महाराष्ट्र की सत्ताधारी महायुति (Maharashtra BJP Shivsena Mahayuti) को महानगर पालिकाओं के चुनावों से पहले बड़ा झटका लगा है। बीजेपी और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच कई शहरों में मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। हालात ऐसे बन गए हैं कि एक-दो नहीं, बल्कि पांच महापालिकाओं में गठबंधन टूट चुकी है और अब वहां सीधी राजनीतिक टक्कर देखने को मिलेगी। चुनाव के लिए एबी फॉर्म बांटे जा रहे हैं और शीर्ष नेता खुद चुनावी मैनेजमेंट में जुटे हैं, इसी बीच यह स्थिति महायुती के लिए चिंता का कारण बन गई है। एक ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) में अपेक्षाकृत एकजुटता दिखाई दे रही है, वहीं भाजपा-शिवसेना के बीच सीट बंटवारे और उम्मीदवार चयन को लेकर खींचतान बढ़ गई है।
छत्रपति संभाजीनगर में युती लगभग तय तौर पर खत्म
छत्रपति संभाजीनगर महापालिका में भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच युती नहीं होने की बात लगभग साफ हो गई है। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने भी यह संकेत दिया है कि स्थानीय नेताओं के दबाव और सीटों को लेकर सहमति न बनने से युती टूट गई है। अब यहां भाजपा और शिवसेना आमने-सामने होंगी।
पुणे और उल्हासनगर में भी अलग-अलग राह
पुणे महापालिका में शिवसेना ने आरोप लगाया है कि उम्मीदवार चयन में उनके कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया। नाराजगी के चलते यहां भी दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। वहीं उल्हासनगर में वरिष्ठ नेताओं की कोशिशों के बावजूद स्थानीय स्तर पर सहमति नहीं बन सकी और युती टूट गई।
पिंपरी-चिंचवड़ और नवी मुंबई में भी तनाव
पिंपरी-चिंचवड़ में युती पर सवाल खड़े हो गए हैं। शिवसेना नेताओं की बैठक के बाद अंतिम फैसला होगा, लेकिन मौजूदा हालात युती के लिए अनुकूल नहीं बताए जा रहे। नवी मुंबई समेत कुछ अन्य शहरों में भी भाजपा-शिवसेना के बीच तनाव बना हुआ है। कुल मिलाकर, नगर निगम चुनावों से पहले महायुती में दरार अब खुलकर सामने आ गई है, जिससे कई शहरों में मुकाबला और ज्यादा दिलचस्प हो गया है।
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