आंध्र प्रदेश में टाटानगर–एर्नाकुलम एक्सप्रेस में देर रात लगी भीषण आग में दो एसी कोच जले- एक यात्री की मौत ! दर्जनों घायल, राहत और बचाव कार्य ज़ारी !
ट्रेन में लगी भीषण आग-दो एसी कोच पूरी तरह जले
आंध्र प्रदेश में एक बड़ा रेल हादसा सामने आया है। टाटानगर–एर्नाकुलम एक्सप्रेस ट्रेन में अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस (ट्रे न नंबर 18189) के दो वातानुकूलित (AC) कोचों में देर रात आग लग गई, जिससे एक यात्री की भयंकर मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं। यह हादसा 29 दिसंबर 2025 को तड़के लगभग 12:45 बजे यलमंचिली (अनकापल्ली जिला) के पास हुआ। यह ट्रेन टाटानगर (झारखंड) से एर्नाकुलम (केरल) की ओर जा रही थी कि आग लगी। घटना अनकापल्ली जिले के यलमंचिली इलाके के पास हुई, जब ट्रेन अपने तय मार्ग पर आगे बढ़ रही थी। आग इतनी तेज थी कि ट्रेन के दो AC कोच पूरी तरह जलकर खाक हो गए।
हादसा या साजिश जाँच का विषय।
आंध्र प्रदेश के इलामंचिली के पास टाटा–एर्नाकुलम एक्सप्रेस में दो डिब्बों में आग लगने की घटना हुई।
लोको पायलट की सूझबूझ से ट्रेन रोकी गई और 158 यात्रियों की जान बचाई जा सकी।
हादसे में एक यात्री की मौत दुखद है। दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/sI8go02DvV
— Sagar Kumar “Sudarshan News” (@KumaarSaagar) December 29, 2025
कैसे लगी आग ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, देर रात ट्रेन के एक एसी कोच से पहले धुआं निकलता देखा गया। आग B1 और M2 AC कोचों में लगी, जो पैंट्री कार के पास स्थित थे। पहली सूचना ट्रेन चालक ने पकड़ी और फौरन ट्रेन को एलामंचिली स्टेशन पर रोक दिया। कुछ ही पलों में आग ने विकराल रूप ले लिया और पास के दूसरे एसी कोच को भी अपनी चपेट में ले लिया। यात्रियों ने शोर मचाना शुरू किया, जिसके बाद ट्रेन को तुरंत रोक दिया गया।
यात्रियों में मची भगदड़, एक यात्री की मौत
आग लगते ही कोचों के भीतर बैठे यात्रियों में डर फैल गया। लोग जान बचाने के लिए सामान छोड़कर बाहर निकलने लगे। कई यात्रियों ने खिड़कियों और दरवाजों से कूदकर अपनी जान बचाई। इस दौरान कुछ लोगों को चोटें भी आईं। इस हादसे में एक बुजुर्ग यात्री की जलकर मौत हो गई। 70 वर्षीय यात्री चंद्रशेखर सुंदरमकी आग में जलकर मौत हो गई। बताया जा रहा है कि आग और धुएं के कारण वे समय रहते कोच से बाहर नहीं निकल पाए। आग के कारण दो कोच पूरी तरह जलकर खाक हो गए। करीब 158 यात्री Affected Coaches में सवार थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया। इसके अलावा कई यात्रियों को धुएं से दम घुटने, झुलसने और भगदड़ में गिरने से चोटें आई हैं।
राहत और बचाव कार्य ज़ोरों पर
घटना की जानकारी मिलते ही दमकल विभाग, रेलवे अधिकारी और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचे। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। आग बुझने के बाद जले हुए कोचों को ट्रेन से अलग कर दिया गया, ताकि बाकी ट्रेन को सुरक्षित आगे ले जाया जा सके। रेलवे प्रशासन ने प्रभावित यात्रियों को राहत देने के लिए तुरंत कदम उठाए। यात्रियों के लिए भोजन, पानी और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की गई। कई यात्रियों को बसों और दूसरी ट्रेनों के माध्यम से उनके गंतव्य की ओर रवाना किया गया।
रेल यातायात हुआ प्रभावित
इस हादसे के कारण कुछ समय के लिए रेल यातायात भी प्रभावित रहा। आग लगने वाली जगह पर ट्रैक की जांच की गई, जिसके बाद धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन सामान्य किया गया। फिलहाल आग लगने के सही कारणों का पता नहीं चल सका है। रेलवे प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। शुरुआती तौर पर तकनीकी खराबी या बिजली के शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही वास्तविक कारण सामने आ सकेगा।
रेल सुरक्षा पर सवाल
इस घटना के बाद एक बार फिर ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था और रखरखाव को लेकर सवाल उठने लगे हैं। यात्रियों का कहना है कि लंबी दूरी की ट्रेनों में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम और मजबूत किए जाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।
खबर पर नजर बनी हुई है, आगे की जानकारी के साथ अपडेट किया जाएगा।
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