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April 20, 2025

समृद्धि महामार्ग को मिलेगा AI-संचालित ट्रैफिक सिस्टम

Samruddhi Expressway पर Intelligent Traffic System (ITS) स्थापित करने का कार्य तेजी से चल रहा है। ITS में ओवरस्पीडिंग, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग, एक्सप्रेसवे/सुरंगों पर अनधिकृत पार्किंग, ओवरलोडिंग, सीट बेल्ट और लेन अनुशासन से संबंधित 17 प्रकार के यातायात उल्लंघनों का पता लगाने की क्षमता होगी। 500 KM से अधिक Cable Duct (ITMS) के लिए परियोजना कार्यान्वयन प्राधिकरण, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) के अनुसार, ऑप्टिकल फाइबर और विद्युत केबल बिछाने का काम प्रगति पर है, और आज तक 500 किलोमीटर से अधिक केबल डक्ट स्थापित किये जा चुके हैं। इस परियोजना का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, आपातकालीन स्थिति में समय पर सहायता प्रदान करना, यातायात नियमों को लागू करना तथा न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ कुशल टोल संग्रह करना है।

AI बनाएगा Samruddhi Expressway को और स्मार्ट

Samruddhi Expressway पर ITS परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एनसीसी लिमिटेड और एमनेक्स इन्फोटेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के एक संघ को कार्य आदेश दिया गया था। इस बीच, ठाणे में इगतपुरी और अमने के बीच Samruddhi Expressway के अंतिम 76 किलोमीटर हिस्से का जल्द ही उद्घाटन किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इस सड़क को 1 मई को महाराष्ट्र दिवस पर खोलने की योजना है। Mumbai Vadodara Express Way Connection-Samruddhi Expressway का उद्घाटन समारोह PM Modi द्वारा संचालन किये जाने की संभावना है। इस मार्ग का उद्घाटन प्रगति पर है, क्योंकि निर्माणाधीन मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे कनेक्शन का कार्य भी अंतिम चरण में है। 76 किलोमीटर का यह मार्ग कसारा घाट को बाईपास करेगा तथा अमने और इगतपुरी के बीच यात्रा का समय 90 मिनट से घटाकर मात्र 40 मिनट कर देगा। वर्तमान में, नागपुर और इगतपुरी टाउन के बीच 625 किलोमीटर लंबा Sammruddhi Highway विभिन्न चरणों में यातायात के लिए खुला है। पूर्ण हो चुके 701 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर से नागपुर और ठाणे के बीच यात्रा का समय 16 घंटे से घटकर मात्र आठ घंटे रह जाने की उम्मीद है, क्योंकि अंतिम मार्ग यातायात के लिए खुल गया है।

भारत के ज्यादातर शहरों में जल्द लागू होगी AI-संचालित ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली

‘TRAFFIC MANAGEMENT SYSTEM’ AI सिस्टम के इस्तेमाल से भारत की ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली में बड़ा बदलाव आ सकता है। भारत के ज्यादातर शहरों में जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जाएंगे, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका सके, साथ ही ट्रैफिक की भीड़भाड़ को कम किया जा सके। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय विभिन्न राज्य सरकारों के साथ AI संचालित ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली लागू करने पर चर्चा और उसे बढ़ावा देने के लिए बैठक कर रहा है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में ट्रैफिक प्रवाह को सुगम बनाना और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए AI का लाभ उठाना है। यह सिस्टम उन्नत ट्रैफिक सिग्नल नियंत्रण, रीयल टाइम में भीड़भाड़ का पता लगाने और कैमरा सिस्टम का उपयोग करके नियमों के उल्लंघन की स्वचालित निगरानी के लिए काम करेगा। केंद्र सरकार महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु जैसे प्रमुख राज्यों के अधिकारियों के साथ AI संचालित ट्रैफ़िक सिस्टम प्रणाली पर चर्चा कर रही है।

