भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (IIM Ahmedabad) ने देश में पहली बार दो वर्षीय Blended MBA In Analytics And AI कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कोर्स अब तक के पारंपरिक MBA पाठ्यक्रमों से भिन्न है, क्योंकि इसे टेक्नोलॉजी और मैनेजमेंट के संगम पर तैयार किया गया है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह सभी स्नातकों (Graduates) के लिए खुला है, चाहे वे इंजीनियरिंग, कॉमर्स, साइंस या ह्यूमैनिटीज किसी भी पृष्ठभूमि से हों।
नए MBA कार्यक्रम की रूपरेखा
IIM अहमदाबाद का यह नया MBA कार्यक्रम ‘ब्लेंडेड मोड’ में संचालित किया जाएगा, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार की कक्षाएं शामिल होंगी। इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष होगी, जिसकी शिक्षण प्रणालीमें ऑनलाइन लेक्चर, ऑन-कैंपस रेजिडेंशियल मॉड्यूल, इंडस्ट्री प्रोजेक्ट्स और रियल-टाइम केस स्टडीज़ शामिल होंगे। इस नए कोर्स का उद्देश्य छात्रों को डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग, AI स्ट्रेटेजी और बिजनेस निर्णयों में तकनीकी अंतर्दृष्टि प्रदान करना है। संस्थान का कहना है कि यह कोर्स उन पेशेवरों और छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो भविष्य की डिजिटल इकॉनमी में नेतृत्व की भूमिका निभाना चाहते हैं।
कोर्स की विशेषताएं
1. टेक्नोलॉजी और प्रबंधन का संगम: इसमें पारंपरिक MBA के मैनेजमेंट सिद्धांतों को डेटा विज्ञान, AI, क्लाउड टेक्नोलॉजी और प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स जैसे आधुनिक विषयों के साथ जोड़ा गया है।
2. इंडस्ट्री कोलैबोरेशन: IIM-A ने इस कोर्स के लिए कई टेक कंपनियों और एनालिटिक्स विशेषज्ञों के साथ साझेदारी की है ताकि छात्रों को व्यावहारिक अनुभव मिल सके।
3. लचीला शिक्षण ढांचा: कार्यरत पेशेवर भी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि ऑनलाइन सत्रों के माध्यम से वे अपनी नौकरी के साथ पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
4. इंटर्नशिप और लाइव प्रोजेक्ट्स: छात्रों को कंपनियों में लाइव प्रोजेक्ट्स और इंटर्नशिप के अवसर मिलेंगे ताकि वे रियल-वर्ल्ड समस्याओं पर काम कर सकें।
प्रवेश प्रक्रिया और योग्यता
योग्यता: किसी भी विषय में स्नातक डिग्री
प्रवेश: IIM-A के CAT, GMAT या GRE स्कोर के आधार पर चयन किया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया: संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन संभव होगा।
प्रथम बैच की शुरुआत: वर्ष 2025 के मध्य सत्र से होने की संभावना है।
क्यों खास है यह MBA कोर्स
आज के समय में AI और डेटा एनालिटिक्स सभी उद्योगों का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं, चाहे वह वित्त, स्वास्थ्य, शिक्षा या मार्केटिंग हो। ऐसे में IIM अहमदाबाद का यह कदम भारतीय शिक्षा जगत के लिए एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है। IIM-A के निदेशक प्रो. बिशाल गुप्ता ने कहा, “यह कार्यक्रम भारत को AI संचालित नेतृत्व की दिशा में आगे ले जाएगा। हमारा लक्ष्य ऐसे मैनेजर्स तैयार करना है जो तकनीक को व्यवसायिक रणनीति में प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें।”
भारत में AI शिक्षा की दिशा
देश में AI और Data Analytics को लेकर तेजी से नई संभावनाएं उभर रही हैं। IIT, IIM और निजी विश्वविद्यालय अब विशेष पाठ्यक्रमों की शुरुआत कर रहे हैं। मगर IIM अहमदाबाद का यह Blended MBA In Analytics And AI कार्यक्रम पहली बार किसी प्रमुख प्रबंधन संस्थान द्वारा एक संपूर्ण डिग्री कोर्स के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
संभावित प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्यक्रम भारत में ‘AI ड्रिवन मैनेजमेंट एजुकेशन’ का नया युग शुरू करेगा। इससे भारतीय कंपनियों को ऐसे पेशेवर मिलेंगे जो डेटा आधारित निर्णय लेने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, यह कोर्स स्टार्टअप्स, कॉर्पोरेट हाउस और सरकारी क्षेत्रों में AI Analytics लीडरशिपकी नई मांग को भी पूरा करेगा। IIM अहमदाबाद की यह पहल भारत में प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह कोर्स न केवल युवाओं को आधुनिक तकनीकी दक्षता देगा, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर AI-रेडी मैनेजमेंट टैलेंट हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
