Organ Donation: अब अंगदान (Organ Donation) की प्रक्रिया महाराष्ट्र में और तेज, पारदर्शी और आसान होने जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने कहा कि जरूरतमंद मरीजों को समय पर अंगदान मिल सके, इसके लिए सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। अब राज्य के अमरावती, कोल्हापुर, नासिक और सोलापुर जैसे शहरों में नए अवयव प्रत्यारोपण समन्वय केंद्र (ZTCC – Zonal Transplant Coordination Center) खोले जाएंगे। इन केंद्रों के ज़रिए अंगदान से जुड़ी सारी प्रक्रिया की निगरानी होगी और जरूरतमंदों को तुरंत अंग मिल पाएंगे।
Organ Donation: अंगदान पाने वालों वालों को मिलेगी राहत, बचेंगी जिंदगियां
स्वास्थ्य भवन, मुंबई में हुई बैठक में मंत्री आबिटकर ने बताया कि अब सरकारी अस्पतालों में Non-Transplant Organ Retrieval Centre (NTORC) यानी मानव अंग पुनर्प्राप्ति केंद्र भी बनाए जाएंगे और वहां स्पेशल कोऑर्डिनेटर तैनात किए जाएंगे, जो हर प्रोसेस को आसान और फास्ट बनाएंगे। अगर कोई व्यक्ति ज़िंदा रहते हुए किडनी या लिवर दान करना चाहता है, तो अब उसकी अनुमति लेने की प्रक्रिया भी आसान होगी। इसके लिए RAC यानी रीजनल अथॉरिटी कमेटी को सरल और तेज़ बनाने के आदेश दिए गए हैं।
अंगदान पर जागरूकता और सम्मान, अमरावती, नासिक, कोल्हापुर और सोलापुर में बनेंगे नए अंग प्रत्यारोपण केंद्र
सरकार ने तय किया है कि इस 1 मई महाराष्ट्र दिवस पर हर ज़िले में अंगदान करने वाले और उनके परिवारों का सम्मान किया जाएगा। जिलों के मंत्री और कलेक्टर उनके सम्मान में कार्यक्रम करेंगे।
Organ Donation: डॉक्टर्स के लिए ट्रेनिंग और कोर्स
जो डॉक्टर ऑर्गन ट्रांसप्लांट करते हैं, उनके लिए सरकार स्पेशल वर्कशॉप और एक नया कोर्स ‘फेलोशिप इन क्रिटिकल मेडिसिन’ शुरू करने जा रही है।मंत्री आबिटकर ने कहा कि अंगदान को लेकर समाज में जागरूकता फैलाना बहुत ज़रूरी है और इसके लिए पूरे राज्य में अभियान भी चलाया जाएगा।
क्यों ज़रूरी है अंगदान? (What is Organ Donation in Simple Words)
जब कोई इंसान मर जाता है और अपने दिल, किडनी, लीवर, फेफड़े, आंखें आदि अंग (organs) किसी जरूरतमंद को देने की इच्छा रखता है, ताकि उसकी जान बचाई जा सके तो इसे अवयवदान (Organ Donation) कहते हैं। ऐसे दान से एक नहीं, कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है।