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October 31, 2025

महाराष्ट्र-10 वर्षीय श्रवण ने अचानक दिल का दौरा पड़ने से मां की गोद में तोड़ा दम

The CSR Journal Magazine
महाराष्ट्र के कोल्हापुर ज़िले में 10 वर्षीय श्रवण अजीत गावड़े की खेलते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

मां की गोद में तोड़ा मासूम ने दम

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में घटी अनहोनी ने सभी को अचंभित कर दिया है। 10 वर्षीय श्रवण गुरुवार शाम अन्य बच्चों के साथ गणपति मंडल में खेल रहा था, तभी अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। वह भागकर घर पहुंचा और अपनी मां की गोद में लेट गया और कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया। कम उम्र के श्रवण की अचानक हुई मौत ने कोडोली गांव और आसपास के क्षेत्रों में लोगों को गहरा सदमा पहुंचा दिया है। अजीत गावड़े और उनका परिवार कोडोली के वैभव नगर में रहता है। श्रवण के चाचा गजानन गवड़े ने कहा, “श्रवण बहुत चंचल और मिलनसार था। इस हादसे ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।”
इस दर्दनाक हादसे ने गावड़े परिवार को पूरी तरह से तोड़ दिया है। अजीत गावड़े के दो बच्चे थे, एक बेटा और एक बेटी। उनकी बेटी का चार साल पहले निधन हो गया था और अब इकलौते बेटे श्रवण की मौत से परिवार गहरे दुख में डूब गया है।

मौत ने नहीं दिया सोचने का भी वक़्त

पन्हाला तालुका के कोडोली गांव में आनंदनगर कॉलोनी के शिवनेरी गली में रहने वाले श्रवण अजीत गावड़े (उम्र 10 वर्ष) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। खेलप्रिय, मासूम और खुशमिज़ाज स्वभाव वाला यह बच्चा मां की गोद में ही आखिरी सांस ले गया। खेल में मग्न श्रवण अचानक अस्वस्थ हो गया और घबराकर घर लौट आया। मां की गोद में सिर रखते ही उसे तीव्र हृदयाघात हुआ और कुछ ही क्षणों में उसने मां की आंखों के सामने ही दम तोड़ दिया। मां की चीख-पुकार और विलाप से माहौल गमगीन हो गया। परिजनों और पड़ोसियों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि वह पहले ही दम तोड़ चुका था। मात्र दस साल की उम्र में श्रवण अपने परिवार और दोस्तों को हमेशा के लिए छोड़ गया।

गावड़े परिवार ने खो दिए दोनों बच्चे

श्रवण स्थानीय स्कूल में चौथी कक्षा का छात्र था। वह परिवार का इकलौता बेटा था। चार साल पहलेगावड़े परिवार अपनी बेटी को खो चुका था, और अब बेटे की अकाल मौत ने पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया है। इस घटना से पूरा कोडोली गांव शोक में डूब गया है। पड़ोसी, मित्र और स्थानीय नागरिक गावड़े परिवार के दुख में शामिल होकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं।

बच्चों में बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले

पहले हार्ट अटैक के ज्यादातर मामले उम्र बढ़ने के बाद आते थे। 50-60 साल की उम्र में लोगों को दिल की बीमारियां होती थीं, लेकिन पिछले 10 सालों में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोविड के बाद तो हार्ट अटैक के मामलों में और भी उछाल देखने को मिला है। लेकिन इस सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात है कि अब बच्चों में हार्ट अटैक के मामले देखे जा रहे हैं

पढ़ाई का बढ़ता दबाव

आज के समय में पढ़ाई का दबाव, प्रतियोगिता और सोशल मीडिया की वजह से बच्चे भी तनाव का सामना कर रहे हैं। यह मानसिक तनाव हॉर्मोनल बदलाव लाकर हार्ट पर नकारात्मक असर डाल रहा है।

बच्चों में हार्ट अटैक के पीछे कई कारण

आमतौर पर हार्ट अटैक को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता है,लेकिन अब छोटे बच्चों में भी इसके मामले सामने आने लगे हैं। हार्ट स्पेशलिस्ट्स के मुताबिक इसके पीछे कई अहम कारण हो सकते हैं। कुछ बच्चों में जन्मजात हृदय दोष होते हैं, जैसे धमनियां बहुत पतली होना या नस की संरचना में गड़बड़ी। ऐसे मामलों में ब्लड क्लॉट बनने की संभावना ज्यादा होती है, जिससे हार्ट अटैक हो सकता है।
कुछ बच्चों की कोरोनरी आर्टरी शरीर की सामान्य संरचना से अलग दिशा में निकलती है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है और हृदय पर दबाव बढ़ता है। खानपान की बात करें तो डॉक्टर कहते हैं कि फास्ट फूड, तला-भुना खाना, पिज्जा-बर्गर आदि का हार्ट अटैक से सीधा संबंध नहीं है, लेकिन अस्वस्थ जीवनशैली से जोखिम बढ़ सकता है।

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

खेलते समय जल्दी थक जाना या सांस फूलना, छाती में दर्द की शिकायत सामान्य बच्चों की तुलना में कम एक्टिव रहना, दिल की धड़कन का तेज हो जाना, अगर बच्चे में ये लक्षण दिखें, तो समय रहते कार्डियक जांच जरूर करवाएं। आजकल छोटे बच्चों में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। इससे बचने के लिए जरूरी है कि बच्चे को रोज़ाना व्यायाम करना चाहिए और आउटडोर गेम्स खेलना चाहिए। मोबाइल-टीवी से दूरी बनाए रखना चाहिए। बच्चों के खानपान में हरी सब्जियां, फल और पौष्टिक आहार शामिल करना चाहिए। समय-समय पर मेडिकल चेकअप भी कराना जरूरी है ताकि किसी भी समस्या का समय रहते पता चल सके।
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