प्रयागराज व प्रतापगढ़ की टीम की संयुक्त कार्रवाई, माफिया राजेश मिश्रा पर मंडी परिषद और पुलिस का कसा शिकंजा ! मंडी शुल्क घोटाले और अवैध वसूली के आरोपों की जांच तेज !
प्रतापगढ़ माफिया के घर छापामारी में 2 करोड़ से ज़्यादा कैश बरामद
प्रतापगढ़ जनपद के मणिकपुर मंडी क्षेत्र में लंबे समय से मंडी में दलाली और अवैध वसूली के आरोपों में चर्चित मंडी माफिया राजेश मिश्रा के ठिकानों पर शुक्रवार देर रात बड़ी छापेमारी की गई। टीम ने मिश्रा के आवास और दफ्तर से दो करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, कई महंगे गहने, संपत्ति के कागजात और खाताबही बरामद की है। राजेश मिश्रा पर गांजा तस्करी का भी मामला है। इस कार्रवाई से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। इसमें शामिल है अभियुक्त राजेश मिश्रा का परिवार! छापेमारी में उनकी पत्नी रीना मिश्रा, पुत्र के नाम विनायक मिश्रा व पुत्री कोमल मिश्रा सहित अन्य रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया गया। पहले भी उक्त इलाके में इसी गिरोह से जुड़े अवैध संपत्ति जब्ती की कार्रवाई हुई है। अप्रैल-सितंबर 2025 तक 12 अपराधियों की सम्पत्तियां लगभग ₹14 करोड़ से अधिक जब्त की गई थीं, जिनमें राजेश-रीना मिश्रा की संपत्तियां भी शामिल थीं।
संयुक्त टीम की कार्यवाही
सूत्रों के अनुसार, मंडी परिषद और पुलिस की संयुक्त टीम ने प्रयागराज जोन के विशेष सतर्कता दस्ते के साथ यह कार्रवाई की। देर रात करीब साढ़े दस बजे मणिकपुर स्थित राजेश मिश्रा के आवास पर छापा मारा गया। टीम के पहुंचते ही घर में अफरा-तफरी मच गई। छापेमारी के दौरान पुलिस ने नकदी से भरे कई बक्से, सील पैक गड्डियां और संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए। छापेमारी के दौरान घर के कई हिस्सों में बोरियों, अलमारियों व बॉक्सों में महंगी नकदी पाई गई। नोटों की गिनती इतनी अधिक थी कि मशीन मंगानी पड़ी। साथ में नशीला पदार्थ भी बरामद हुआ। घर से महत्वपूर्ण दस्तावेज़, मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं जिनसे लेन-देन व नेटवर्क की पड़ताल की जा रही है। बताया जा रहा है कि नकदी करीब ₹2.15 करोड़ तक पहुंच गई है। गिनती पूरी होने के बाद सही आंकड़ा जारी किया जाएगा।
अवैध वसूली और मंडी शुल्क घोटाले का मामला
राजेश मिश्रा पर आरोप है कि वह वर्षों से मणिकपुर फल-सब्जी मंडी में दलालों के जरिए अवैध वसूली का नेटवर्क चला रहा था। ट्रक लदान से लेकर मंडी शुल्क के नाम पर हर दिन लाखों रुपये की उगाही की जाती थी। सूत्रों के मुताबिक, मिश्रा ने कई मंडी अधिकारियों और स्थानीय नेताओं से मिलकर मंडी में ठेका व्यवस्था पर एकछत्र कब्जा कर रखा था। छोटे व्यापारियों और किसानों से वसूले गए धन को वह नकद रूप में रखता था, जिसे बाद में जमीन और संपत्ति में निवेश किया जाता था।
गांजा और काले धन से जुड़ा मामला
यह मामला नशे की तस्करी एवं गुप्त नकदी लेन-देनों से जुड़ा हुआ पाया गया है। स्थानीय पुलिस का कहना है कि बरामद नकदी और नशीली सामग्री इस गिरोह द्वारा संचालित अवैध नेटवर्क से सम्बन्धित है। यह इस इलाके में भ्रष्टाचार, तस्करी और माफिया-गतिविधियों के खिलाफ चल रही कड़ी मोर्चेबंदी का उदाहरण है। पिछले माहों में पुलिस द्वारा संपत्ति जब्ती की कार्रवाई तेज हुई है। अभियुक्त राजेश मिश्रा पहले से जेल में है। यह दर्शाता है कि जेल में रहते भी बाहरी नेटवर्क चल सकता है, और परिवार तथा रिश्तेदार उसको आगे बढ़ा सकते हैं।
कई ठिकानों पर छापेमारी जारी
प्रतापगढ़ पुलिस के साथ-साथ प्रयागराज और लखनऊ की टीमें भी अब इस मामले में शामिल हो गई हैं। जानकारी के अनुसार, मिश्रा के प्रयागराज, कौशांबी और लखनऊ स्थित ठिकानों पर भी एक साथ छापे मारे जा रहे हैं। टीम ने कई बैंक खातों को फ्रीज़ करने की सिफारिश की है और आयकर विभाग को भी इस पूरे प्रकरण की सूचना दी गई है।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
एसपी प्रतापगढ़ डॉ. अभिषेक सिंह ने बताया कि छापेमारी मंडी परिषद की शिकायतों के आधार पर की गई है। शुरुआती जांच में भारी मात्रा में नकदी और अनियमितताओं के दस्तावेज मिले हैं। “यह सिर्फ शुरुआत है। आगे और नाम सामने आ सकते हैं। हम अवैध संपत्ति की जांच आयकर व प्रवर्तन निदेशालय से करवाएंगे।” एसपी प्रतापगढ़
गांव और मंडी में हड़कंप
मणिकपुर मंडी क्षेत्र में इस कार्रवाई की खबर फैलते ही हड़कंप मच गया। स्थानीय व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। एक सब्जी व्यापारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “मंडी में रोजाना कई तरह के शुल्क के नाम पर पैसा देना पड़ता था। जो विरोध करता, उसका माल उतरने नहीं दिया जाता था।” पुलिस अब यह जांच रही है कि बरामद नकदी का स्रोत क्या है और इसे कहां निवेश किया जा रहा था। मंडी से प्राप्त दैनिक वसूली रजिस्टर, कंप्यूटर रिकॉर्ड, और जमीन के दस्तावेज को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
आगे की कार्रवाई में ED को शामिल करने का विचार
राजेश मिश्रा को फिलहाल हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि यदि आवश्यक हुआ तो प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग को मामले में शामिल किया जाएगा। मणिकपुर मंडी में यह छापेमारी न सिर्फ एक बड़े आर्थिक घोटाले का खुलासा कर रही है, बल्कि प्रदेश भर की मंडियों में फैले अवैध वसूली तंत्र की जड़ों तक जांच का देर बढ़ने का संकेत भी देती है। प्रशासन अब इस मामले को “उदाहरण” के रूप में लेकर अन्य मंडियों में भी कार्रवाई की तैयारी में है।
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