देश भर में गुस्सा है, उबाल है, बवाल है, कई सवाल है, लेकिन जवाब अभी तक किसी के पास नही है, बदला लिया जायेगा, पाकिस्तान को सबक सिखाया जायेगा, चुन चुन कर आतंकियों को मारा जायेगा, हर एक हिंदुस्तानी के कलेजे में लगी आग को बुझाया जायेगा, बदले की आग में समूचा हिंदुस्तान जल रहा है, इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारे देश की सुरक्षा एजेंसियां बदला लेंगी, पाकिस्तान के भीतर घूसकर मारेंगी और इंसानियत के दुश्मनों को, देश के दुश्मनों को सबक जरूर सिखाएगी।
इतनी बड़ी घटना हो गयी, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ जवानों पर आत्मघाती हमला हुआ है, सीआरपीएफ काफिले पर उच्च तीव्रता वाले आईईडी विस्फोट से आत्मघाती हमला किया गया, इस हादसे में 42 जवान शहीद हुए हैं, इस हमले की जिम्मेदारी मौलाना मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
अब सवाल उठ रहा है कि क्या इसे टाला नहीं जा सकता था, आखिरकार शहादत क्यों, हर बार पाकिस्तान को मुहतोड़ जवाब देने की बात होती है लेकिन कायराना हरकत से पाकिस्तान बाज नहीं आता, पाकिस्तान को क्यों हम ऐसी सबक नहीं सीखा पाते है कि वो हमेशा हमेशा के लिए याद रखे, घटना में चूक हुई या नहीं, स्थानीय शह मिली या नहीं, आतंकियों ने आखिरकार इस आतंकवादी हमले को कैसे अंजाम दिया ये सब जांच का विषय लेकिन पाकिस्तान फिर ऐसी हरकत ना करे इसलिए अब देश को ऐसे कदम उठाने चाहिए ताकि पाकिस्तान फिर से एक गोली दागने से पहले सौ बार सोचे।
देश के गुस्से और दुःख को देखते हुए सभी राजनितिक पार्टियां एक साथ है, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दो टूक कह दिया कि जवाब मिलेगा, करारा जवाब, भारत की तरफ से पाकिस्तान को घेरने के लिए पहला कदम भी उठा लिया गया है भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक वार के साथ ही कारोबारी झटका देते हुए उससे ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा वापस ले लिया है।
निश्चित तौर पर मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिए जाने से पाकिस्तान को थोड़ा झटका लगेगा। साथ ही विकल्पों की बात करें तो कूटनीतिक स्तर पर भारत पाकिस्तान को शिकस्त देगा। परिस्थिति से निबटने के लिए मोदी सरकार एक तो साल 2016 की तरह पाक अधिकृत कश्मीर में एक और सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है।
साथ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ भारत इस मुद्दे को साझा कर सकता है, जिन्होंने अगस्त 2017 में पाकिस्तान की इस बात के लिए आलोचना की थी कि अफगानिस्तान में आतंकियों के मददगारों और आतंकी समूहों के लिए वह सुरक्षित पनाहगार रहा है, उसके बाद ही अमेरिका ने इस्लामाबाद को सैन्य मदद में कटौती की थी।
इसके अलावा पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित कर उसे दुनिया से अलग-थलग करने के मिशन के तहत भारत ने विभिन्न देशों में स्थित अपने उच्चायोगों, दूतवासों और संयुक्त राष्ट्र के मिशन के जरिए कूटनीतिक संपर्क साधना शुरू कर सकती है। इस आतंकी हमले के बाद बैठकों का दौर शुरू हुआ है अब देखते है कि इन बैठकों का अंजाम क्या होगा।