नए साल की छुट्टियों में जब अधिकतर पर्यटन स्थल भीड़, शोर और ट्रैफिक से जूझते हैं, तब एक बड़ा वर्ग ऐसे लोगों का है जो शांति, प्रकृति और सादगी के साथ नए साल की शुरुआत करना चाहता है। इन्हीं जरूरतों को पूरा करती हैं भारत की कुछ चुनिंदा शांत जगहें, जहां पहुंचकर इंसान खुद से जुड़ पाता है। नीचे इन सभी 5 डेस्टिनेशन के बारे में विस्तार से जानकारी और वहां पहुंचने के आसान तरीके दिए गए हैं।
नए साल पर भीड़ से ब्रेक: सुकून की तलाश में लोग, भारत की ये 5 सबसे शांत जगहें बनीं पसंदीदा डेस्टिनेशन
नया साल आते ही ज्यादातर लोग जश्न, पार्टियों और भीड़-भाड़ वाले पर्यटन स्थलों की ओर रुख करते हैं। लेकिन बीते कुछ वर्षों में एक नया ट्रेंड तेजी से उभरा है- भीड़ से दूर, शांति और प्रकृति के करीब नया साल मनाने का। महानगरों की भागदौड़, शोर-शराबे और सोशल मीडिया की चमक-दमक से थक चुके लोग अब ऐसे पर्यटन स्थलों को पसंद कर रहे हैं, जहां सुकून हो, हवा साफ हो और समय धीमा सा लगे। भारत में ऐसी कई जगहें हैं, जो अपनी शांति, प्राकृतिक सुंदरता और सादगी के कारण नए साल पर लोगों की पहली पसंद बन रही हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं भारत के 5 सबसे शांत और पसंदीदा टूरिस्ट डेस्टिनेशन, जहां लोग नए साल पर भीड़ से ब्रेक लेकर खुद के साथ वक्त बिताना पसंद करते हैं।
1. स्पीति वैली, हिमाचल प्रदेश- खामोशी में बसी पहाड़ों की दुनिया
हिमाचल प्रदेश की स्पीति वैली को भारत के सबसे शांत इलाकों में गिना जाता है। ऊंचे-ऊंचे पहाड़, बर्फ से ढकी चोटियां, नीला आसमान और मठों की शांति- यह जगह नए साल पर आत्मचिंतन और सुकून चाहने वालों के लिए आदर्श है। यहां न तो तेज म्यूजिक की गूंज है और न ही भीड़-भाड़। सुबह की ठंडी हवा, बौद्ध मठों की घंटियों की धीमी आवाज और दूर-दूर तक फैली खामोशी मन को गहराई से छूती है। नए साल पर यहां आने वाले लोग डिजिटल डिटॉक्स, ध्यान और प्रकृति के साथ समय बिताने के लिए स्पीति को चुनते हैं।
कैसे पहुंचें
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हवाई मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर (कुल्लू) है। वहां से काजा तक टैक्सी या बस मिलती है।
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सड़क मार्ग: शिमला–किन्नौर–काजा मार्ग से पूरे साल (मौसम अनुकूल होने पर) जाया जा सकता है।
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रेल मार्ग: नजदीकी रेलवे स्टेशन कालका है, वहां से सड़क मार्ग अपनाना पड़ता है।
2. तवांग, अरुणाचल प्रदेश – पूर्वोत्तर की शांत आध्यात्मिक भूमि
तवांग अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक माहौल के लिए जाना जाता है। बर्फ से ढके पहाड़, झीलें और प्रसिद्ध तवांग मठ इस जगह को बेहद खास बनाते हैं। नए साल पर यहां ज्यादा पर्यटक नहीं पहुंचते, जिससे यह जगह भीड़ से लगभग अछूती रहती है। ठंड जरूर होती है, लेकिन शांति और सादगी की तलाश में आए लोगों के लिए यही ठंड ताजगी का अहसास कराती है। तवांग उन यात्रियों की पसंद बन रहा है, जो शोर-शराबे के बजाय मन की शांति को प्राथमिकता देते हैं।
कैसे पहुंचें
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हवाई मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा तेजपुर (असम) है।
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सड़क मार्ग: तेजपुर से बोमडिला होते हुए तवांग तक टैक्सी या साझा वाहन उपलब्ध हैं।
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नोट: अरुणाचल जाने के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) आवश्यक होता है।
