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May 24, 2025

25 साल पुराने डबल मर्डर केस में सीरियल किलर राजा कोलंदर को उम्रकैद

 25 साल पुराने दोहरे हत्याकांड में लखनऊ की एक अदालत ने कुख्यात सीरियल किलर राजा कोलंदर और उसके साथी बच्छाराज कोल को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों दोषियों पर 2.50 लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है।

25 साल बाद लखनऊ कोर्ट ने सुनाया फैसला

Serial Killer Raja Kolandar: 25 साल पुराने दोहरे हत्याकांड में लखनऊ की एक अदालत ने कुख्यात सीरियल किलर राजा कोलंदर और उसके साथी बच्छाराज कोल को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों दोषियों पर 2.50 लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है।
राजा कोलंदर का नाम उस समय सुर्खियों में आया था जब पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि वह मारे गए लोगों के भेजे (ब्रेन) का सूप बनाकर पीता था। राजा कोलंदर एक सनकी और बर्बर हत्यारा था, जिसने अपने दुश्मनों की खोपड़ी को फार्म हाउस के पेड़ों पर टांग दिया था और जाति के अनुसार खोपड़ियों को रंगता, नाम लिखता और फिर उनकी अदालत लगाकर सजा सुनाता था। उसकी यह वहशियाना हरकतें पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई थीं। कोलंदर पर इससे पहले भी कई संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें हत्या, अपहरण और नरभक्षी प्रवृत्ति के अपराध शामिल हैं।
यह मामला 2000 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (तब इलाहाबाद) से जुड़ा है, जब दो व्यक्तियों की रहस्यमयी ढंग से हत्या कर दी गई थी। लंबे समय तक चले जांच और सुनवाई के बाद कोर्ट ने आखिरकार शुक्रवार को यह फैसला सुनाया, जो पीड़ित परिवार के लिए किसी बड़ी राहत से कम नहीं है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ‘समाज को ऐसे दरिंदों से सुरक्षित रखने के लिए कठोरतम सजा आवश्यक है। कोर्ट का यह निर्णय कानून व्यवस्था और न्यायपालिका पर आम जन की आस्था को और मजबूत करता है।’

बेटी का नाम रखा आंदोलन, बेटों का अदालत और जमानत

Serial Killer Raja Kolandar: राजा कोलंदर की जिंदगी की कहानी कुछ ऐसी है जिसे सुनकर कोई भी दंग रह जाएगा। यह कहानी अजीब, डरावनी और हैरान कर देने वाली है। आंदोलन, अदालत और जमानत उसकी बेटी और दो बेटों के नाम हैं जो राजा कोलंदर ने ही उन्हें दिए थे। प्रयागराज के शंकरगढ़ के हिनौती गांव का कोलंदर COD छिवकी में चतुर्थ श्रेणी कर्मी था। उसकी हरकतों से उसे सस्पेंड कर दिया गया था। 2000 में पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या में उसका नाम आया था जिसमें उसे 2012 में उम्रकैद हुई थी। पता चला कि वह 14 कत्ल में शामिल है। यही नहीं, इस सनकी ने अपने सहकर्मी की खोपड़ी को उबाल कर उसका रस भी पीया था। सीरियल किलर कोलंदर एक के बाद एक कत्ल करता गया। वह लोगों के शवों को फार्म में गाड़ देता था।

