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May 21, 2025

Irrigation projects in Uttar Pradesh: योगी सरकार ने बदली 2 करोड़ किसानों की तक़दीर, फसल और आमदनी में इजाफा

Irrigation projects in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के किसानों की आर्थिक हालत सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में सिंचाई सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया गया है, जिससे अब तक 2 करोड़ से अधिक किसानों की जिंदगी बदल चुकी है। जिन इलाकों में पहले खेती करना सपना होता था, वहां अब लहलहाते खेत दिखाई दे रहे हैं। पिछले एक साल में सरकार ने रिकॉर्ड 394 सिंचाई परियोजनाएं पूरी की, जिनका सीधा लाभ 64 लाख किसानों को मिला है। सिंचाई के क्षेत्र में हुए इस ऐतिहासिक काम ने किसानों की आमदनी में वृद्धि कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया है।

1100 से अधिक परियोजनाओं से खेती का बदला नक्शा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विजन को मिशन बनाकर पिछले आठ वर्षों में 1,100 से अधिक सिंचाई परियोजनाओं की मंजूरी दी। ये परियोजनाएं प्रदेश के उन इलाकों में लाई गईं, जहां लंबे समय से पानी की भारी किल्लत रही है। अब इन परियोजनाओं की बदौलत किसान वर्षभर खेतों में पानी की उपलब्धता से अच्छी उपज ले रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इन प्रयासों से अब तक 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को सिंचित किया जा चुका है या पुनर्स्थापित किया गया है। इससे राज्य का कृषि परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है।

पानी की कमी वाले क्षेत्रों में भी दिखा कमाल

पूर्वांचल, बुंदेलखंड और तराई जैसे क्षेत्र जो पानी की कमी और सूखे की मार से जूझते रहे हैं, वहां अब स्थिति पूरी तरह से पलट गई है। नहरों की मरम्मत, नई सिंचाई नहरों का निर्माण, तालाबों की खुदाई और बोरवेल जैसी सुविधाएं किसानों को सालभर सिंचाई के साधन मुहैया करा रही हैं। इससे जहां फसल उत्पादन में जबरदस्त इज़ाफा हुआ है, वहीं किसानों को अब दूसरे राज्यों में पलायन नहीं करना पड़ रहा। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

394 परियोजनाएं पूरी, 64 लाख किसानों को सीधा लाभ

प्रदेश सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ एक साल में 394 सिंचाई परियोजनाएं पूरी की गईं। इनसे सीधे तौर पर 64 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। यही नहीं, इन परियोजनाओं की मदद से कई हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई से जोड़ा गया, जिससे गैर उपजाऊ जमीन भी उपजाऊ बन गई। इन योजनाओं का सीधा प्रभाव किसानों की फसल उत्पादन, मुनाफे और जीवनस्तर पर पड़ा है। यही कारण है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी मजबूती देखने को मिल रही है।

माइक्रो और ड्रिप इरिगेशन से हुआ जल संरक्षण

योगी सरकार ने पारंपरिक सिंचाई प्रणालियों के साथ-साथ माइक्रो इरिगेशन, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम को भी बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया है। इन आधुनिक तकनीकों से पानी की बर्बादी में कमी आई है और सीमित संसाधनों से भी खेतों को भरपूर सिंचाई मिल रही है। इसके तहत सरकार ने किसानों को सब्सिडी पर उपकरण, तकनीकी मदद और प्रशिक्षण भी दिया है, जिससे वे अब कम लागत में अधिक उत्पादन कर पा रहे हैं।

हर खेत को पानी पहुंचाने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका लक्ष्य है कि प्रदेश का हर किसान सिंचाई सुविधा से जुड़ सके। इसके लिए आगामी वर्षों में और अधिक जनोपयोगी परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इनमें भूमिगत जल संरक्षण, चेक डैम निर्माण, वर्षा जल संचयन और वाटर रिचार्जिंग योजनाएं शामिल हैं। सरकार का मानना है कि जब हर किसान को भरपूर पानी मिलेगा, तो वह न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगा, बल्कि प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।

सीएम योगी का बयान: किसानों की खुशहाली ही प्राथमिकता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,”प्रदेश का किसान खुशहाल होगा तो उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा। हमारी सरकार ने बीते वर्षों में जो कार्य किए हैं, उनके परिणाम अब जमीन पर दिखने लगे हैं। किसानों की आमदनी दोगुनी करना अब सिर्फ नारा नहीं, सच्चाई बनता जा रहा है।”

किसानों के जीवन में आया सकारात्मक बदलाव

योगी सरकार की सिंचाई योजनाएं सिर्फ योजनाएं नहीं, बल्कि किसानों की जिंदगी में नई रोशनी लेकर आई हैं। जहां कभी सूखा, बंजर और पलायन जैसी समस्याएं थीं, वहां आज हरियाली, समृद्धि और आत्मनिर्भरता की मिसाल देखी जा रही है। आंकड़े और जमीनी हकीकत यह बताते हैं कि उत्तर प्रदेश खेती के क्षेत्र में मॉडल राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ चुका है।

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