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July 1, 2025

RBI ने दिखाई अपने ख़ज़ाने की पहली झलक, डॉक्यूमेंट्री ‘RBI Unlocked: Beyond The Rupee’ में 

RBI देश की वित्तीय ताकत का प्रतीक है, जो Gold Reserve और Currency Notes Production में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल ही में JioHotstar पर जारी डॉक्यूमेंट्री RBI Unlocked: Beyond the Rupee के ज़रिए RBI प्रोडक्शन की प्रक्रिया को जनता के सामने लाया है।

RBI की 90 साल की यात्रा

‘RBI Unlocked: Beyond the Rupee’, Chalkboard Entertainment द्वारा निर्मित इस डॉक्यूमेंट्री में RBI की 90 साल की यात्रा को दिलचस्प ढंग से दिखाया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे यह संस्थान सिर्फ नोट छापने वाला या ब्याज दर तय करने वाला नहीं, बल्कि एक पूर्ण वित्तीय प्रहरी बन चुका है। Reserve Bank Of India RBI ने पहली बार अपनी ‘गोल्ड वॉल्ट’ (Gold Walt) की झलक देते हुए बताया है कि 1991 के आर्थिक संकट के बाद उसने देश का स्वर्ण भंडार कई गुना बढ़ाया और अब यह करीब 870 टन तक पहुंच गया है। हाल ही में जियो हॉटस्टार पर शुरू हुई पांच भागों की डॉक्यूमेंट्री ‘RBI Unlocked: Beyond the Rupee’ में यह जानकारी दी गई है। RBI ने बताया कि वह अपने सोने का भंडार किस रूप में रखता है और करेंसी नोट किस प्रकार छापता है।

RBI ईंटों में रखता है Gold

डॉक्यूमेंट्री में कहा गया कि RBI पूरा सोना बेहद सुरक्षित स्थानों पर 12.5 किलो की ईंटों के रूप में रखता है और सिर्फ कुछ गिने-चुने लोगों को ही इन तिजोरियों तक पहुंच है। RBI के एक अधिकारी ने डॉक्यूमेंट्री में कहा, “सोना सिर्फ धातु नहीं बल्कि देश की ताकत है। देश बनते-बिगड़ते रहेंगे, अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव आएगा, लेकिन सोना अपनी कीमत बनाए रखेगा।” भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने सोने के भंडार को काफ़ी बढ़ावा दिया है। वित्त वर्ष 24-25 में 57.5 टन की ख़रीद की और 2022 से 214 टन की वापसी की। इस रणनीतिक कदम का उद्देश्य डॉलर की अस्थिरता से बचाव करना और रुपये की वैश्विक भूमिका का समर्थन करते हुए भारत के विदेशी मुद्रा आधार को मज़बूत करना है।

कहां छिपा है भारत का खजाना

RBI का गोल्ड वॉल्ट सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में फैले हैं। इनमें सबसे सुरक्षित और गोपनीय जगहें हैं:
  1. नासिक (महाराष्ट्र)
  2. सालबोनी (पश्चिम बंगाल)
  3. मैसूर (कर्नाटक)
  4. देवास (मध्य प्रदेश)
इनमें कुछ जगहों पर न केवल सोने को स्टोर किया जाता है, बल्कि यहीं भारत की मुद्रा छपाई और सिक्योरिटी पेपर प्रोडक्शन की भी व्यवस्था है।

1991 के संकट के बाद बढ़ाया सोने का भंडार

बहुत कम लोगों को पता है कि आज जिस खजाने पर हम गर्व करते हैं, उसकी कहानी शुरू हुई थी एक संकट से! 1991 में भारत पर आर्थिक संकट इस कदर हावी था कि सरकार को 67 टन सोना विदेश में गिरवी रखना पड़ा। ये एक ऐसा समय था जब विदेशी मुद्रा भंडार एक हफ्ते की भी जरूरतों को पूरा करने के लिए नाकाफी था। साल 1991 में चंद्रशेखर सरकार ने भुगतान संतुलन संकट से निपटने के लिए गोल्‍ड को गिरवी रख दिया था। 4 से 18 जुलाई 1991 के बीच RBI ने 400 मिलियन डॉलर जुटाने के लिए बैंक ऑफ इंग्‍लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास 46.91 टन सोना गिरवी रखा था।
इसके बाद RBI ने सबक लिया और सोने के भंडार को बढ़ाना शुरू किया। यह आज का खजाना उसी दूरदर्शिता का नतीजा है। 20 जून को समाप्त सप्ताह में RBI के आंकड़ों के अनुसार, देश का स्वर्ण भंडार मूल्य के हिसाब से 85.74 अरब डॉलर रहा।

