app-store-logo
play-store-logo
September 18, 2025

70 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट के बाद महिला डॉक्टर की हार्ट अटैक से मौत, कैसे बचें Digital Arrest से

The CSR Journal Magazine
Digital Arrest Hyderabad: तेंलगाना के हैदराबाद से Cyber Crime का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार, यहां साइबर अपराधियों ने 76 साल की एक रिटायर्ड सरकारी महिला डॉक्टर को तीन दिन तक Digital Arrest करके रखा और उनसे 6.6 लाख रुपए ठग लिए जिसके बाद महिला डॉक्टर की हार्ट अटैक से मौत हो गई।

Digital Arrest का नया मामला

Digital Arrest Hyderabad: तेंलगाना के हैदराबाद से साइबर क्राइम का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार, यहां साइबर अपराधियों ने 76 साल की एक रिटायर्ड सरकारी महिला डॉक्टर को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। इस दौरान अपराधियों ने महिला को सरकारी अधिकारी बनकर फोन किया और महिला से करीब 6.6 लाख की ठगी की। इस घटना के बाद महिला डॉक्टर की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इतना ही नहीं, महिला की मौत के बाद भी अपराधियों ने उन्हें मैसेज करना लगातार जारी रखा।

5 सिंतबर को आई वीडियो कॉल

Digital Arrest Hyderabad: मिली जानकारी के अनुसार, महिला डॉक्टर को 5 सितंबर को अपराधियों की ओर से उनके वाट्सएप पर एक वीडियो कॉल आई। अपराधियों के कॉलिंग नंबर पर बेंगलुरु पुलिस का Logo भी लगा हुआ था। इसके बाद अपराधियों ने उन्हें एक मनगढ़ंत “सआदत खान मानव तस्करी मामले” में झूठा फंसाया। इस दौरान अपराधियों ने बुजुर्ग महिला को विश्वास दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट, ED और RBI की मुहर वाले दस्तावेज भी दिखाए, जिसके बाद महिला बेहद डर गई। अपराधियों ने महिला को बार-बार गिरफ्तार होने की धमकी दी। अपराधियों ने कहा कि अगर उसने पैसे नहीं दिए तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी।

 6 सितंबर को महिला ने ट्रांसफर किए लाखों रुपये

रिटायर्ड महिला डॉक्टर ने गिरफ्तारी के डर से 6 सितंबर को अपने पेंशन खाते से अपराधियों के अकाउंट में 6.6 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी स्कैमर्स यहीं नहीं रूके। वो महिला को लगातार वीडियो कॉल, धमकी भरे मैसेज भेजते रहे।
इसके बाद 8 सितंबर को करीब 70 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रहने के बाद पीड़िता की छाती में अचानक दर्द हुआ और उनके परिजन उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।

अंतिम संस्कार के बाद पता चली वजह

Digital Arrest Hyderabad: परिजनों ने बताया कि अंतिम संस्कार के बाद ही उन्हें ठगी और उत्पीड़न की पूरी जानकारी मिली। हैरानी की बात यह रही कि डॉक्टर की मौत के बाद भी ठग संदेश भेजते रहे। हैदराबाद Cyber Crime पुलिस ने इस मामले में IT Act और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसमें गैर-इरादतन हत्या की धारा भी शामिल की गई है। पुलिस ने बताया कि फोन रिकॉर्ड और बैंक लेन-देन की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।

पीड़िता की मृत्यु के बाद दर्ज हुई FIR

परिवार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर, Cyber Crime पुलिस ने आईटी अधिनियम की धारा 66सी, 66डी और बीएनएस की धारा 111(2)(बी), 105, 308(2), 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2) के तहत मामला दर्ज किया और आरोपियों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए जांच शुरू कर दी है।
देश भर में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ता जा रहा है। इन दिनों साइबर ठग धोखाधड़ी के लिए डिजिटल अरेस्ट स्‍कैम कर रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट के जरिये करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं।

क्‍या है डिजिटल अरेस्ट

डिजिटल अरेस्ट एक साइबर स्‍कैम है। डिजिटल अरेस्ट स्कैम में फोन करने वाले कभी पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स, आरबीआई और दिल्‍ली या मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर आत्मविश्वास से बात करते हैं। वॉट्सएप या स्काइप कॉल पर जब कनेक्‍ट करते हैं तो आपको फर्जी अधिकारी एकदम असली से लगते हैं। वे लोग पीड़ित को इमोशनली और मेंटली टॉर्चर करते हैं, यकीन दिलाते हैं कि उनके या उनके किसी परिजन के साथ कुछ बुरा हो चका है या होने वाला है। सामने बैठा व्‍यक्ति पुलिस की वर्दी में होता है, ऐसे में ज्‍यादातर लोग डर जाते हैं और उनके जाल में फंसते चले जाते हैं। आसान भाषा में कहा जाए तो डिजिटल अरेस्ट में फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को डरा-धमकाकर उनसे बड़ी रकम वसूली जाती है।