3. कूर्ग (कोडागु), कर्नाटक – कॉफी बागानों के बीच सुकून
दक्षिण भारत का कूर्ग, जिसे ‘भारत का स्कॉटलैंड’ भी कहा जाता है, नए साल पर शांति चाहने वालों के लिए बेहतरीन विकल्प है। हरे-भरे कॉफी बागान, घने जंगल, झरने और हल्की ठंडी जलवायु इस जगह को खास बनाते हैं। यहां लोग रिसॉर्ट्स में ठहरकर प्रकृति के बीच नया साल मनाना पसंद करते हैं। सुबह पक्षियों की चहचहाहट और शाम को पहाड़ियों में ढलता सूरज- कूर्ग की यही सादगी लोगों को बार-बार यहां खींच लाती है।
कैसे पहुंचें
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हवाई मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा मैसूर और मैंगलोर हैं।
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रेल मार्ग: मैसूर रेलवे स्टेशन सबसे पास है।
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सड़क मार्ग: बेंगलुरु से कूर्ग के लिए सीधी बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं।
4. माजुली, असम – ब्रह्मपुत्र के बीच बसी शांति
असम में ब्रह्मपुत्र नदी के बीच स्थित माजुली दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है और भारत की सबसे शांत जगहों में से एक माना जाता है। यहां की जीवनशैली बेहद सरल और प्रकृति के करीब है। नए साल पर माजुली आने वाले लोग शहरी शोर से पूरी तरह दूर रहना चाहते हैं। वैष्णव मठ, लोकसंस्कृति, खुला आसमान और नदी की शांत लहरें इस जगह को आत्मिक शांति का केंद्र बनाती हैं। यहां समय मानो थम सा जाता है।
कैसे पहुंचें
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हवाई मार्ग: जोरहाट हवाई अड्डा सबसे नजदीक है।
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सड़क + जल मार्ग: जोरहाट से निमाटी घाट तक सड़क, फिर फेरी से माजुली पहुंचा जा सकता है।
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रेल मार्ग: जोरहाट या नजदीकी रेलवे स्टेशनों से सड़क मार्ग।
5. गोकर्ण, कर्नाटक – गोवा से दूर, शांति के करीब
समुद्र प्रेमियों के लिए गोकर्ण एक शांत विकल्प बनकर उभरा है। गोवा की तुलना में यहां कम भीड़, साफ समुद्र तट और शांत माहौल मिलता है। नए साल पर लोग यहां बीच वॉक, योग, ध्यान और सूर्यास्त देखने के लिए आते हैं। ओम बीच, कुडले बीच जैसे स्थान शोर-शराबे से दूर सुकून का अनुभव कराते हैं। यही वजह है कि गोकर्ण अब युवाओं और परिवारों दोनों की पसंद बनता जा रहा है।
कैसे पहुंचें
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हवाई मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा गोवा (डाबोलिम) है।
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रेल मार्ग: गोकर्ण रोड रेलवे स्टेशन प्रमुख है।
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सड़क मार्ग: गोवा, हुबली और बेंगलुरु से बस और टैक्सी उपलब्ध हैं।
नए साल का मतलब अब सिर्फ पार्टियां और भीड़ नहीं रह गया है। बदलती जीवनशैली के साथ लोग अब शांति, प्रकृति और आत्मिक संतुलन को प्राथमिकता देने लगे हैं। स्पीति से लेकर गोकर्ण तक, भारत की ये शांत जगहें इस बात का प्रमाण हैं कि सुकून की तलाश में लोग अब भीड़ से दूर रास्ते चुन रहे हैं। अगर आप नए साल पर भीड़, शोर और भागदौड़ से दूर रहकर शांत माहौल में खुद के साथ समय बिताना चाहते हैं, तो ये पांचों जगहें आपके लिए आदर्श हैं। चाहे पहाड़ों की खामोशी हो, नदी की सादगी या समुद्र की लहरें, भारत में शांति की तलाश पूरी तरह संभव है। नया साल, नई शुरुआत, वह भी सुकून के साथ!
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