Maharashtra Ladki Bahin: महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी Maharashtra Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana इन दिनों चुनावी प्रक्रिया की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। इस योजना के तहत राज्य की लाखों Maharashtra Ladki Bahin को मिलने वाली मासिक आर्थिक सहायता का DBT Payment बीते करीब दो महीनों से अटका हुआ है। वजह साफ है राज्य में चुनाव और उसके चलते लागू Model Code of Conduct। सरकार की मंशा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की रही है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि योजना की राशि समय पर न मिलने से कई परिवारों का घरेलू बजट बिगड़ गया है। जिन महिलाओं ने Majhi Ladki Bahin Yojana Online Application समय पर पूरा किया था और दिसंबर तक (DBT) की उम्मीद लगाए बैठी थीं, उन्हें अब निराशा हाथ लग रही है।
Maharashtra Ladki Bahin: महाराष्ट्र चुनावी आचार संहिता बनी बाधा
सरकारी स्तर पर यह स्वीकार किया गया है कि चुनाव के दौरान किसी भी तरह का वित्तीय लाभ जारी करना नियमों के खिलाफ माना जा सकता है। इसी वजह से DBT प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोका गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम इसलिए जरूरी है ताकि सरकार पर चुनावी लाभ पहुंचाने के आरोप न लगें। हालांकि, इस फैसले का सीधा असर योजना की लाभार्थी महिलाओं पर पड़ा है।
Maharashtra Ladki Bahin: महिलाओं की बढ़ती चिंता
राज्य के अलग-अलग जिलों से महिलाएं अपनी परेशानी जाहिर कर रही हैं। कई Beneficiaries का कहना है कि यह रकम उनके लिए केवल सहायता नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जरूरतों का सहारा है। किसी के लिए बच्चों की फीस, तो किसी के लिए राशन और दवाइयों का खर्च इसी पैसे पर निर्भर है। भुगतान रुकने से महिलाओं में असमंजस और नाराजगी दोनों देखने को मिल रही है।
Maharashtra Ladki Bahin को लेकर सरकार का आश्वासन
राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया है कि जैसे ही Model Code of Conduct हटेगा और चुनावी प्रक्रिया पूरी होगी, सभी लंबित DBT एक साथ जारी कर दिए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी पात्र महिला को योजना के लाभ से वंचित नहीं रखा जाएगा और चुनाव समाप्त होते ही रकम सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाएंगे। राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव के दौरान ऐसी Maharashtra Women Welfare Schemes का रुकना तकनीकी रूप से सही हो सकता है, लेकिन इसका सामाजिक असर गंभीर होता है। खासकर जब योजना महिलाओं की Financial Empowerment से जुड़ी हो, तो देरी सरकार के प्रति भरोसे को कमजोर कर सकती है। फिलहाल, महाराष्ट्र की लाड़ली बहने एक ही सवाल पूछ रही हैं चुनाव खत्म होंगे तो क्या उनकी आर्थिक मुश्किलें भी खत्म होंगी?
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