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बढ़ सकता है लॉक डाउन – राजेश टोपे, स्वास्थ्य मंत्री, महाराष्ट्र

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महाराष्ट्र में लगातार कोरोना पॉजिटिव के मामले बढ़ रहे हैं, देश के दूसरे राज्यों से तुलना करें तो महाराष्ट्र सबसे अव्वल है। देश में लॉक डाउन है, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई समेत पुणे सबसे ज्यादा प्रभावित है। अब तो एशिया की सबसे बड़े स्लम धारावी में भी मामले आने लगे जो बेहद चिंताजनक है। ऐसे में महाराष्ट्र की किस तरह से तैयारी है, इस पर बात करने के लिए The CSR Journal के साथ मौजूद है महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे।

राजेश जी बहुत-बहुत स्वागत है आपका The CSR Journal में। महाराष्ट्र में लगातार मामले बढ़ रहे हैं, मेरा पहला सवाल, कोरोना को लेकर क्या हम पूरी तरह से तैयार है?

जरूर यह चिंता की बात है, जब आंकड़े बढ़ते हैं तो एक स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते चिंता तो जरूर होती है, मुख्यमंत्री को चिंता है, सभी हमारे मंत्री गण को चिंता हो रही है। लेकिन इस बीच हमें कॉन्फिडेंस भी है क्योंकि हम शुरू से ही इस बीमारी को लेकर एहतियात बरत रहे हैं, जो तैयारी करने की जरूरत थी वह हमने पहले ही किया है। जैसे कि देश में लॉक डाउन बाद में हुआ, उसके दो दिन पहले ही हम लोगों ने लॉक डाउन किया था। हम पहले से ही बहुत कड़े कदम उठा रहें थे, हम ने पब्लिक गैदरिंग बंद किया, धार्मिक गैदरिंग, स्पोर्ट्स इवेंट, कल्चरल इवेंट्स ये सारे बंद किये गए। यहां तक कि स्कूल कॉलेज तक बंद कर दिए, एग्जाम और इलेक्शन भी हम लोगों ने टाल दिया। ये संक्रमण कम से कम हो यही हमारा लक्ष्य है और यही हमारी कोशिश भी।रही बात संख्या बढ़ने की तो हम पूरी तरह से इसके रोकथाम के लिए तैयार है। इस तैयारी के लिए राज्य में जो भी संसाधन लगेंगे उसके लिए हम काम कर रहे हैं। जैसे वेंटिलेटर, डॉक्टरों की संख्या में इजाफा, ट्रेन्ड नर्सेज, पैरामेडिकल फोर्सेस, प्रोटेक्शन किट , यह सभी संसाधन हम जुटा रहे हैं, हां जरूर इनमें कमियां है लेकिन हम वैश्विक मार्केट से सीएसआर एक्टिविटी की मदद से खरीदने की कोशिश में लगे हैं।

आखिरकार महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले क्यों आ रहे हैं, इस बारे में क्या महाराष्ट्र सरकार ने कोई आकलन किया है कि ऐसा क्यों है?

महाराष्ट्र में मुंबई है और मुंबई एक इंटरनेशनल शहर है। यहां इस संक्रमण की शुरुआत हुई है लेकिन यह हमारे देश की उपज नहीं है, ये बीमारी हमारे देश से शुरू नहीं हुआ, यह चाइना से वायरस आया हुआ है। हमारे देश में जो बाहर से लोग आए हुए हैं, व्यापार के लिए, टूरिस्ट के लिए, हमारे देश के लोग जो टूरिस्ट बनकर बाहर गए थे, उन देशों में खासतौर पर कोरोना से प्रभावित जो देश है, वहां से आए हुए लोगों द्वारा यह संक्रमण फैला हुआ है। अगर हम देखे तो एक ग्रुप दुबई गया हुआ था, ग्रुप में से 25 लोग कोरोना संक्रमित थे और यह भारत आने के बाद कांटेक्ट की वजह से बहुत ज्यादा बढ़ गया। लेकिन लेकिन गनीमत है कि अभी तक कम्युनिटी संक्रमण नहीं है।

अगर जो हम मुंबई की बात करें तो यहां पर बहुत सारे ऐसे इलाके हैं जो कि हॉटस्पॉट हो सकते हैं। क्या आप लोगों ने उस को चिन्हित किया है। जैसे धारावी हुआ, जहां पर कई पॉजिटिव मामले सामने आया। सांताक्रुज हो या बांद्रा हो या तमाम ऐसे स्लम जहां बहुत घनी आबादी है, इसको लेकर आप का क्या प्लान है?

इस बात को लेकर चिंता जरूर है, यहां इतना डेंस पापुलेशन है, हम इस बारे में जरूर सोच रहे हैं कि अगर यहां पर संक्रमण का फैलाव होता है तो किस तरह से इसे टैकल किया जाए। धारावी में जो केस आया हुआ है उसको देखते हुए हमने तुरंत उस इलाके को कंटेनमेंट ज़ोन डिक्लेयर किया। जब कंटेनमेंट ज़ोन डिक्लेअर हो जाता है तब वहां कर्फ्यू बहुत शक्ति से इंप्लीमेंट किया जाता है। सख्ती से अमल का मतलब है कि बिल्कुल भीड़ नहीं दिखेगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत अच्छी तरह से करवाया जाएगा। इस दरमियान अगर पुलिस का बल इस्तेमाल करना पड़े तो जरूर उसका फोर्स इस्तेमाल किया जाएगा। इन भीड़भाड़ इलाकों का सर्विलेंस भी किया जा रहा है, जिसके लिए सीसीटीवी का मदद लिया जा रहा है। मुंबई के कंट्रोल रूम से उसकी लगातार मॉनिटरिंग होती है, इन इलाकों का हम ड्रोन से भी सर्वे कर रहे हैं। अंदर अंदर जो इलाके होते हैं वहां पर भी निगरानी की जा रही है।