राजा कोलंदर की कहानी पर बनी डॉक्यूमेंट्री

Serial Killer Raja Kolandar: सीरियल किलर राम निरंजन उर्फ राजा कोलंदर की दरिंदगी पर डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी है। ‘Indian Predator: The Diary Of A Serial Killer’ नाम की यह डॉक्यूमेंट्र OTT प्लेटफॉर्म Netflix पर सात सितंबर 2022 को रिलीज की गई थी। 125 मिनट की यह डॉक्यूमेंट्री तीन एपीसोड में है, जिसमें उस समय के पुलिस अफसर, पत्रकार और पीड़ित परिवार के सदस्यों के हवाले से उसकी दरिंदगी के किस्से दिखाए गए हैं। कोलंदर ने अपनी बेटी का नाम आंदोलन और बेटों का अदालत और जमानत रखा था। दूसरे एपीसोड में इनसे बातचीत भी है, जिसमें दोनों अपने पिता को एक अच्छा इंसान बताते हुए उन पर लगे आरोपों को गलत बता रहे हैं। तीसरा एपीसोड दी किंग के नाम से है, जिसमें जेल में बंद राजा कोलंदर से बातचीत दिखाई गई है। जेल अधीक्षक और जेल के कर्मियों से उसके व्यवहार पर बातचीत भी इस एपीसोड में है।

राजा कोलंदर का नाम लेने से आज भी डरते हैं लोग

सीडीओ में कर्मचारी रहा राजा कोलंदर मूलत: शंकरगढ़ के हिनौती गांव का रहने वाला है। उसका एक मकान नैनी के रामसागर तालाब गांव में भी है, जहां उसकी सास अपने नाती के साथ रहती है। राजा कोलंदर की बूढ़ी सास ननकई देवी काफी नाराजगी भरे शब्दों में कहती हैं कि 25-30 साल से तो राजा अपने कर्मों की सजा भोग रहा है। फिर से सजा हो गई। उसने बताया कि राजा कोलंदर के बेटे अदालत और जमानत अपनी पत्नी बच्चों के साथ कमाने खाने परदेश चले गए हैं। जब उसके पास पैसा इक्ट्ठा हो जाता है तो कोलंदर से मिलने जेल चली जाती थी।

पत्रकार के परिवारवाले बोले-फांसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं

शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के बेरी बसहरा गांव के रहने वाले पत्रकार धीरेंद्र सिंह की दिसंबर 2000 में निर्मम हत्या कर उसके शव को जंगल और सिर को रीवा की एक नदी में फेंक दिया गया था। यह मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। धीरेंद्र सिंह के बड़े भाई वीरेंद्र सिंह, जो कि अधिवक्ता हैं, ने बताया कि धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में राजा कोलंदर को पहले ही उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। फांसी की सजा देने के लिए याचिका दायर की गई है। पत्रकार धीरेंद्र सिंह के बड़े पुत्र संदीप सिंह नम आंखों से याद करते हैं कि पिता की हत्या के वक्त उनकी उम्र मात्र चार साल थी। छोटी बहन नेहा एवं छोटे भाई राहुल की उम्र और भी कम थी। पिता की हत्या के छह महीने बाद मां मीना सिंह की भी एक हादसे में मौत हो गई थी। दादा वीरेंद्र सिंह ने ही हम लोगों का पालन पोषण किया। दो वर्ष पूर्व छोटे भाई की भी मौत हो गई। बहन का विवाह भी दादा ने ही कराया। संदीप ने कहा, ‘कोलंदर ने तो मेरा पूरा परिवार ही उजाड़ दिया। ऐसे खुंखार हत्यारे के लिए फांसी से कम कोई सजा नहीं होनी चाहिए।’

खंडहर बन गया है कोलंदर का पैतृक घर

 शंकरगढ के हिनौती पांडे गांव स्थित राम निरंजन ऊर्फ राजा कोलंदर का घर खंडहर में तब्दील हो चुका है। पड़ोसियों ने बताया कि लगभग तीस वर्षों से उसके घर में ताला ही लगा हुआ है, यहां कभी कोई नहीं आता है! राजा कोलंदर अपने दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए इतना क्रूर था कि वह उनके दिमाग को उबालकर उसका सूप पीता था।  शव के बाकी हिस्से सुअरों के सामने और जंगलों में फेंक देता था। राजा कोलंदर का इतिहास आपराधिक था, लेकिन उसने पहली हत्या 1998 में की थी। उसके बाद उसका खौफनाक सफर जारी रहा, जो पत्रकार की हत्या तक पहुंचा।

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