Paytm की पूर्व कर्मचारी ने एक साधारण सोच को 250 करोड़ की कंपनी में बदला, कभी वेंडिंग मशीन का मतलब था चिप्स, चॉकलेट और कोल्ड ड्रिंक, लेकिन प्रेरणा कालरा ने ख़ुद से पूछा, “क्या मशीन से घर जैसा खाना नहीं मिल सकता?” लोगों ने हंसी उड़ाई, पर उसने सपने उड़ाए- “अगर ATM पैसे दे सकता है, तो खाना क्यों नहीं?” और आज, वही सोच बन गई है 250 करोड़ का स्टार्टअप- जिसका नाम है Daalchini। 4000+ मशीनें, 110+ शहर, लाखों ग्राहक! क्योंकि सफलता उन्हीं को मिलती है, जो दुनिया की आदत नहीं, दुनिया की जरूरत पहचानते हैं- “सोच बदलो, और दुनिया बदल जाएगी।”
प्रेरणा कालरा ने एक साधारण आइडिया को 250 करोड़ के स्मार्ट-रिटेल बिज़नेस में बदला
भारत में वेंडिंग मशीनों का नाम आते ही लंबे समय तक लोगों के मन में सिर्फ एक तस्वीर आती थी- चिप्स, चॉकलेट और कोल्ड ड्रिंक से भरी मशीनें! यह माना जाता था कि वेंडिंग मशीनें सिर्फ स्नैक्स देने के लिए बनी हैं। लेकिन इसी सोच के बीच एक महिला ने सवाल उठाया, “क्या मशीन से घर जैसा ताज़ा खाना नहीं मिल सकता?” और इस सवाल के साथ शुरू हुआ उस विचार का सफर, जिसने भारत में स्मार्ट ईटिंग और डिजिटल फूड सर्विस को नया चेहरा दिया। इस सफर की नायक हैं प्रेरणा कालरा, जिन्होंने Daalchini Smart Vending Network की शुरुआत की और इसे भारत की तेजी से बढ़ती हुई हेल्दी फूड टेक कंपनियों में बदल दिया।
Paytm से Daalchini तक- प्रेरणा कालरा की अलग सोच
प्रेरणा कालरा की कहानी की शुरुआत हुई Paytm से, जहां वह तीसरी कर्मचारी के रूप में शामिल हुई थीं। डिजिटल टेक्नोलॉजी, फिनटेक और उपभोक्ता व्यवहार को समझने का मौका उन्हें यहीं मिला। लेकिन यह विचार उन्हें तब आया जब एक वर्क ट्रिप पर वह लंबे समय तक सही भोजन नहीं तलाश पाईं और उन्हें मजबूरी में पैक्ड स्नैक्स या जंक फूड खाना पड़ा। यह समस्या सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि करोड़ों नौकरीपेशा युवाओं, कॉलेज छात्रों और यात्रियों की थी, जिन्हें बाहर हेल्दी और ताज़ा खाना मिलने में मुश्किल होती थी। इसी अनुभव ने उनके मन में यह सोच पैदा की कि अगर बैंकिंग के लिए ATM हैं, तो खाने के लिए भी ऐसी तकनीक क्यों न हो, जो लोगों को जब चाहे तब गुणवत्ता वाला खाना दे सके।
लीक से हटकर सोच, पर हिम्मत नहीं हारी
2016 में उन्होंने इस विचार पर काम शुरू किया। यह आसान नहीं था, क्योंकि भारत में ताज़ा और गर्म भोजन को मशीन के माध्यम से उपलब्ध कराने की तकनीक उस समय मौजूद नहीं थी। उन्हें मशीन, तापमान नियंत्रण, खाना ताज़ा रखने की व्यवस्था, डिजिटल पेमेंट सिस्टम, डिलीवरी मॉडल, और आपूर्ति श्रृंखला जैसे कई पहलुओं पर काम करना पड़ा। शुरुआती चरण में लोगों को यह विचार बहुत असामान्य लगा, लेकिन प्रेरणा ने हिम्मत नहीं हारी।
Delhi NCR से शुरू हुआ सफ़र
