पन्ना जिले की मजदूर महिला रचना गोलदार को अपनी खदान से एक ही हफ्ते में आठ हीरे मिले। इनमें से छह हीरे Gem Quality के हैं, जिनका कुल वज़न 2.53 कैरेट है। ये हीरे अब सरकारी हीरा कार्यालय में जमा कर दिए गए हैं और नीलामी में जाएंगे। अनुमान है कि प्रत्येक Gem Quality वाला हीरा 4–5 लाख रुपये तक का हो सकता है।
पन्ना की धरती ने उगले हीरे
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की धरती को यूं ही रत्नगर्भा नहीं कहा जाता है। यहां एक बार फिर एक महिला की किस्मत हीरे की तरह चमक गई है। इस महिला मजदूर जिसका नाम रचना गोलदार है। उसे एक हफ्ते में ही 8 हीरे मिले हैं, जिससे उसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। यहां की मिट्टी से निकलने वाला हीरा न जाने कितनों की किस्मत संवार चुका है। बताया जा रहा है कि महिला को मिले 8 में से 6 हीरे Gems Quality के हैं। यह हीरे अब नीलामी में रखे जाएंगे, जहां इनकी कीमत तय होगी। उम्मीद की जा रही है कि महिला को मिले हीरों की कीमत लाखों में जा सकती है।
आठ हीरों में से छह रत्न-गुणवत्ता वाले हैं। इनमें सबसे बड़ा हीरा 0.79 कैरेट का है। बाकी दो हीरे ऑफ-कलर होने के कारण कम मूल्य के हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रत्न-गुणवत्ता वाले हीरे आभूषणों में इस्तेमाल होते हैं, जबकि ऑफ-कलर हीरे औद्योगिक कार्यों में काम आते हैं।
कौन हैं रचना गोलदार
रचना गोलदार बड़गदी गांव की रहने वाली हैं। उनके तीन बच्चे हैं। दो बेटे प्राइवेट नौकरी करते हैं और बेटी की शादी हो चुकी है। दामाद भी हीरा खदान में काम करता है। रचना ने कहा कि वह नीलामी से मिलने वाले पैसे से अपनी आर्थिक स्थिति सुधारेंगी और हीरे की तलाश जारी रखेंगी। रचना ने हीरे पन्ना हीरा कार्यालय में जमा कराए हैं। यहां हर तीन महीने में नीलामी होती है। गुजरात, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और अन्य राज्यों से बड़े व्यापारी इसमें शामिल होते हैं। हीरे की कीमत वज़न, कट, रंग और पारदर्शिता (Clearity) पर तय होती है। सरकार नीलामी की अंतिम कीमत से 12 प्रतिशत काटती है, जिसमें 11 प्रतिशत रॉयल्टी और 1 प्रतिशत TDS शामिल है। शेष रकम हीरा खोजने वाले को दी जाती है।
हीरा खनन पट्टा प्रक्रिया
सरकारी ज़मीन पर पट्टा: आवेदन के साथ तीन फोटो, आधार कार्ड की कॉपी और 200 रुपये का बैंक चालान जमा करना होता है। 20 दिनों के भीतर पट्टा जारी कर दिया जाता है।
निजी ज़मीन पर पट्टा: ज़मीन मालिक की सहमति, बिक्री विलेख (सेल डीड) या किराया समझौता ज़रूरी होता है। साथ ही तीन फोटो, आधार कार्ड की कॉपी और 200 रुपये का चालान जमा करना पड़ता है। ज़मीन हीरा खनन क्षेत्र में होनी चाहिए।
हीरा खदान में कैसे खोजे जाते हैं हीरे
कार्रवाई पूरी होने के बाद कार्यालय से 8×8 मीटर का पट्टा जारी किया जाता है। इसके बाद मजदूर या मालिक मिट्टी खोदकर छानते, धोते, सुखाते और छलनी से गुजारते हैं। मेहनत और किस्मत के मेल से ही हीरा मिलता है।
हीरों के प्रकार और कीमत
रत्न-गुणवत्ता वाले हीरे (ग्रेड D और E): आभूषणों में इस्तेमाल।
औद्योगिक हीरे (काले रंग के): कांच काटने, हवाई जहाज़ के पुर्ज़े और अन्य उद्योगों में काम आते हैं।कीमत: प्रति कैरेट 50,000 रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक।
पन्ना में हीरा नीलामी का इतिहास
पन्ना हीरा कार्यालय, 1961 से नीलामी कर रहा है। साल में चार बार नीलामी होती है। हीरा खोजने वाले (जिन्हें तुअदार कहा जाता है) अपने हीरे जांच करवाकर जमा करते हैं और फिर नीलामी में बेचते हैं। सरकारी कटौती के बाद बाकी रकम खोजकर्ता को दी जाती है।
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