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बरसात में अब नहीं डूबेगा दो करोड़ के सीएसआर से बना चक्रपथ

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बरसात में अब नहीं डूबेगा दो करोड़ के सीएसआर से बना चक्रपथ
 
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में बरसात के दिनों में बाढ़ के पानी से चक्रपथ पूरी तरह जलमग्न हो जाता था और ये चक्रपथ रोड आवागमन के लिए पूरी तरह से बंद हो जाता था लेकिन रायगढ़ के पूर्व कलेक्टर तारण सिंहा के प्रयास से लगभग दो करोड की लागत से चक्रपथ का जीर्णोद्धार हो चुका है जिससे अब बरसात के दिनों में इस रोड पर जलभराव से शहरवासियों को निजात मिलेगी। लंबे समय से चक्रपथ की उंचाई बढ़ाने को लेकर रेलवे विभाग से अनुमति का मामला लटका हुआ था और पदभार संभालते हुए पूर्व कलेक्टर Taran Sinha ने न सिर्फ परमिशन दिलवाने में देरी लगाई बल्कि अनुमति मिलते ही पीडब्ल्यूडी विभाग को चक्रपथ की उंचाई बढाने की जिम्मेदारी सौंपते हुए समय सीमा के भीतर इसे पूरा करने को कहा था।

पूर्व कलेक्टर तारण सिन्हा की पहल से बना चक्रपथ, जिंदल ने अपने सीएसआर पहल से दिया 2 करोड़

रायगढ़ के पूर्व कलेक्टर तारण सिंहा ने रायगढ़ की बरसो पुरानी समस्या को लेकर एक बड़ी पहल शुरू की थी और चक्रपथ के उंचाई बढ़ाने का काम प्राथमिकता से कराया था। इस मामले में पहले रेलवे द्वारा चक्रपथ के निर्माण कार्य में अनुमति देने में आनाकानी की जा रही थी लेकिन पूर्व कलेक्टर के प्रयास से चक्रपथ की उंचाई बढाने में सहमति आखिरकार मिल गई। जिसके बाद JSPL के CSR फंड से करीब दो करोड स्वीकृत कराये और यह काम पीडब्लयूडी विभाग को सौंपा गया। अब लगभग एक साल के भीतर चक्रपथ का जीर्णोद्धार हो चुकी है।

बरसात के समय पानी में समा जाता था चक्रपथ, सीएसआर से मिलेगी राहत

चक्रपथ रायगढ़ शहर का वह रोड है जिससे चक्रधर नगर के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट व कलेक्टर ऑफिस जाने के लिये बरसात के समय में काफी दिक्कत होती थी और कई दिनों तक ये रोड बंद हो जाता था और शहर के दूसरे हिस्से से इसकी कनेक्टिविटी कट जाती थी। इस समस्या को देखते हुए पूर्व कलेक्टर तारण सिन्हा ने चक्रपथ की ऊंचाई बढ़ाने के काम को न केवल अनुमति दी बल्कि रेलवे विभाग से भी सहयोग लेते हुए वहां आने वाले रूकावटों को भी दूर किया। अब चक्रपथ को लगभग 5 फीट उंचा कराते हुए डामरीकरण कराया गया है। जिससे आने वाले बरसात के दिनों में भी केलो नदी का बाढ़ का पानी चक्रपथ में नहीं घुस सकेगा और इस मार्ग में आवागमन हो सकेगा।

CSR से बना चक्रपथ, लोगों को मिली राहत

कई सालों से चक्रपथ बरसात के समय बाढ़ के पानी से पूरी तरह डूब जाता था जिसकी वजह से आम जनता को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इतना ही नही चक्रपथ में आवागमन बंद हो जाने से पूरा दबाव रेलवे फाटक पर पडता था और वहां लंबे जाम से शहरवासियों को परेशानी उठानी पड़ती थी। इसकी ऊंचाई बढ़ाने को लेकर कई बार नेताओं ने भी प्रयास किये और कई पूर्व कलेक्टरों ने भी इस पर निर्माण कार्य करने की बात तो कही थी लेकिन कोई भी अधिकारी रेलवे विभाग से चक्रपथ की ऊंचाई बढ़ाने की अनुमति नहीं ले पाया। लेकिन पूर्व कलेक्टर सिन्हा ने आम जनता को होनें वाली इस परेशानी को देखते हुए रायगढ़ के पूर्व कलेक्टर तारन सिन्हा ने चक्रपथ की उंचाई बढ़ाने की पहल की और आज यह मार्ग महज एक साल के भीतर पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है। इस चक्रपथ को बनाने में दो करोड़ रुपये का सीएसआर (Corporate Social Responsibility) फंड से स्वीकृत कराये थे।