ऐसे खेला जाता है डिजिटल अरेस्ट का खेल

अनजान नंबर से व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आती है।
किसी ग़ैरक़ानूनी गतिविधि में फंसने या परिजन के किसी मामले में पकड़े जाने का जानकारी दी जाती है।
धमकी देकर वीडियो कॉल पर लगातार बने रहने के लिए मजबूर किया जाता है।
स्कैमर्स मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स का धंधा या अन्‍य अवैध गतिविधियों का आरोप लगाते हैं।
पीड़ित को परिवार या फिर किसी को भी इस बारे में कुछ न बताने की धमकी दी जाती है।
वीडियो कॉल करने वाले व्‍यक्ति का बैकग्राउंड पुलिस स्टेशन जैसा नजर आता है।
पीड़ित को लगता है कि पुलिस उससे ऑनलाइन पूछताछ कर रही है या मदद कर रही है।
केस को बंद करने और गिरफ्तारी से बचने के लिए मोटी रकम की मांग की जाती है।

डिजिटल अरेस्ट को कैसे पहचानें

डिजिटल अरेस्ट की पहचान करने के लिए सतर्कता की जरूरत है। अगर आपके पास किसी अनजान नंबर से कोई फोन या वॉट्सएप कॉल आती है तो रिसीव करते वक्त मुंबई पुलिस की एडवाइजरी को याद रखें। ये हैमुंबई पुलिस की एडवाइजरी-
पुलिस अधिकारी कभी भी अपनी पहचान बताने के लिए वीडियो कॉल नहीं करेंगे।
पुलिस अधिकारी कभी भी आपको कोई एप डाउनलोड करने के लिए नहीं कहेंगे।
पहचान पत्र, FIR की कॉपी और गिरफ्तारी वारंट ऑनलाइन नहीं साझा नहीं किया जाएगा।
पुलिस अधिकारी कभी भी वॉयस या वीडियो कॉल पर बयान दर्ज नहीं करते हैं।
पुलिस अधिकारी कॉल पर पैसे या पर्सनल जानकारी देने के लिए डराते-धमकाते नहीं हैं।
पुलिस कॉल के दौरान अन्य लोगों से बात करने से नहीं रोकती है।
कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है, क्राइम करने पर असली वाली गिरफ्तारी होती है।

डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें

भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-N) ने लोगों को डिजिटल अरेस्ट से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। सीईआरटी ने बताया डिजिटल अरेस्ट से कैसे बच सकते हैं!
सतर्क रहे, सुरक्षित रहें
कोई भी सरकारी जांच एजेंसी आधिकारिक संचार के लिए वॉट्सएप या स्काइप जैसे प्लेटफॉर्म्स का उपयोग नहीं करतीं। जबकि ऑनलाइन ठग इन्हीं का इस्तेमाल कर रहे हैं। शुरुआत में शक होने पर तुरंत फोन काट दें। फोन पर लंबी बातचीत करने से बचें।
इग्नोर करें
साइबर ठग डिजिटल अरेस्ट के लिए पीड़ितों को फोन कॉल, ई-मेल से संदेश भेजते हैं। बताते हैं कि आप मनी लॉन्ड्रिंग या चोरी जैसे अपराधों के तहत जांच के दायरे में हैं। ऐसे किसी कॉल और ई-मेल पर ध्यान न दें।
घबराएं नहीं
साइबर ठग कॉल पर बातचीत के दौरान गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई की धमकी देते हैं। उनकी बातचीत और फर्जी तर्कों से घबराहट हो सकती है, लेकिन घबराना नहीं है। न ही बैंक डिटेल व UPI ID शेयर करनी है।
जल्दबाजी करने से बचें
कॉल या वीडियो कॉल पर ठगों के सवालों और तर्कों का जवाब देने में जल्दबाजी न करें। शांत रहें, सिर्फ सुनें। अनजान नंबरों से आए सामान्य और वीडियो कॉल पर भी कोई निजी जानकारी न दें।
साक्ष्य जुटाएं
कॉल के स्क्रीनशॉट या वीडियो रिकॉर्डिंग सेव करें ताकि आवश्यक होने पर उपयोग कर सकें।
Phishing से बचें
कॉल के अलावा ई-मेल के जरिए ऐसे संदेश भेजे जा रहे हैं, जो अविश्वसनीय लगते हैं, ये फिशिंग के मामले हैं। इसमे ठग आपके कंप्यूटर तक पहुंचकर व्यक्तिगत जानकारी चुराते हैं।
धोखाधड़ी को रिपोर्ट करें
किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 या वेबसाइट cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!

Latest News

Popular Videos