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World TB Day पर PM Modi का नया नारा, टीबी हारेगा-भारत जीतेगा, टीबी हारेगा-दुनिया जीतेगी 

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-यस, वी कैन एंड टीबी – पीएम मोदी 
-पीएम मोदी ने वाराणसी में किया ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट 2023’ का शुभारंभ
-टीबी निवारक उपचार, टीबी मुक्त पंचायत और वार्षिक टीबी रिपोर्ट समेत कई पहलों का भी किया शुभारंभ
-यूपी में 2.70 लाख टीबी मरीजों को लिया गया गोद, 70 प्रतिशत हुए रोगमुक्त – योगी आदित्यनाथ
-यूपी की 25 करोड़ आबादी को स्वस्थ रखने के लिए हम प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ   
-प्रदेश के टीबी रोगियों को पोषण सहायता के लिए डीबीटी के माध्यम से किया गया 422 करोड़ का भुगतान – CM Yogi Adityanath
लखनऊ: आज का नया भारत अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जाना जाता है। भारत ने टीबी (TB in India) के खिलाफ बड़ा संकल्प लिया है। टीबी (Tuberculosis) खत्म करने का ग्लोबल टारगेट 2030 है। लेकिन भारत 5 साल पहले यानी 2025 तक टीबी को खत्म करने पर काम कर रहा है। मुझे विश्वास है कि यह संकल्प जरूर सिद्ध होगा। यस वी कैन एंड टीबी, टीबी हारेगा, भारत जीतेगा, टीबी हारेगा, दुनिया जीतेगी। यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi in Varanasi) ने शुक्रवार को वाराणसी में वन वर्ल्ड टीबी समिट 2023 (One World TB Summit 2023) का शुभारंभ करते हुए कहीं। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने टीबी निवारक उपचार (टीपीटी), टीबी मुक्त पंचायत पहल, टीबी के लिए परिवार केंद्रित देखभाल मॉडल और भारत की वार्षिक टीबी रिपोर्ट 2023 का भी शुभारंभ किया।

भारत के प्रयास टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नया मॉडल

पीएम मोदी ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में भारत की वैश्विक भूमिका का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद भारत ने जो प्रयास किए वो आज पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है। हमने टीबी मुक्त भारत अभियान से जुड़ने के लिए देश के लोगों से निक्षय मित्र बनाने का आह्वान किया था। इस अभियान के बाद करीब 10 लाख टीबी मरीजों को देश के सामान्य नागरिकों ने गोद लिया है।10-12 साल के बच्चे भी निक्षय मित्र बनकर टीबी के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ा रहे हैं। कितने ही बच्चों ने अपना पिगी बैंक तोड़कर टीबी मरीजों को गोद लिया है। टीबी मरीजों के लिए निक्षय मित्रों का यह आर्थिक सहयोग एक हजार करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गया है।

75 लाख टीबी मरीजों को मिला डीबीटी का लाभ

पीएम ने पोषण को टीबी के लिए बड़ा चैलेंज बताते हुए कहा कि इसे देखते हुए 2018 में हमने टीबी मरीजों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) की घोषणा की थी। तब से अब तक 2000 करोड़ रुपए सीधे टीबी मरीजों के खाते में भेजे गए। करीब 75 लाख मरीजों को इसका लाभ हुआ है। मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए, उनके ट्रीटमेंट के लिए हमने आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा है। टीबी की मुफ्त जांच के लिए देश भर में लैब की संख्या बढ़ाई है। आज टीबी मुक्त पंचायत की शुरुआत हुई है। इसमें हर गांव के चुने हुए जनप्रतिनिधि मिलकर संकल्प लेगें कि गांव में एक-एक मरीज को स्वस्थ करके रहेंगे। हमने टीबी की रोकथाम के लिए 6 महीने के कोर्स की जगह 3 महीने का ट्रीटमेंट भी शुरू किया है। हर मरीज के लिए जरूरी केयर को ट्रैक करने के लिए हमने निक्षय पोर्टल बनाया है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी पीएम के साथ योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) भी थे। उत्तर प्रदेश में 2 लाख 70 हजार टीबी मरीजों को सरकारी स्तर पर गोद लेने का काम हुआ है, जिसमें से 70 प्रतिशत मरीज आज रोग मुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। प्रदेश के टीबी रोगियों को पोषण सहायता के लिए प्रदेश सरकार की ओर से डीबीटी के माध्यम से अब तक 422 करोड़ का भुगतान किया गया है। हम यूपी की 25 करोड़ की आबादी को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज हर क्षेत्र में समर्थ बनकर उभरा है। बीते छह साल में पीएम मोदी के मार्गदर्शन में सभी योजनाओं को प्राथमिकता के साथ उत्तर प्रदेश में लागू किया गया है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में वर्ल्ड टीबी डे के अवसर पर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ के दौरान कही।

यूपी में 16 लाख 90 हजार टीबी रोगियों को मिली पोषण सहायता

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आबादी के सबसे बड़े राज्य यूपी में कभी देश के 21 फीसदी टीबी रोगी पाए जाते थे। (TB in Uttar Pradesh) पिछले पांच सालों में यूपी में 16 लाख 90 हजार टीबी रोगियों को पोषण सहायता के माध्यम से 422 करोड़ का भुगतान डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है। अब तक 2 लाख 25 हजार से अधिक टीबी रोगियों को गोद लिया गया है, जिन्हें पोषण सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इसका परिणाम रहा कि हमने इनमें से 70 फीसदी टीबी रोगियों को रोग मुक्त करने में कामयाबी हासिल की है। पीएम आयुष्मान वेलनेस सेंटर में टीबी जांच पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आज पूरे प्रदेश में अलग अलग जनपदों में 80 हजार से अधिक किट युद्धस्तर पर वितरित करने की कार्रवाई चल रही है।