माइक्रोसॉफ्ट ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखते हुए Wisconsin और Atlanta में स्थित अपने दो विशाल डाटा सेंटर्स को हाई-स्पीड फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क से जोड़ दिया है। कंपनी का दावा है कि यह दुनिया की पहली “Planet-Scale AI Superfactory” है, जो लगभग 700 मील दूर स्थित दोनों केंद्रों को एकीकृत कर एक ही सुपरकंप्यूटर की तरह काम करने में सक्षम बनाएगी।
माइक्रोसॉफ्ट ने बनाया दुनिया का पहला ‘Planet-Scale AI Superfactory’
तकनीकी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए घोषणा की है कि उसने विस्कॉन्सिन और अटलांटा में स्थित अपने विशाल डाटा सेंटर्स को हाई-स्पीड फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क से जोड़ दिया है। कंपनी का दावा है कि यह पूरी दुनिया का पहला “Planet-Scale AI Superfactory” है। यानी ऐसा सुपरकंप्यूटिंग नेटवर्क, जो एक ही समय पर अलग-अलग स्थानों से जुड़े डाटा सेंटर्स को एक एकीकृत AI प्रणाली के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाता है।
एकीकृत AI सुपरनेटवर्क की अनोखी संकल्पना
माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, यह नया सिस्टम पारंपरिक क्लाउड डाटा सेंटर्स से बिल्कुल अलग है। जहां सामान्य क्लाउड सुविधाएं लाखों उपयोगकर्ताओं के अलग-अलग एप्लिकेशन और सर्वर अनुरोधों को संभालती हैं, वहीं यह नया “AI सुपरफैक्ट्री” एक ही समय में एकल, विशाल AI वर्कलोड को संभालने के लिए तैयार किया गया है। इसका अर्थ है कि विस्कॉन्सिन और अटलांटा के दोनों परिसर लगभग 700 मील (लगभग 1126 किलोमीटर) की दूरी पर होने के बावजूद, मिलकर ऐसे काम करेंगे जैसे वे एक ही कंप्यूटर प्रणाली का हिस्सा हों।
‘Planet-Scale’ का मतलब क्या है?
‘Planet-Scale’ शब्द माइक्रोसॉफ्ट ने उस क्षमता के लिए प्रयोग किया है, जिसमें एक AI मॉडल या कार्य को पृथ्वी के विभिन्न हिस्सों में फैले डाटा सेंटर्स पर एक साथ संचालित किया जा सके। इससे न केवल गति (Speed) और प्रोसेसिंग क्षमता (Processing Power) में वृद्धि होगी, बल्कि डेटा ट्रांसफर में विलंब (Latency) भी न्यूनतम होगा।विशेषज्ञों का मानना है कि यह नेटवर्क भविष्य में ऐसे AI मॉडलों को संभव बनाएगा जो एक साथ अरबों पैरामीटर संभाल सकें, जैसे OpenAI GPT, Copilot, और अन्य उन्नत जेनरेटिव AI मॉडल !
AI के लिए खास रूप से तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर
माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने बताया कि इन नए डाटा सेंटर्स को विशेष रूप से AI के भारी कंप्यूटेशनल लोड के लिए डिजाइन किया गया है। यहां उपयोग किए जा रहे सर्वर और GPU क्लस्टर्स को हाई-स्पीड फाइबर नेटवर्क से इस प्रकार जोड़ा गया है कि डेटा का प्रवाह निरंतर और रुकावट-रहित रहे। इसके साथ ही कंपनी ने पावर खपत (Energy Efficiency) और कूलिंग सिस्टम को भी आधुनिक तकनीक से लैस किया है ताकि इस विशाल सुपरफैक्ट्री की स्थिरता और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखा जा सके।
अगली पीढ़ी के AI विकास की तैयारी
माइक्रोसॉफ्ट का यह कदम उस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है, जिसमें AI प्रशिक्षण (Training) और इन्फरेंस (Inference) की सीमाओं को तोड़ा जा सके। विशेषज्ञों के अनुसार, यह नेटवर्क माइक्रोसॉफ्ट को भविष्य में और भी बड़े AI मॉडल विकसित करने और उन्हें कम समय में प्रशिक्षित करने में मदद करेगा। AI उद्योग विश्लेषकों का कहना है कि यह पहल अमेरिका को वैश्विक AI इंफ्रास्ट्रक्चर की दौड़ में अग्रणी बनाए रखेगी, खासकर जब गूगल, अमेज़न, और एनवीडिया भी अपने-अपने सुपरकंप्यूटिंग नेटवर्क विकसित कर रहे हैं।
पर्यावरण और ऊर्जा के मोर्चे पर भी चुनौती
हालांकि इस ‘AI Superfactory’ को लेकर पर्यावरण विशेषज्ञों ने कुछ चिंताएं भी जताई हैं। इतने बड़े पैमाने पर काम करने वाले डाटा सेंटर्स को अधिक बिजली और ठंडा रखने की ऊर्जा की जरूरत होती है। माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि वह अपने इन दोनों डाटा सेंटर्स को नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) से चलाने का लक्ष्य रखता है ताकि कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके।
AI Superfactory – डिजिटल औद्योगिक क्रांति का नया युग
माइक्रोसॉफ्ट की ‘Planet-Scale AI Superfactory’ यह स्पष्ट संकेत देती है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता अब सिर्फ सॉफ्टवेयर का विषय नहीं रही, यह भौतिक ढांचे की नई क्रांति है। जैसे औद्योगिक क्रांति ने फैक्ट्रियों और मशीनों का युग शुरू किया था, वैसे ही यह AI सुपरफैक्ट्री डिजिटल उत्पादन के युग की शुरुआत कर रही है। इससे न केवल AI मॉडल्स की गति और क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि यह मानव श्रम, अनुसंधान, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। हालांकि, इतनी विशाल ऊर्जा खपत और डेटा उपयोग पर्यावरण पर बोझ डाल सकते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि ऐसी तकनीकी प्रगति सतत विकास (Sustainable Growth) के साथ की जाए।
तकनीक के साथ ज़िम्मेदारी भी ज़रूरी
माइक्रोसॉफ्ट का यह कदम इस सदी की सबसे बड़ी तकनीकी छलांगों में से एक साबित हो सकता है, बशर्ते इसका संचालन जिम्मेदारी के साथ किया जाए। माइक्रोसॉफ्ट की यह नई पहल कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक परिवर्तन की शुरुआत मानी जा रही है। ‘Planet-Scale AI Superfactory’ की मदद से कंपनी न केवल अपने AI उत्पादों, जैसे Copilot, Azure AI, और ChatGPT जैसी साझेदार सेवाओं को और सशक्त बना सकेगी, बल्कि यह भविष्य की AI अर्थव्यवस्था की नींव भी साबित हो सकती है।
माइक्रोसॉफ्ट का यह कदम बताता है कि अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता केवल सॉफ्टवेयर नहीं, बल्कि भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर के पुनर्निर्माण का भी युग लेकर आई है। जैसे औद्योगिक क्रांति ने फैक्ट्रियों का निर्माण किया था, वैसे ही यह “AI Superfactory” 21वीं सदी की डिजिटल औद्योगिक क्रांति का प्रतीक बन सकती है।
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