नोट छपाई में अब ‘Make In India’ का असर

RBI की इस डॉक्यूमेंट्री में पहली बार दिखाया गया कि आज भारत दुनिया के सबसे बड़े करेंसी नोट (Currency Notes) उत्पादकों में से एक है। 2 मई 2025 की स्थिति के अनुसार, देश में कुल 13,000 करोड़ करेंसी नोट चलन में हैं जिनका मूल्य 38.1 लाख करोड़ रुपये है। RBI की पूर्व डिप्टी गवर्नर ऊषा थोराट ने बताया कि पहले नोटों की छपाई के लिए कागज विदेश से आता था। यह कागज दुनिया की कुछ ही कंपनियां बनाती थीं और इन पर बाजार का दबदबा था। 2010 में कई नकली नोट इस कदर असली जैसे लगते थे कि असली-नकली में फर्क करना मुश्किल हो गया था।

अब नोट छपाई की हर चीज भारत में बनती है

इस चुनौती से निपटने के लिए RBI ने देवास (मध्यप्रदेश), सालबोनी (पश्चिम बंगाल), नासिक (महाराष्ट्र) और मैसूर (कर्नाटक) में कागज निर्माण की यूनिटें लगाईं। अब करेंसी नोट में इस्तेमाल होने वाला कागज, इंक और अन्य सभी चीजें देश में ही बनती हैं। RBI ने कहा कि नोटों के लिए कागज बेकार हो चुके कपास (कॉटन वेस्ट) से बनाया जाता है, जो कपड़ा मिलों का उप-उत्पाद होता है।

नोटों में 50 से अधिक सुरक्षा फीचर्स

डॉक्यूमेंट्री में यह भी बताया गया कि भारतीय बैंक नोटों में 50 से ज्यादा सुरक्षा फीचर्स होते हैं। इनमें से कई फीचर्स जैसे सुरक्षा धागा, वाटरमार्क, लैटेंट इमेज तो लोगों को दिखाई देते हैं, लेकिन कई विशेषताएं ऐसी होती हैं जिन्हें सिर्फ स्पेशल उपकरणों से ही देखा जा सकता है।

पहली बार हुआ RBI का Unlock

डॉक्यूमेंट्री ‘RBI Unlocked’ में दिखाया गया है कि किस तरह से केंद्रीय बैंक:
1. ब्याज दरों का निर्धारण करता है
2. बैंकों की निगरानी करता है
3. आर्थिक नीति बनाता है
और सबसे महत्वपूर्ण- कैसे वह देश की जनता की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है। RBI का यह कदम केवल डॉक्यूमेंट्री नहीं है, बल्कि एक नई पारदर्शिता की शुरुआत है।
इतिहास में पहली बार RBI ने इतना गोपनीय खजाना दुनिया के सामने खोला है। इसके पीछे तीन बड़े उद्देश्य हैं। जनता का विश्वास जीतना, भारतीय वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता लाना, देश की आर्थिक ताकत को दुनिया को दिखाना।
जैसे-जैसे भारत विश्व की टॉप 3 इकोनॉमीज़ की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इसकी संस्थाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। अगर आप भी इस ऐतिहासिक खजाने को देखना चाहते हैं, तो अभी Jio Hotstar पर ‘RBI Unlocked: Beyond the Rupee’ देखें। इसमें सोने की तिजोरियों की रियल फुटेज, मुद्रा छपाई की आंतरिक प्रक्रिया, RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर, अधिकारियों और विशेषज्ञों के अंदरूनी खुलासे, और भारत की आर्थिक ताकत की पूरी कहानी है।

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