AI युग की ओर भारत का बड़ा कदम- IIM अहमदाबाद का नया MBA मॉडल
जब विश्व तेजी से आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) और Data Analytics पर आधारित निर्णय प्रणाली की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में भारत के सबसे प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान IIM अहमदाबाद का यह कदम न केवल एक शैक्षणिक प्रयोग है, बल्कि राष्ट्र की नयी आर्थिक दिशा का प्रतीक भी है। आज उद्योगों की ज़रूरत सिर्फ मैनेजरों की नहीं, बल्कि ऐसे “टेक्नो-लीडर्स” की है जो डेटा, एल्गोरिद्म और बिज़नेस के मेल से नये समाधान निकाल सकें। पारंपरिक MBA जहां केवल रणनीति, मार्केटिंग और वित्त पर केंद्रित रहा है, वहीं यह नया “MBA In Analytics And AI” तकनीकी समझ को मैनेजमेंट कौशल से जोड़ता है। यह भारत में उस कमी को पूरा करेगा जो अब तक डेटा विज्ञान और प्रबंधन शिक्षा के बीच मौजूद रही है।
शिक्षा में नई दृष्टि
IIM अहमदाबाद का यह निर्णय भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक नवोन्मेषी दिशा तय करता है। अब तक तकनीकी शिक्षा (जैसे IITs) और प्रबंधन शिक्षा (जैसे IIMs) अलग-अलग रास्तों पर चलती रही हैं। इस नए कार्यक्रम ने दोनों धाराओं को जोड़ दिया है। यह भारत के लिए वही है जो दशकों पहले अमेरिका में MIT Sloan या Stanford GSB ने किया था। इसके ‘ब्लेंडेड मॉडल’ का लाभ यह है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण का संतुलन बनाकर, यह शिक्षा को अधिक लचीला और सुलभ बना देगा, खासकर उन पेशेवरों के लिए, जो काम के साथ पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं।
रोजगार और उद्योग पर प्रभाव
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का लक्ष्य 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का है। इस दिशा में सबसे बड़ी आवश्यकता डेटा-आधारित नेतृत्व (Data-Driven Leadership) की है। AI और एनालिटिक्स के उपयोग से बैंकिंग, स्वास्थ्य, रिटेल, ई-कॉमर्स, रक्षा, और शासन, सभी क्षेत्रों में स्मार्ट निर्णय लिए जा रहे हैं। यह नया MBA उन युवाओं को प्रशिक्षित करेगा जो केवल “प्रबंधक” नहीं, बल्कि डेटा-साक्षर निर्णय निर्माताबनें। इससे कॉर्पोरेट भारत को नयी पीढ़ी के ‘AI Managers’ मिलेंगे, जो तकनीक को व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा का हथियार बना सकें।
सामाजिक और आर्थिक दृष्टि
AI शिक्षा का प्रसार केवल रोजगार तक सीमित नहीं रहेगा। यह भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने वाला तत्व बनेगा। जैसे-जैसे सरकारी सेवाओं और नीतियों में डेटा विश्लेषण का महत्व बढ़ेगा, वैसे-वैसे ऐसे पेशेवरों की जरूरत होगी जो मानव समझ और मशीन लर्निंग के बीच संतुलन बना सकें। IIM अहमदाबाद का यह कोर्स उस सोच को मजबूती देता है कि AI तभी उपयोगी है जब वह मानवता के विकास में योगदान दे।
चुनौतियां भी कम नहीं
हालांकि यह पहल प्रशंसनीय है, लेकिन कुछ प्रमुख चुनौतियां सामने हैं—
भारत के अधिकांश स्नातक अभी भी टेक्नोलॉजी बेस्ड एनालिटिक्स शिक्षा से दूर हैं।
ग्रामीण और अर्ध-शहरी युवाओं के लिए ऐसी उच्चस्तरीय शिक्षा तक पहुंच पाना अभी कठिन है।
उद्योग में AI विशेषज्ञों की मांग तो तेज़ है, लेकिन नैतिकता और गोपनीयता (Ethics & Privacy) पर नियंत्रण आवश्यक है।
यदि इन पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह शिक्षा केवल अभिजात वर्ग तक सीमित रह जाएगी।
भविष्य की कार्यसंस्कृति का खाका
इस कार्यक्रम की सफलता यह तय करेगी कि आने वाले वर्षों में अन्य IIMs, IITs और निजी विश्वविद्यालय भी इस दिशा में कितनी तेज़ी से आगे बढ़ेंगे। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो भारत “AI for Business Education” में एशिया का नेतृत्व कर सकता है। IIM अहमदाबाद का यह दो वर्षीय Blended MBA In Analytics And AI केवल एक शैक्षणिक पहल नहीं, बल्कि भविष्य की कार्यसंस्कृति का खाका है। यह भारत के युवाओं को वह क्षमता देगा जिससे वे “डिजिटल अर्थव्यवस्था के रणनीतिक वास्तुकार” बन सकें।यह कदम भारत को न केवल AI Revolution में शामिल करेगा, बल्कि यह भी साबित करेगा कि प्रबंधन की अगली परिभाषा वही होगी- “जहां निर्णय और डेटा साथ चलें, वहीं से भविष्य की दिशा तय होगी।”
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