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July 10, 2025

यमन में मौत की सजा काट रही भारतीय नर्स निमिशा प्रिया को 16 जुलाई को दी जाएगी फांसी

यमन में नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या के मामले में दोषी ठहराई गई, 2017 से जेल में सज़ा काट रही भारतीय नर्स निमिशा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। सरकारी अभियोजक ने जेल अधिकारियों को अभियोजन पत्र जारी कर दिया है।

2017 से मौत के इंतज़ार में यमन जेल में बंद है निमिशा प्रिया

केरल की रहने वाली नर्स निमिशा प्रिया को यमन में 2017 में एक स्थानीय नागरिक की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। अब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 16 जुलाई 2025 को उसे फांसी दी जाएगी। यह पुष्टि मानवाधिकार कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम ने की है, जो निमिषा की मां प्रेमा कुमारी की ओर से अधिकार पत्र लेकर यमन प्रशासन से जुड़े हुए हैं। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले को लेकर गंभीरता दिखाई है। मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, “तब से हम इस मामले पर बारीकी से नज़र रखे हुए हैं। हम स्थानीय अधिकारियों और उसके परिवार के सदस्यों के साथ नियमित संपर्क में हैं और हर संभव सहायता प्रदान की है। हम मामले पर बारीकी से नज़र बनाए हुए हैं। अभी विकल्प खुले हुए है।”

मृतक के परिवार से माफी की अपील करेंगे वकील

तलाल के परिवार की ओर से माफी के बारे में सैमुअल ने कहा, “हमने पिछली बैठक के दौरान परिवार को एक प्रस्ताव दिया था। अब तक, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है। मैं बातचीत फिर से शुरू करने के लिए आज यमन जा रहा हूं।” सरकारी सूत्रों के अनुसार, “जून 2017 में यमन में हत्या के अपराध के लिए निमिशा प्रिया को दोषी ठहराया गया था और स्थानीय अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। तब से अधिकारी इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।” उन्होंने कहा, “हम स्थानीय अधिकारियों और उसके परिवार के सदस्यों के साथ नियमित संपर्क में हैं और हर संभव सहायता प्रदान की है। हम मामले पर बारीकी से नज़र बनाए हुए हैं।”

निमिशा पर क्या हैं आरोप, कौन हैं निमिशा प्रिया

निमिशा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2011 में नौकरी के लिए यमन का रुख किया था। शुरुआत में उन्होंने कई अस्पतालों में दिन-रात काम किया और फिर खुद का क्लिनिक खोलने का सपना देखा। इसी दौरान 2014 में उनकी मुलाकात तलाल अब्दो महदी नामक यमनी नागरिक से हुई, जिसने स्थानीय बिजनेस कानून के तहत क्लिनिक खोलने में  निमिशा की मदद का वादा किया।

पार्टनरशिप से प्रताड़ना तक

2015 में तलाल और निमिशा, दोनों ने मिलकर क्लिनिक शुरू किया, लेकिन जल्द ही मतभेद शुरू हो गए। निमिशा ने महदी पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। तलाल ने निमिशा का पासपोर्ट भी ज़ब्त कर लिया, जिससे वह यमन छोड़कर भारत नहीं लौट सकी। 2016 में निमिषा ने महदी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और उसे कुछ समय के लिए गिरफ्तार भी किया गया। लेकिन जल्द ही उसे रिहा कर दिया गया।

निमिशा पर हत्या का आरोप और गिरफ्तारी

2017 में एक और विवाद के दौरान निमिशा ने एक स्थानीय जेल वार्डन की सलाह पर महदी को बेहोश करने के लिए उसे इंजेक्शन दिया, ताकि वह अपना पासपोर्ट वापस ले सके। लेकिन ओवरडोज़ के कारण महदी की मौत हो गई। इसके बाद निमिशा को गिरफ्तार कर लिया गया और मुकदमा चला। 2020 में यमनी अदालत ने निमिशा को मौत की सज़ा सुनाई, जिसे 2023 में यमन के सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा। राष्ट्रपति राशद अल-आलीमी ने भी इस फांसी की पुष्टि कर दी। कोच्चि में घरेलू कामगार निमिशा की मां प्रेमा कुमारी पिछले एक साल से यमन में डेरा डाले हुए हैं, इस उम्मीद और कोशिश में, कि शायद कोई रास्ता निकाल आए।

ट्रायल कोर्ट ने दी थी मौत की सजा

यमन की एक ट्रायल कोर्ट ने निमिशा को मौत की सजा सुनाई और सुप्रीम कोर्ट ने उसे बरकरार रखा। पिछले साल यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने 38 वर्षीय निमिशा की मौत की सजा को मंजूरी दी थी। यह आदेश इस साल जनवरी से ही अभियोक्ता के पास है। तब से, उसकी किस्मत अधर में लटकी हुई है, जो तलाल के परिवार की माफी पर निर्भर है। पिछले साल, जब यमन के राष्ट्रपति ने मौत की सजा को मंज़ूरी दी थी, तो दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह उसे और उसके परिवार को हर संभव मदद देगा। लेकिन यमन में मौत की सजा पाईं भारत की नर्स निमिशा प्रिया को बचाने की परिवार की कोशिशें नाकाम हो गई हैं। यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने निमिशा प्रिया की फांसी की मंजूरी दे दी है। निमिशा को बचाने के लिए Blood Money देने की कोशिश हुई और राष्ट्रपति से भी माफी मांगी गई। लेकिन ना तो Blood Money पर बात बन सकी और ना ही राष्ट्रपति से माफी मिल पाई।

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