च शिक्षा के लिए 50 प्रतिशत तक की राशि निकाली जा सकती है। 21 वर्ष की अवधि पूरी होने पर, संपूर्ण राशि ब्याज सहित निकाली जा सकती है। बालिका के विवाह के समय (कम से कम 18 वर्ष की आयु पर) भी खाता बंद कर संपूर्ण राशि निकाली जा सकती है। अब अधिकांश बैंकों ने ऑनलाइन सुकन्या समृद्धि खाता खोलने और भुगतान की सुविधा शुरू कर दी है। इसके माध्यम से माता-पिता नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग से हर महीने या वार्षिक राशि जमा कर सकते हैं और पासबुक विवरण भी ऑनलाइन देख सकते हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना लाभार्थियों के अनुभव

दिल्ली की निवासी सीमा वर्मा कहती हैं, “मेरी दो बेटियां हैं। हमने दोनों के नाम सुकन्या खाते खोले हैं। इससेहमें यह विश्वास मिला है कि जब वे कॉलेज जाएंगी या शादी करेंगी, तो हमें आर्थिक परेशानी नहीं होगी।” इसी तरह, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में यह योजना ग्रामीण परिवारों में भी तेजी से लोकप्रिय हो रही है। कई पंचायतों ने तो ‘सुकन्या खाता अभियान’ चलाकर गांव की हर नवजात बालिका का खाता खुलवाना शुरू कर दिया है।

सरकार का दृष्टिकोण

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार, यह योजना बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए “मील का पत्थर” साबित हुई है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार निकट भविष्य में डिजिटल SSY कार्ड लॉन्च करने की तैयारी में है, जिससे खाताधारकों को ट्रांजैक्शन ट्रैकिंग और डिजिटल भुगतान में सुविधा मिलेगी। वित्त विशेषज्ञों के अनुसार, सुकन्या समृद्धि योजना दीर्घकालिक निवेश के लिए एक सुरक्षित और स्थिर विकल्प है। यह न केवल बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करती है बल्कि परिवारों में ‘बेटी के जन्म’ को आर्थिक दृष्टि से आश्वासन से जोड़ती है।

सुकन्या समृद्धि योजना- बदलाव की बयार

सुकन्या समृद्धि योजना केवल एक बचत खाता नहीं, बल्कि एक सामाजिक बदलाव का प्रतीक है। इस योजना ने लाखों परिवारों में बेटियों को लेकर सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाया है। आने वाले वर्षों में सरकार इसे और लचीला व डिजिटल बनाने की दिशा में काम कर रही है ताकि हर बेटी आर्थिक रूप से सशक्त औरआत्मनिर्भर बन सके।
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!

Latest News

Popular Videos