यह सवाल सभी के जहन में है। 14 तारीख को लॉक डाउन जब खत्म हो जाएगा तो क्या स्थिति सामान्य हो जाएगी। लोग आवाजाही कर सकेंगे, क्या परिस्थिति होगी, क्योंकि आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खुद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग किए, क्या लगता है कि 15 तारीख को सब कुछ नॉर्मल हो जाएगा?

अगर 14-15 तारीख को हालात ठीक रहे तो धीरे धीरे किया जा सकता है लेकिन हालात ठीक रहे तो। यह किस तरह से करना चाहिए इसको लेकर एक एक्सपर्ट की कमेटी गठित की जाएगी जिसका ओपिनियन लेकर ही आगे करना पड़ेगा। ऐसा तो बिल्कुल नहीं कि पूरा एक ही दिन में खोल दिया जाएगा और सब लोग बाहर निकलेंगे, जो 21 दिन का फ्रस्ट्रेशन है वह तो एक ही दिन में निकल जाएगा। ऐसा बिल्कुल नहीं होगा। इसके बारे में भी लोगों को मन बनाना जरूरी है। लॉक डाउन को खत्म करने के लिए कुछ नियम कानून रहेंगे और उस नियमों के तहत ही धीरे-धीरे ही ढील दी जाएगी लेकिन अगर स्थिति ठीक हुई तो। अगर स्थिति ठीक नहीं रहती है तो तो एक्सटेंशन का भी हमें ध्यान रखना पड़ेगा।

कोरोना को हराने के लिए महाराष्ट्र में आप लोग ट्रिपल T का फार्मूला अपना रहे हैं, क्या है ये TTT फार्मूला ?

कोरोना में मॉर्टिलिटी रेट बहुत कम है, 2 पर्सेंट है, लेकिन इसका फैलाव बहुत तेजी से होता है और इसीलिए इस को ध्यान में रखते हुए TTT का फार्मूला हम अपना रहे हैं। पहला अगर संक्रमण फैलता है तो ट्रेसिंग करना जरूरी है, दूसरा है टेस्टिंग और अगर पॉजिटिव रिपोर्ट आता है तो मरीज को आईसोलेट किया जाता है और तीसरा है ट्रीटमेंट। हम इसी के तहत काम करते हुए आए हैं और विश्व में भी यही फार्मूला अपनाया जा रहा है।

आप महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री हैं, बतौर मंत्री आप महाराष्ट्र की जनता से क्या अपील करना चाहते हैं। किस तरह से जनता को आश्वस्त करना चाहते हैं, जबकि पूरे महाराष्ट्र में एक खौफ का माहौल हो गया है ?

मैं सिर्फ दो ही लाइन बोलूंगा कि सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कीजिए। आप घरों में ही रहे, सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें। कोरोना को हराने के लिए हमने एक स्लोगन तैयार किया, “है मैं ही मेरा रक्षक हूं” “मैं घर पर रहूंगा” और “मैं कोरोना को हराऊंगा” इसी प्रण के साथ हमें हमारा देश सुरक्षित रखना है, हमें हमारा राज्य सुरक्षित रखना है, हमें हमारा शहर सुरक्षित रखना है।

कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी की बात करें तो बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र में कॉर्पोरेट कंपनियों ने सरकार की मदद की, केंद्र सरकार की मदद करने के लिए सामने आये, इसे आप किस तरह से देखते है ?

महाराष्ट्र में हमेशा से ही कॉर्पोरेट अपना कॉन्ट्रिब्यूशन करता रहता है। हमेशा से ही कॉर्पोरेट्स सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाया है, कभी भी कोई भी मुश्किल की घड़ी आई, कॉर्पोरेट्स हमेशा से ही अपनी जिम्मेदारियों का वहन, निर्वाहन करता रहा है, बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। इस मुश्किल की घडी में भी कॉर्पोरेट उदार दिल दिखाते हुए सरकारों के साथ खड़ा हैं। सीएसआर फंड मुख्यमंत्री सहायता कोष में दे रहा हैं। फिलहाल इस सीएसआर फंड की बेहद जरूरत है, कभी-कभी गवर्नमेंट प्रोसीजर से काम बहुत जल्दी नहीं होता है ऐसे में सीएसआर का फंड इस्तेमाल करके जल्द से जल्द संसाधनों की खरीदारी हो रही है। सभी कॉरपोरेट्स का मैं तहे दिल से, दिल की गहराइयों से उनका शुक्रिया अदा कर रहा हूं।

एक आखिरी सवाल, आप स्वास्थ्य मंत्री हैं, लगातार आप रेलवे स्टेशन पर जा रहे हैं, अस्पतालों में जा रहे हैं, आप एकदम से सुरक्षित है ना, डर तो नहीं लग रहा है ना?

मैं बिल्कुल सुरक्षित हूं, मेरे ऊपर मेरे राज्य की जिम्मेदारी है और मुझे वह जिम्मेदारी बहुत बखूबी निभानी है।