महाराष्ट्र की जेलों में कैदियों की संख्या अब नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधान परिषद में यह स्वीकार किया कि राज्य की जेलों में भारी भीड़ भाड़ है और 12,343 कैदी जेलों की निर्धारित क्षमता से ज्यादा हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि महाराष्ट्र की कुल जेलों की आधिकारिक क्षमता 27,184 कैदियों की है, लेकिन मई 2025 तक 39,527 कैदी इन जेलों में बंद हैं। इनमें केंद्रीय जेल, जिला जेल और विभिन्न श्रेणी की जेलें शामिल हैं।
मुंबई की जेल में हालत सबसे खराब Prison Conditions in Maharashtra
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि मुंबई सेंट्रल जेल, जिसे 999 कैदियों के लिए बनाया गया था, उसमें वर्तमान में 3,268 कैदी बंद हैं, जो कि क्षमता से तीन गुना ज्यादा है। यह स्थिति न केवल सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है, बल्कि कैदियों के जीवन स्तर पर भी बुरा असर डाल रही है।
कैसे है जेलों का हाल? Jail Reforms in Maharashtra
विधान परिषद में MLC सत्यजीत पाटिल, अशोक जगताप, अविनाश जाधव और अन्य विधायकों ने जेलों में भीड़ भाड़ का मुद्दा उठाया था। जवाब में फडणवीस ने बताया कि 6,003 कैदी उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं। 5,067 कैदी विचाराधीन हैं, यानी अभी उनकी सुनवाई पूरी नहीं हुई है। 23,000 से ज्यादा कैदी या तो लंबी सजा काट रहे हैं या ऐसे ही मामलों में विचाराधीन हैं। 18 से 30 वर्ष की उम्र के कैदियों की संख्या काफी अधिक है।
भीड़ कम करने के लिए नए जेलों की योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार नई जेलें बनाने और मौजूदा जेलों में अतिरिक्त बैरक बनाने की योजना पर काम कर रही है। इससे राज्य में 17,110 कैदियों की अतिरिक्त क्षमता तैयार की जाएगी। इसके लिए जगह चिन्हित करने का काम शुरू हो चुका है।
Overcrowded Jails in Maharashtra: कैदियों के लिए सुविधाएं भी उपलब्ध
भले ही जेलों में भीड़भाड़ हो, लेकिन सरकार ने कैदियों के लिए मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिश की है। इनमें शामिल हैं, साफ पीने का पानी, ई-मुलाकात, ई-किओस्क, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, स्मार्ट कार्ड फोन सेवा और टीवी सुविधा। इसके अलावा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, व्यस्क शिक्षा, योग, परामर्श, आध्यात्मिक कार्यक्रम और औपचारिक डिग्री कोर्स भी जेलों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
TISS और अजीम प्रेमजी संस्थानों से सहयोग
कैदियों के पुनर्वास के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) और अजीम प्रेमजी फिलैंथरोपिक इनिशिएटिव्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ समझौते किए गए हैं। साथ ही यशवंतराव चव्हाण मुक्त विद्यापीठ (YCMOU) और इग्नू (IGNOU) जैसी यूनिवर्सिटी के माध्यम से पढ़ाई का मौका भी मिल रहा है।
Overcrowded Jails in Maharashtra: गरीब कैदियों को सरकार की मदद
फडणवीस ने बताया कि ‘गरीब कैदी सहायता योजना’ के तहत सरकार उन कैदियों को आर्थिक मदद देती है, जो जमानत की रकम या जुर्माना भरने में असमर्थ हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और सामाजिक संगठनों के जरिए मुफ्त कानूनी सहायता भी दी जा रही है, ताकि हर कैदी को न्याय मिल सके।मुख्यमंत्री द्वारा जेलों की भीड़ को लेकर दी गई जानकारी से यह साफ है कि महाराष्ट्र की जेल प्रणाली गंभीर दबाव में है। हालांकि सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम सराहनीय हैं, लेकिन लंबी अवधि के समाधान और न्यायिक सुधारों की भी आवश्यकता है।