Thecsrjournal App Store
Thecsrjournal Google Play Store
April 12, 2025

Marathi Vivad in Mumbai: भाषा विवाद के बीच ट्रैफिक सिग्नल अब मराठी में

Marathi Vivad in Mumbai: गहराते मराठी भाषा विवाद के बीच महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है कि अब मुंबई के ट्रैफिक सिग्नल भी मराठी में होंगे जिसकी शुरुआत भी हो चुकी है। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सभी ऑफिशियल कम्युनिकेशन के लिए मराठी भाषा के उपयोग को अनिवार्य कर दिया है। इस कदम के तहत, मुंबई के दादर स्थित हिंदमाता जंक्शन पर ट्रैफिक सिग्नल अब मराठी भाषा में कर दिया गया है। यह कदम राज्य सरकार की मराठी भाषा नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मराठी के संरक्षण, प्रचार, प्रसार और विकास को बढ़ावा देना है।  Signals at Mumbai`s Hindmata Junction now in Marathi.

Marathi Vivad in Mumbai: मराठी भाषा विवाद के बीच महाराष्ट्र सरकार का बड़ा कदम

इस नीति के माध्यम से सरकार का मकसद राज्यभर में मराठी भाषा को मजबूती देगा। इस कदम के साथ, सरकारी कार्यों और सार्वजनिक सेवाओं में मराठी का उपयोग प्राथमिकता दी जाएगी। सरकारी दफ्तरों, कार्यालयों, और सार्वजनिक स्थलों पर अब सभी दस्तावेज़, साइनेज (Name Plates in Marathi) मराठी में होंगी। इस नीति के तहत, सभी सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों को मराठी में काम करने की अनिवार्यता दी गयी है। इसके साथ ही, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो कर्मचारी इस निर्देश का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी कामकाजी भाषा के रूप में मराठी को बढ़ावा मिले। महाराष्ट्र सरकार की यह पहल मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम साबित हो सकती है।

Marathi Vivad in Mumbai: मराठी भाषा नहीं बोलने से होगी कार्रवाई

इसके साथ ही, महाराष्ट्र परिवहन विभाग ने भी घोषणा की है कि राज्य के सभी रजिस्टर्ड कमर्शियल गाड़ियों पर मराठी में सार्वजनिक सेवा संदेश प्रदर्शित किए जाएंगे। यह पहल विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए सहायक होगी जो केवल मराठी भाषा में पारंगत हैं, और इससे भाषा की बाधा कम होगी।सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि अब नए व्यवसायों को केवल मराठी भाषा में ही पंजीकरण करना होगा, बिना किसी अंग्रेजी अनुवाद के। यह कदम राज्य में मराठी भाषा के उपयोग को संस्थागत रूप से मजबूती देगा और व्यापारिक दुनिया में भी मराठी की उपस्थिति बढ़ाएगा। राज्य सरकार की इस पूरी पहल को मराठी भाषा की संरक्षण, संवर्धन और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

Latest News

Popular Videos