Sambar, एक South Indian करी, जिसका नाम सुनते ही आपका मन दक्षिण भारत की खुशबू से भर जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दक्षिण भारतीय रसोई की इस चटपटी स्वादिष्ट करी का संबंध मराठा साम्राज्य के महाराज Sambhji से है! जी हाँ,दरअसल इस करी का नाम Sambar, Sambhaji Raje के नाम से ही पड़ा है। हालांकि कुछ लोग इस तथ्य का खंडन भी करते हैं।
Sambar का क्या Connection है Sambhaji Raje के साथ
Maharashtrian पारंपरिक पाककला को Thanjavur के मराठा शासक, Shahuji के काल (1684-1712) में चलन में ले आए। इन्ही में से एक Amti भी थी। Amti महराष्ट्रीयन रसोई में खास और आम, हर मौके पर पकाई जाती है। Sambhaji के लिए Amti बनाते वक्त शाही रसोइये को Kokam नहीं मिली जिससे Amti में खट्टा चटपट स्वाद आता है। रसोइये ने Amti का स्वाद बरकरार रखने के लिए उसमे इमली मिला दी जिससे एक बिल्कुल नई Dish तैयार हो गई। इमली ने उस करी को एक अनोखा स्वाद दे दिया। ये नई Dish जब Sambhaji को परोसी गई, वे उंगलियां चाटते रह गए। तभी से इस नए व्यंजन का नाम Sambar पड़ गया। ये नई Dish अब शाही रसोई का एक जरूरी हिस्सा बन गई।
Thanjavur से Tamil तक
Sambar, Thanjavur की रसोई से निकलकर Tamil घरों तक पहुंचा जहां इसका मिलन सरसों के दानों, करी पत्ते और सब्जियों से हुआ। दक्षिण भारत के जिस भी राज्य में Sambar पहुंचा, हर जगह इसका रूप बदलता गया। Tamilnadu ने इसकी थोड़ी Boldness बढ़ाई, Karnataka ने थोड़ी मिठास। Kerala ने इसका संगम नारियल से करवाया, तो Andhra प्रदेश ने मसालों से। Sambar भले ही Maharashtrian रसोई से पैदा हुआ, लेकिन Convert होकर ये पूरी तरह South Indian बन गया।
देश भर की रसोई पर कब्ज़ा जमा लिया
शाही रसोई से शुरू हुआ Sambar का सफर देश के हर प्रांत की रसोई तक पहुंच गया, Tamilnadu से Karnataka तक, Kerala से Andhra Pradesh तक! आज देश के हर हिस्से में करीब 50 अलग अलग तरीके से Sambar बनाया जाता है। शाही मराठा रसोइए की एक गलती ने South Indian रसोई का ज़ायका बदल दिया!