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कोरोना की हॉटस्पॉट है मुंबई की झोपड़ियां, बांट सकती है मौत

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कोरोना की हॉटस्पॉट है मुंबई की झोपड़ियां

मुंबई, सपनों की नगरी, ख्वाबों की दुनिया, देश के कोने कोने से लोग यहां आकर अपनी किस्मत आज़माते है। कोई मुंबई का हो जाता है तो कोई मुंबई की झोपड़ियों का, किसी की किस्मत चमक जाती है तो कोई कहीं का नहीं रह पाता। यहां आसमान छूती आलिशान इमारतें है तो वही 5-10 फूट में पसरी झुग्गी झोपड़ियां है, और आजकल देश की आर्थिक राजधानी की झुग्गी झोपड़ियां इंसानी जिंदगी का काल बनी है। कोरोना का ख़ौफ़ जहां पूरे देश में है तो मुंबई एक मात्र शहर है जहां कोरोना पॉजिटिव के सबसे ज्यादा मामले है। लॉक डाउन में आलम ऐसा हो जा रहा है कि मानों यहां सब सामान्य है। मज़बूरी है लोगों की। बड़ी बड़ी इमारतों में तो लोग अपने घरों में घूमघाम कर वक़्त तो गुजर बसर कर ही ले रहें है लेकिन झोपड़ियों में मामला गंभीर होता जा रहा है। लॉक डाउन का शत प्रतिशत पालन नहीं होने से साथ ही बहुत घनी आबादी होने के नाते मुंबई की झोपड़पट्टियां कोरोना का हॉटस्पॉट साबित हो रहीं है।

मुंबई की 70 फीसदी आबादी झोपड़पट्टियों में रहती है

सपनों की नगरी मुंबई। यहां की आबादी की बात करें तो देश की सबसे घनी बस्तियां यहां मुंबई में है। एक अनुमान के मुताबिक मुंबई की 70 फीसदी आबादी यहां स्लम यानि की झोपड़पट्टियों में रहती है, यहां की झोपड़पट्टियों का आलम ऐसा है कि इन घरों में जैसे आप पहला कदम डालेंगे तो घर खत्म हो जाता है। छोटे छोटे कमरों में 10-10 लोग रहते है ऐसे में सामाजिक दुरी यहां ना के बराबर हो पाता है। ऐसे में कोरोना को मुंबई में कैसे हराया जा ये महाराष्ट्र सरकार और खासकर स्थानीय निकाय बीएमसी के लिए एक बड़ा चैलेंज है। धारावी जो देश ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी है वहां कोरोना के मामले आने के बाद सरकार के साथ साथ इन झोपड़पट्टियों में रहने वालों के हाथ पैर फूलने लगे। धारावी, वर्ली कोलीवाड़ा जैसे तमाम इलाकों को अब बीएमसी ने सील भी करना शुरू कर दिया है ताकि कोरोना के प्रसार को रोका जा सकें।

मुंबई, महाराष्ट्र में कोरोना के आंकड़े

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है। शनिवार दोपहर तक 47 नए पॉजिटिव केस मिले हैं। इनमें सीआईएसएफ के 11 जवान शामिल हैं।इसके साथ राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या 537 हो गई है। इनमें से 376 अकेले मुंबई शहर में हैं। शुक्रवार को राज्य में 6 कोरोना पीड़ितों ने दम तोड़ दिया था, इसके बाद यहां मरने वालों की संख्या 27 हो गई है। जहां जहां ये मामले सामने आये है यहां के मोहल्लों को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया है। इलाके में बैरिकेड्स लगाकर आवाजाही रोक दी गई है। कोविड-19 वायरस ने गति पकड़ ली और अब यह समुदायों में फैलने लगा है। इसे रोकने के लिए मुंबई के हॉटस्पॉट चिन्हित करके बीएमसी से पुलिस की मदद से उन्हें पूरी तरह बंद किया है।

बीएमसी ने संवेदनशील इलाकों का मैप जारी किया

पहले धारावी को मुंबई की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब दहिसर के गणपत पाटील नगर, मालवणी मालाड, गोवंडी, शिवाजी नगर बैंगन वाडी, कुर्ला, बांद्रा, बेहरामपाडा, जोगेश्वरी आदि भागों में धारावी से भी ज्यादा झोपड़पट्टियां बसी हुई हैं। इन इलाकों में कोरोना संकमण की चेन को तोड़ने के लिए मुंबई में बीएमसी ने हाई रिस्क वाले इलाकों का एक मैप वेबसाइट वेबसाइट पर अपलोड किया। इन इलाकों में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मिले हैं। इसमें मालाड, वरली, घाटकोपर, भायखला और शिवाजी नगर गोवंडी शामिल है। इससे पहले बीएमसी ने कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मुंबई के 200 से ज्यादा इलाकों को पूरी तरह से सील कर दिया था।

सोशल डिस्टेंसिंग ना के बराबर

इस वायरस को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सबसे अहम है और इन घनी बस्तियों में इसलिए यह संभव नहीं हो पा रहा है। अब तक बस्तियों में आठ लोगों को कोरोना पॉजिटिव हो चुका है। सामाजिक दूरी इन मलिन बस्तियों और चॉलों संभव नहीं है। झुग्गी बस्तियों में ज्यादातर घरों में टिन की चादरें एक साथ रखी जाती हैं और यहां रहने वाले लोग सामुदायिक शौचालयों का उपयोग करते हैं।