महाराष्ट्र के सातारा ज़िले में सरकारी अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। डॉक्टर का शव एक होटल के कमरे में मिला। उसके हाथ पर लिखे गए आत्महत्या नोट में उसने दो पुलिस अधिकारियों पर पिछले पांच महीनों से बलात्कार और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
सतारा के PSI के उत्पीड़न से तंग डॉक्टर ने दी जान
सातारा ज़िले के फलटण स्थित उपजिला अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर द्वारा आत्महत्या किए जाने की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। इस आत्महत्या के पीछे सातारा पुलिस दल के एक पुलिस उपनिरीक्षक (PSI) और एक पुलिसकर्मी का नाम सामने आने से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। डॉक्टर ने बीती रात यह चरम कदम उठाया। बताया जा रहा है कि आत्महत्या से पहले उसका कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ विवाद हुआ था। इसके बाद उस महिला डॉक्टर के खिलाफ एक आंतरिक जांच भी चल रही थी। माना जा रहा है कि यह विवाद और मानसिक दबाव इस घटना की पृष्ठभूमि हो सकते हैं। हालांकि, अब जो जानकारी सामने आई है, वह और भी गंभीर है
हाथ पर लिखा सुसाइड नोट
मृतका महिला डॉक्टर ने अपने हाथ पर लिखा था कि PSI गोपाल बदाने ने पांच महीनों तक कई बार उसका बलात्कार किया और लगातार शारीरिक शोषण किया, जबकि पुलिस अधिकारी प्रशांत बंकर ने मानसिक रूप से उसे प्रताड़ित किया। डॉक्टर ने वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करते हुए कहा था, “मेरे साथ अन्याय हो रहा है, मैं आत्महत्या कर लूंगी।” उनकी सहकर्मियों का कहना है कि डॉक्टर ने पहले ही कई बार चेतावनी दी थी, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। घटना के सामने आने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और डॉक्टर के हाथ पर लिखे आत्महत्या नोट की फोरेंसिक जांच शुरू की गई है, ताकि उसकी प्रामाणिकता की पुष्टि की जा सके और कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा सके।
पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच शुरू
जांच अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि घटना से पहले की परिस्थितियां क्या थीं और आरोपित पुलिसकर्मियों की भूमिका कितनी गंभीर है। पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट इस पूरे मामले में अहम साक्ष्य साबित होंगी। फिलहाल, जिन पुलिस अधिकारियों के नाम आत्महत्या नोट में दर्ज हैं, उनकी ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, न ही विभाग की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया आई है। यह मामला राज्य में पुलिस कर्मियों की जवाबदेही और महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
सांसद सुप्रिया सुले और संरक्षक मंत्री शम्भुराज देसाई ने की घटना की निंदा
फलटण, जि. सातारा येथील उपजिल्हा रुग्णालयात कार्यरत महिला डॉक्टरचे आत्महत्या प्रकरण अतिशय गंभीर आहे. या महिलेने लिहिलेल्या सुसाईड नोटमध्ये तिने गेली काही दिवसांपासून तिचा शारिरीक आणि मानसिक छळ होत असल्याचे वरीष्ठांना वारंवार कळविले होते. परंतु तिच्या तक्रारीची दखल घेतली गेली…
— Supriya Sule (@supriya_sule) October 24, 2025
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गट) की सांसद सुप्रिया सुळे ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मांग की है कि मुख्यमंत्री खुद मामले की जांच के आदेश दें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें। सातारा के संरक्षक मंत्री शंभुराज देसाई ने बताया कि प्रशासन से अभी आधिकारिक जानकारी की प्रतीक्षा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक से बात की है और उन्हें घटनास्थल पर जाने के निर्देश दिए हैं। शंभुराज देसाई ने कहा, “अगर आत्महत्या नोट या ऐसा कोई साक्ष्य मिला है, तो यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मामले की संपूर्ण और निष्पक्ष जांच की जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि मृतका के परिवार से संपर्क किया जाएगा और यदि किसी पर आरोप सिद्ध होता है, तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
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