Surrogacy And Sperm Trafficking: हैदराबाद पुलिस ने सिकंदराबाद में चलाए जा रहे सरोगेसी और स्पर्म तस्कर का भंडाफोड़ किया है। एक कपल को बच्चे की DNA रिपोर्ट में पता चला कि बच्चा उनके जैविक रूप से जुड़ा नहीं था, यानी ये उनका बच्चा नहीं था। पुलिस को मामले की जांच में एक हैरतअंगेज़ फ्रॉड का पता चला है।
फ्रॉड का अजीबोगरीब मामला-सरोगेसी और स्पर्म तस्करी
सोशल मीडिया के इस युग फ्रॉड के नए-नए तरीके देखने को मिल रहे हैं, आए दिन लोग ठगों के झांसे में आकर पैसा गवां बैठते हैं। लेकिन अब ठगी का ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। आज के समय में सरोगेसी की मदद से माता-पिता बनना आप बात हो गई है। दुनिया भर में कपल इस ट्रीटमेंट का सहारा ले रहे हैं, जिसमें लाखों रुपये खर्च करके बच्चे का सुख प्राप्त होता है। अब हैदराबाद के सिकंदराबाद शहर में एक अवैध सरोगेसी और स्पर्म तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ किया गया है।
पुलिस ने रैकेट चलाने के आरोप में एक डॉक्टर समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह Universal Shristi Fertility Centre, रेजीमेंटल बाजार से संचालित हो रहा था, जिसकी जिम्मेदारी डॉक्टर नम्रता पर थी। पुलिस ने इस सेंटर पर छापा मारकर कई अहम दस्तावेज और सैंपल जब्त किए हैं।
यूं हुआ स्पर्म तस्करी रैकेट का भंडाफोड़
सिकंदराबाद के निवासी कपल, जो कि मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं, उन्होंने गोपालपुरम पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने सरोगेसी प्रोसेस के लिए पिछले साल रेजीमेंटल बाज़ार के Universal Shristi Fertility Centre को 35 लाख रुपये दिए थे। लेकिन जब बच्चा पैदा हुआ तो डॉक्टर नम्रता ने बच्चे की DNA जांच को बार-बार टाल दिया। कपल को शक हुआ और उन्होंने दिल्ली में निजी तौर पर DNA टेस्ट करवाया, जिसके नतीजे चौंकाने वाले थे। DNA रिपोर्ट में पता चला कि बच्चा उनसे जैविक रूप से जुड़ा नहीं था, यानी ये उनका बच्चा नहीं था। कपल ने जून 2025 में जब डॉक्टर नम्रता से DNA रिपोर्ट को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने इसे मिसमैच बताकर समय मांगा। इसके बाद वो लापता हो गईं।
पुलिस ने मारा क्लीनिक पर छापा
कपल की शिकायत के बाद, पुलिस ने देर रात यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर पर छापा मारा और स्टाफ से घंटों पूछताछ की। इस दौरान कई जरूरी दस्तावेज, स्पर्म सैंपल और अन्य सबूत जब्त किए गए। जांच में यह भी सामने आया कि यह क्लिनिक गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में Sperm और Egg Cells की अवैध तस्करी कर रहा था। यह कार्य एक बिना लाइसेंस वाली संस्था इंडियन स्पर्म टेक के साथ मिलकर किया जा रहा था।
पैसों का लालच देकर बनाते थे सरोगेट मदर
हैदराबाद नॉर्थ जोन की डिप्टी कमिश्नर रश्मि पेरुमल ने कहा कि यह लोग गरीब महिलाओं को पैसों का लालच देकर सरोगेट मदर बनाते थे। उन्हें दूसरे प्रदेशों से यहां लाया जाता था। अनचाही प्रेग्नेंसी से छुटकारा पाने क्लिनिक आई युवतियों को पैसों का लालच देकर उन्हें गर्भ रखने को मजबूर किया जाता था, ताकि बाद में बच्चा किसी को ऊंची कीमत पर बेचा जा सके। जांच में रैकेट के नेटवर्क को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सामने आया है कि यह क्लीनिक बड़े पैमाने पर दूसरे राज्यों से स्पर्म कलेक्ट करता था और ले आता था। इन राज्यों में गुजरात और मध्य प्रदेश के नाम शामिल हैं। इसके अलावा यह सेंटर बिना लाइसेंस वाले इंडियन स्पर्म टेक के साथ जुड़कर भी काम कर रहा था। फिलहाल कुछ लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पहले भी फंस चुकी है डॉक्टर नम्रता
डॉ. नम्रता पर पहले भी 10 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। 2016 में एक अमेरिकी एनआरआई कपल की शिकायत पर तेलंगाना मेडिकल काउंसिल ने उनका लाइसेंस पांच साल के लिए रद्द कर दिया था। 2020 में भी विजाग पुलिस ने उन्हें नवजात तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इंडियन स्पर्म टेक के क्षेत्रीय प्रबंधक पंकज सोनी सहित संपत, श्रीनु, जितेंद्र, शिवा, मणिकंठ और बोरों नामक छह अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। यह सभी लोग प्रजनन सैंपल को जुटाने और राज्यों में भेजने के काम में शामिल थे।
हैदराबाद के स्पर्म ट्रैफिकिंग रैकेट के सामने आने के बाद डिलीवरी या सरोगेसी के लिए इस अस्पताल की मदद ले चुके लोगों में भारी हड़कंप और डर का माहौल पैदा हो गया है।
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!