Home हिन्दी फ़ोरम श्री सीमेंट के सीएसआर पहल से नॉर्थ ईस्ट में बढ़ेगा रोजगार

श्री सीमेंट के सीएसआर पहल से नॉर्थ ईस्ट में बढ़ेगा रोजगार

255
0
SHARE
 
डेवलपमेंट के मामले में हमेशा से ही पीछे रहने वाले नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में भी विकास के नए-नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। अपने भौगोलिक दिक्कतों की वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर में अब तेजी से सुधार आ रहा है। ना सिर्फ केंद्र और राज्य सरकारें नॉर्थ ईस्ट के डेवलपमेंट में रूचि दिखा रही है बल्कि सीएसआर की भी मदद से नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में तेजी से विकास हो रहा है। चाहे स्वास्थ्य हो या इंफ्रास्ट्रक्चर बड़े बड़े प्रोजेक्ट्स अब नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में आ रही है। कॉरपोरेट की भी मदद हो रही है। अब श्री सीमेंट के सीएसआर पहल से नॉर्थ ईस्ट में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

श्री सीमेंट के सीएसआर से मिलेगा नॉर्थ ईस्ट राज्यों को रोजगार

दरअसल श्री सीमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर एच एम बांगुर ने केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी से मुलाकात किया। मुलाकात के बाद The CSR Journal से बातचीत करते हुए जी किशन रेड्डी ने बताया कि श्री सीमेंट पूर्वोत्‍तर राज्यों के विकास के लिए अपने सीएसआर फंड से सांस्कृतिक प्रसार के साथ-साथ सीएसआर (CSR in North East) की मदद से नॉर्थ ईस्ट (North East) में रोजगार सृजन (Employment Generation in North East) के लिए भी काम करेगी।

सांस्कृतिक प्रसार के लिए भी मददगार होगी श्री सीमेंट लिमिटेड

इसके अलावा एच एम बांगुर ने मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉरपोरेट अफेयर्स की मिनिस्टर निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात किया। स्टैटिक्स मंत्रालय के आकड़ों की मानें तो अरुणाचल प्रदेश (5.7%), मणिपुर (5.6%), असम (4.1%), मिजोरम (3.5%) और त्रिपुरा (3.2%) में अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में बेरोजगारी दर उच्चतम से निम्नतम स्तर तक है। गौरतलब है कि श्री सीमेंट शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के क्षेत्र में अपना सीएसआर खर्च करती है। पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए प्रधानमंत्री सकारात्मक हैं। एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में देश के विकास का नेतृत्व करने की क्षमता है और शेष भारत से पूर्वोत्तर राज्यों के संपर्क को बेहतर बनाने के लिये आधुनिक अवसंरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।

प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न हैं नॉर्थ ईस्ट

पूर्वोत्तर भारत के राज्य पूर्वी एशिया से देश के प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों का प्रवेश द्वारा रहे हैं और यह भविष्य में पूर्वी एशिया के साथ व्यापार, यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पूर्वोत्तर भारत के राज्य प्राकृतिक संसाधनों के मामले में बेहद संपन्न हैं। देश का यह हिस्सा सबसे घने वन्य-क्षेत्रों में से एक है। इस क्षेत्र में उपलब्ध खनिज तेल और गैस के भंडार तथा नदियों का मज़बूत तंत्र ऊर्जा की दृष्टि से इस अत्यंत महत्त्वपूर्ण बनता है। ऐसे में नॉर्थ ईस्ट का विकास देश का विकास ऐसा माना जा रहा है।