7 अक्टूबर 2025: पाकिस्तान में एक बार फिर जाफ़र एक्सप्रेस पर आतंक का साया मंडराया जब मंगलवार को सिंध–बलूचिस्तान की सीमा के पास सुल्तानकोट क्षेत्र में एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ। यह विस्फोट इतना जोरदार था कि ट्रेन की कई बोगियां पटरी से उतर गईं, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।
जाफ़र एक्सप्रेस पर IED हमला
स्थानीय मीडिया रिपोर्टो और प्रारंभिक जांच में यह पुष्टि हुई है कि धमाका रेल ट्रैक पर लगाए गए इम्प्रोवाइज़्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से हुआ। यह ट्रेन क्वेटा की ओर जा रही थी जब यह हादसा हुआ। घटना के तुरंत बाद राहत एवं बचाव दल, पुलिस और सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे। उन्होंने घायलों को ट्रेन से निकालकर नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया। कुछ यात्रियों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई
सुरक्षा बलों ने इलाके को पूरी तरह घेराबंदी कर सील कर दिया है। बम निरोधक दस्ते ने आसपास के क्षेत्र की तलाशी ली ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं और विस्फोटक सामग्री न हो।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन शक की सुई बलूचिस्तान में सक्रिय अलगाववादी संगठनों, विशेष रूप से बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) की ओर जा रही है।
Jaffar Express heading to Quetta once again came under attack. Gunfire following a huge explosion reported.
BRG claimed Responsibility. pic.twitter.com/s9v1rgjKks
— Koustuv 🇮🇳 🧭 (@srdmk01) October 7, 2025
यात्रियों की मदद में जुटी टीमें
कई स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों और राहतकर्मियों ने बचाव अभियान में हिस्सा लिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाका इतना जबरदस्त था कि कुछ बोगियां एक-दूसरे पर चढ़ गईं और यात्रियों को निकालने में भारी मुश्किल हुई। एक यात्री ने बताया, “हमने अचानक एक तेज धमा का सुना, ट्रेन झटके से रुक गई। चारों ओरधुआं और चीख-पुकार थी। ”राहत कर्मियों को कई यात्रियों को डिब्बों को काटकर निकालना पड़ा। कुछ घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है।
रेलवे सेवा ठप
विस्फोट के बाद उस क्षेत्र में रेल यातायात अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। रेलवे अधिकारी ट्रैक की मरम्मत और सुरक्षा जांच में जुटे हैं। क्वेटा और कराची के बीच चलने वाली कई ट्रेनों के रूट बदल दिए गए या रद्द कर दिए गए हैं। पाकिस्तान रेल मंत्री ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और घायल यात्रियों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
जाफ़र एक्सप्रेस पर हमलों का इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब जाफ़र एक्सप्रेस को निशाना बनाया गया हो। अगस्त 2025 में मस्तुंग ज़िले में इसी ट्रेन पर IED हमला हुआ था, जिसमें छह बोगियां पटरी से उतर गईं और कई यात्री घायल हुए थे। मार्च 2025 में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के उग्रवादियों ने बोलन पास में ट्रेन को हाइजैक कर 400 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया था। कई घंटे चली मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने नियंत्रण पाया, लेकिन कई लोगों की जानें गईं।
बलूचिस्तान में बढ़ता आतंकी खतरा
बलूचिस्तान लंबे समय से अलगाववादी हिंसा और आतंकवादी हमलों से जूझ रहा है। यहां अक्सर सुरक्षा बलों और सरकारी संस्थानों पर हमले होते रहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह इलाका पाकिस्तान के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, इसलिए आतंकवादी गुट यहां अस्थिरता फैलाने की कोशिश में रहते हैं। यहां के उग्रवादी समूह पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा बलों पर लगातार हमले कर रहे हैं, जिनका असर आम नागरिकों और यात्री सेवाओं पर भी पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि रेल मार्ग, जो इस क्षेत्र की आर्थिक धमनियों में से एक है, अब आतंकियों का आसान निशाना बन चुका है।
बलूचिस्तान में बढ़ती हिंसा
यह हमला एक बार फिर दर्शाता है कि बलूचिस्तान क्षेत्र में आतंकवादी खतरा अब भी कायम है, और आम यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। जब तक इन आतंकी नेटवर्क्स पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक यात्री ट्रेनों और सार्वजनिक ढांचे पर खतरा बना रहेगा। जाफ़र एक्सप्रेस पर यह हमला पाकिस्तान में यात्रियों की सुरक्षा पर फिर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। बलूचिस्तान में लगातार हो रहे आतंकी हमले इस बात का संकेत हैं कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता की राह अभी लंबी है।
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