सड़कों पर कैसे काम करेगा AI

AI संचालित ट्रैफिक मॉनिटरिंग कैमरों, सेंसर और IOT Devices से रीयल-टाइम डेटा का इस्तेमाल करके सड़क की स्थिति का विश्लेषण करती है और घटनाओं का तेजी से पता लगाती है। उन्नत कंप्यूटर विजन और डीप लर्निंग एल्गोरिदम दुर्घटनाओं, रुके हुए वाहनों या असामान्य ट्रैफिक पैटर्न की पहचान करने के लिए इस डेटा को प्रोसेस करते हैं। सिस्टम मामूली धीमी गति और गंभीर व्यवधानों के बीच अंतर कर सकता है, जिससे सटीक घटना का पता लगाना सुनिश्चित होता है। एक बार समस्या की पहचान हो जाने पर, यातायात नियंत्रण केंद्रों, आपातकालीन कार्यकर्ताओं और नेविगेशन ऐप को स्वचालित अलर्ट भेजे जाते हैं, जिससे देरी को कम करने और सुरक्षा में सुधार करने के लिए त्वरित कार्रवाई संभव हो जाती है।

यातायात प्रबंधन के लिए AI का उपयोग करने वाले शहर

भारत में दिल्ली, चंडीगढ़, पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता कुछ ऐसे शहर हैं, जहां AI -आधारित यातायात प्रबंधन प्रणाली पहले से ही काम कर रही है। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर AI सिस्टम रीयल टाइम में यातायात उल्लंघनों का पता लगाता है, पुलिस के प्रयासों में सहायता करता है और दुर्घटनाओं में कमी लाने में योगदान देता है। 2021 और 2023 के बीच, इस AI सिस्टम ने 13 लाख से अधिक उल्लंघनों की पहचान की। चंडीगढ़ शहर में 2,000 से अधिक AI-आधारित CCTV कैमरे लगाए गए हैं जो यातायात उल्लंघनों का स्वचालित रूप से पता लगाने और रिकॉर्ड करने में सक्षम हैं। बेंगलुरु में 165 चौराहों पर अनुकूल यातायात नियंत्रण प्रणाली (BATCS) लागू है। AI Algorithm सिस्टम का उपयोग वाहनों की संख्या की निगरानी करता है और सिग्नल टाइमिंग में सुधार करता है, जिससे देरी में काफी कमी आती है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सड़क सुरक्षा को बढ़ाने और ट्रैफिक को अधिक कुशलता से मैनेज करने के लिए ट्रैफिक मॉनिटरिंग AI समाधान भी अपनाए हैं। इन नेटवर्क्स पर सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन फीड को लाइव स्ट्रीम करने के साथ, सड़कों पर AI Algorithm किए जाने वाले सभी ट्रैफिक अपराधों को पहचान सकते हैं।

 ब्लैक स्पॉट में सुधार

ब्लैक स्पॉट सड़क का वह हिस्सा है, जहां बार-बार सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। ब्लैक स्पॉट को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिए भारत सरकार ने अल्पकालिक उपाय करने के लिए कदम उठाए हैं, जैसे कि रोड मार्किंग, साइनेज, क्रैश बैरियर, रोड स्टड, डिलिनेटर आदि. ब्लैक स्पॉट के स्थायी सुधार के लिए सड़क ज्यामितीय सुधार, जंक्शन सुधार, कैरिजवे का चौड़ीकरण, अंडरपास/ओवरपास का निर्माण आदि जैसे दीर्घकालिक उपाय भी किए गए हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय ने 2024-25 तक सुधार के लिए 13,795 दुर्घटना संभावित ब्लैक स्पॉट की पहचान की है। इनमें से 4,777 ब्लैक स्पॉट को दिसंबर 2024 तक स्थायी उपायों के जरिये सुधारा गया है, जबकि 9,525 ब्लैक स्पॉट पर अल्पकालिक सुधार उपाय किए गए हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल (1253), कर्नाटक (1217) और आंध्र प्रदेश (1202) सबसे ज्यादा ब्लैक स्पॉट वाले तीन शीर्ष राज्य हैं।

आपात देखभाल प्रतिक्रिया को मजबूत करना

Experts के मुताबिक़, भारत रीयल टाइम में दुर्घटना का पता लगाने और त्वरित बचाव तंत्र के साथ मजबूत प्री-हॉस्पिटल आपातकालीन प्रणाली स्थापित करके सड़क सुरक्षा में आपात देखभाल प्रतिक्रिया को बढ़ा सकता है। 112-आपात हेल्पलाइन का विस्तार करना, उन्नत जीवन रक्षक एंबुलेंस की उपलब्धता बढ़ाना और त्वरित घटना की पहचान के लिए AI संचालित ट्रैफिक निगरानी का उपयोग करना महत्वपूर्ण कदम हैं।

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