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मुंबई की आंगनबाड़ियों को आधुनिक बनाएगी सीएसआर

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महाराष्ट्र सरकार सीएसआर फंड का इस्तेमाल कर मुंबई समेत महाराष्ट्र के आंगनबाड़ियों की दशा सुधारने की कोशिश में है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने लोगों से अपील की है कि कॉरपोरेट और सक्षम लोग आगे आएं और आंगनबाड़ियों को अपनाएं। कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी यानी सीएसआर की मदद से इन आंगनबाड़ियों को अडॉप्ट करें। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने बताया कि एक आंगनबाड़ी को चलाने की लागत लगभग 25 से 30 हज़ार रुपये प्रति माह का खर्च आता है।

मुंबई के 4850 आंगनबाड़ियों की दशा सुधारेगी सीएसआर

मुंबई के इन आंगनबाड़ियों को अत्याधुनिक और सुविधाजनक बनाने के लिए मेडिकल और एजुकेशन उपकरणों की जरुरत होती है जिसका खर्च राज्य सरकार चाहती है कि निजी संस्थान और कॉरपोरेट अपने सीएसआर (Corporate Social Responsibility) फंड के जरिये उठाये। मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने ये भी दावा किया कि अब तक करीब 500 व्यक्ति और संगठन इन आंगनबाड़ियों को गोद लेने के लिए आगे आ चुके हैं। हम आपको बता दें कि अकेले मुंबई में 4850 आंगनबाड़ी है जिन्हें गोद लेने की अपील महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने की है।

4850 आंगनबाड़ियों में 19 ऐसी आंगनबाड़ी है जो सरकारी जमीन पर संचालित होती है

4850 आंगनबाड़ियों में से चौंकाने वाला सच ये भी है कि महज 19 ऐसी आंगनबाड़ी है जो सरकारी जमीन पर संचालित होती है बाकी सभी किसी स्लम में या किसी निजी झोपड़ी में चलता है। इस सिलसिले में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने बीएमसी कमिश्नर को खत लिखकर बीएमसी की जगह की डिमांड की ताकि ये आंगनबाड़ी सरकारी बीएमसी की जगह पर चलाया जा सकें। मुंबई जैसे महानगर में भी 2300 ऐसे बच्चें हैं जो कुपोषित हैं और ऐसे ही आंगनबाड़ियां बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सेहत और पढ़ाई पर लगातार काम कर रही है।

सीएसआर के तहत क्या लोढ़ा फाउंडेशन भी मुंबई की आंगनबाड़ियों को लेगा गोद?

पूर्व महिला एवं बाल कल्याण मंत्री और कांग्रेस नेता यशोमती ठाकुर ने कहा कि “महिला एवं बाल कल्याण मंत्री की ये पहल नई नहीं है। पहले भी CSR फंड पर कई आंगनबाड़ी चल रहे हैं। आंगनबाड़ियों को अपनाकर कॉरपोरेट हमारी मदद करते हैं”। बहरहाल महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा जहां कॉरपोरेट कंपनीज को आंगनबाड़ियों को गोद लेने के लिए अपील कर रहें है वहीं ये सवाल खड़ा होता है कि क्या लोढ़ा फाउंडेशन भी क्या इस तरह के आंगनबाड़ियों को सपोर्ट करेगा क्या? हम आपको बता दें कि महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा Lodha Foundation के चेयरमैन और फाउंडर है और पैरेंट कंपनी Lodha Group मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा के परिवार का ही है।