2019 में उन्होंने आधिकारिक रूप से Daalchini लॉन्च की। पहली मशीन दिल्ली-एनसीआर के एक ऑफिस में लगाई गई और लोगों की प्रतिक्रिया उम्मीद से बेहतर थी। लोग चकित थे कि एक मशीन से उन्हें इडली-सांभर, रोटी-सब्ज़ी, खिचड़ी, दाल-चावल या सलाद जैसे ताज़ा भारतीय व्यंजन मिल सकते हैं। मशीनें पूरी तरह IoT यानी इंटरनेट-आधारित तकनीक से संचालित थीं, जिससे खाना हमेशा ताज़ा रहे और मशीन बिना देखरेख के भी चल सके।
Lockdown में दुनिया थमी, नहीं रुकी दालचीनी
2020 में जब कोरोना महामारी आई, तब लोगों को संपर्करहित और सुरक्षित खाने के तरीकों की जरूरत बढ़ गई। यही वजह थी कि दालचीनी ने लॉकडाउन के दौरान भी तेजी से विस्तार किया। ऑफिस बंद थे, लेकिन हस्पताल, कंपनियों के कैंपस, हॉस्टल, मेट्रो स्टेशन और पब्लिक प्लेसेस पर इन मशीनों ने लोगों को सुरक्षित और पैक्ड भोजन उपलब्ध कराया। धीरे-धीरे लोगों में मशीन से खाना लेने का भरोसा बढ़ा और कंपनी की लोकप्रियता भी।
महिला सशक्तिकरण की राह
आज Daalchini सिर्फ मशीनों का नेटवर्क नहीं बल्कि एक बदलाव का प्रतीक है। इस कंपनी की 4000 से अधिक मशीनें अब भारत के 110 से ज्यादा शहरों में लगी हैं और हर दिन लाखों लोग इसका भोजन लेते हैं। खास बात यह है कि इस कंपनी ने सिर्फ ग्राहकों की समस्या का समाधान नहीं किया बल्कि हजारों महिलाओं और घरेलू कुक्स को भी नया मंच दिया। कई महिला होम शेफ अब दालचीनी के माध्यम से अपनी कमाई का साधन बना चुकी हैं और अपने छोटे किचन को बिजनेस में बदल रही हैं।
QR स्कैन से मिलता गरमागरम भोजन
प्रेरणा कालरा कहती हैं कि भारतीय लोग सिर्फ सुविधा नहीं चाहते, बल्कि ऐसा खाना चाहते हैं जिसमें स्वाद और सेहत दोनों हो। उस जरूरत को समझते हुए दालचीनी लगातार अपने मेन्यू में पारंपरिक भारतीय व्यंजन, लो-कैलोरी फूड, मिलेट बेस्ड भोजन और डाइट-फ्रेंडली विकल्प जैसे पोहे, इडली, पाव-भाजी, रोटियां, राजमा-चावल, सलाद जोड़ रही है। मशीन से खाना लेने का अनुभव भी बेहद आसान है। आप मशीन के सामने फोन स्कैन करते हैं, UPI या कार्ड से भुगतान करते हैं और कुछ ही सेकंड में गरम ताज़ा खाना आपके हाथ में होता है।
डिजिटल इंडिया की नई पहचान ‘दालचीनी’
भारत के बदलते जीवनशैली के दौर में, जहां लोग तेज़ रफ्तार जिंदगी जी रहे हैं, दालचीनी जैसे मॉडल यह साबित कर रहे हैं कि तकनीक अगर सही दिशा में इस्तेमाल हो, तो वह जीवन को आसान, स्वस्थ और बेहतर बना सकती है। यह स्टार्टअप सिर्फ एक कंपनी नहीं बल्कि यह संदेश है कि बदलाव हमेशा बड़े निवेश से नहीं, बल्कि एक सही सवाल और समाधान की इच्छा से शुरू होता है। आज जब लोग दालचीनी मशीन के पास रुककर गरम खाना लेते हैं, तो शायद उन्हें यह पता नहीं होता कि इसके पीछे एक महिला की दूरदर्शिता, कड़ी मेहनत और विश्वास है, इतना कि उन्होंने दुनिया की धारणा बदल दी कि मशीन सिर्फ स्नैक्स देने के लिए नहीं, बल्कि घर जैसा खाना देने के लिए भी हो सकती है।
और इसी तरह, एक साधारण आइडिया ने भारत में एक नई क्रांति ला दी, जहां सुविधा, स्वाद और सेहत, तीनों साथ चलते हैं।
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