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बदल जाएगी महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था, विज़न 2035 लांच, स्वास्थ्य पर होगा दोगुना खर्च

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Maharashtra government health vision 2023 launched by cm Eknath Shinde
 
महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक बड़ा कदम उठाया है। सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health in Maharashtra) पर खर्च दोगुना करने, सभी जिलों में सभी सुविधाओं वाले स्पेशालिस्ट अस्पताल स्थापित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए युद्ध स्तर पर कदम उठाने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने Maharashtra Health Vision 2035 को लांच किया। गौरतलब है कि हेल्थ विज़न के तहत अगले 15 दिनों में सचिव समिति राज्य के 34 जिलों में नए मेडिकल कॉलेजों के साथ सभी सुविधा युक्त जिला अस्पताल स्थापित करने के लिए प्रारूप तैयार करेगी।

महाराष्ट्र के जिला अस्पतालों को किया जायेगा अपग्रेड, 34 जिलों में सुपर स्पेशलिटी जिला अस्पताल स्थापित करने के निर्देश

मेडिकल कॉलेजों से अटैच्ड हुए महाराष्ट्र के 13 जिला अस्पतालों को बंद किया गया है। 12 जिला अस्पतालों को मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट को हस्तांतरित किये जाने को ध्यान में रखते हुए 25 जिलों में नये अत्याधुनिक और सभी सुविधा युक्त जिला अस्पताल बनाने के और वर्तमान में मेडिकल कॉलेजों जुड़े हुए जिला अस्पतालों का  अपग्रडेशन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। इसके साथ ही 14 जिलों के महिला अस्पतालों को भी पर्याप्त रूप से मजबूत करने का निर्णय लिया गया है जहां इन जिला अस्पतालों में बड़ी सर्जरी की सुविधा होनी चाहिए। अगर प्राथमिक उप-केंद्र, उप-जिला अस्पताल सक्षम हो जाएं तो शहर में सरकारी स्वास्थ्य प्रणालियों पर कोई दबाव नहीं पड़ेगा ऐसे में सीएम ने इन्हे भी मजबूत करने के निर्देश दिए।

मेडिकल सुविधाओं के मामले में कलेक्टर्स को ज्यादा पावर

हाल ही में हुई सरकारी अस्पतालों में मौतों की वजह से महाराष्ट्र के स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा था, ऐसे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सभी जिलाधिकारियों को मेडिकल सुविधाओं के मामले में ज्यादा पावर दिया गया और जिला नियोजन से दवाइयों की खरीदारी करने का अधिकार दिया। इसलिए मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि वे बिना समय बर्बाद किये अपने-अपने जिलों में टैरिफ के अनुसार तत्काल दवा और मेडिकल उपकरण खरीद लें। किसी भी स्थिति में, किसी भी जिले के अस्पतालों से दवा न मिलने की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।

सीएसआर और अन्य माध्यम से स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च को बढ़ाया जायेगा

राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाना जरूरी है, स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक निवेश होना चाहिए। एम्बुलेंस, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माण, चिकित्सा उपकरण आदि के लिए 8331 करोड़ का निधि अनुपूरक मांग के साथ स्वीकृत किया गया है और 1263 करोड़ की अतिरिक्त निधि की भी जरूरत है। हुडको द्वारा 141 स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माण के लिए 3948 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं, उसे भी समय पर खर्च किया जाये ऐसा भी निर्देश सीएम ने दिए। महाराष्ट्र में सीएसआर के माध्यम से भी कॉरपोरेट हेल्थ सेक्टर में खर्च कर रही है जो की सराहनीय है। फिलहाल सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में 19 हजार 695 पद खाली हैं और इन्हें टीसीएस के माध्यम से भरने की प्रक्रिया चल रही है। राज्य में में स्वास्थ्य विभाग के 8 परिमंडल हैं। मुख्यमंत्री ने बढ़ती जनसंख्या और मरीजों की बढ़ती संख्या के तनाव को देखते हुए 9 और परिमंडल बनाने का प्रस्ताव तत्काल देने का भी निर्देश दिया।

ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन प्रणाली को बनाया जायेगा और भी प्रभावशाली

ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में Telemedicine System का उपयोग बढ़ाने से अन्य स्थानों की स्वास्थ्य यंत्रणाओं पर आने वाला तनाव कम होगा, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन प्रणाली को और भी प्रभावशाली बनाने का निर्देश दिया गया।