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July 10, 2025

आणंद- पादरा को जोड़ने वाला गंभीरा पुल टूटा, महिसागर में समा गईं कई गाड़ियां 

Gambhira Bridge Collapse: गुजरात के वडोदरा जिले के पादरा तालुका में आणंद और पादरा को जोड़ने वाले गंभीरा पुल का एक हिस्सा ढह गया। पुल के टूटते ही कई वाहन नदी में गिर गए। बताया जा रहा है कि इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है।

महिसागर नदी पर बना गंभीरा पुल हुआ क्षतिग्रस्त

गुजरात में वडोदरा जिले को आणंद से जोड़ने वाला गंभीरा पुल बुधवार सुबह अचानक ढह गया, जिससे 5 वाहन नदी में गिर गए। हादसे में 9 लोगों की मौत हुई है। यह पुल महिसागर नदी पर बना है, जिसका पादरा-जंबूसर हिस्सा सुबह 7:30 बजे ढह गया। मौके पर स्थानीय प्रशासन और बचाव टीम पहुंच गई है, जिन्होंने 5 लोगों को बचाया है। पुल ढहने से नदी में एक ट्रक, एक बोलेरो और एक बाइक समेत 5 वाहन समा गए। हादसे के वक्त पुल पर कई गाड़ियां मौजूद थीं। शुरुआती जानकारी के अनुसार, दो ट्रक, एक बोलेरो एसयूवी और एक पिकअप वैन सहित चार वाहन पुल पार कर रहे थे, तभी अचानक यह ढह गया और कई वाहन महिसागर नदी में गिर गए। इस हादसे में नौ लोगों की मौत हुई है।

प्रशासन की मुस्तैदी से बचीं कई जानें

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वाहनों के नदी में गिरने से पहले तेज आवाज सुनाई दी। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस और वडोदरा जिला प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। स्थानीय लोगों ने भी घायलों को मलबे से निकालने में मदद की। अब तक तीन लोगों को बचाया गया और उन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती किया गया है।
पुल के ढहने की घटना पर गुजरात के सड़क एवं भवन विभाग के सचिव पीआर पटेलिया ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमें पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है, विशेषज्ञों की एक टीम घटनास्थल पर भेज दी गई है।”

पुल पर थी वाहनों की कतार

गुजरात में भारी बारिश की वजह से नदी उफान पर है, जिससे गंभीरा पुल तेज बहाव को बर्दाश्त नहीं कर सका और बीच से ध्वस्त हो गया। हादसे के समय पुल पर कई वाहन खड़े थे, जिनमें 5 नदी में समा गए और एक ट्रक पुल के अधूरे हिस्से पर अटक गया। पुल टूटते ही अफरा-तफरी मच गई। हादसे में कई लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। पहले 3 शव मिले थे, इसके बाद 6 और शव नदी में दिखे।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “गंभीरा ब्रिज न केवल ट्रैफिक के लिए खतरनाक है, बल्कि आत्महत्या का भी केंद्र बन गया है। इसकी स्थिति के बारे में बार-बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।”

जर्जर था पुल, फिर भी नहीं किया गया बंद

गंभीरा पुल का निर्माण 1985 में हुआ था। इसके ढहने में निर्माण विभाग की लापरवाही सामने आ रही है क्योंकि सरकार ने नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी थी, जिसका सर्वे हो चुका था, लेकिन जर्जर पुल को बंद नहीं किया गया। गुजरात सरकार ने हाल ही में 212 करोड़ रुपए की लागत से एक नए पुल को बनाने की मंजूरी दी थी। वडोदरा को आणंद से जोड़ने वाला यह पुल काफी व्यस्त रहता था। इसी से लोग आना-जाना करते थे और इसके टूटने से संपर्क प्रभावित हुआ है। पुलिस ने मार्ग परिवर्तित किया है।
कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने सोशल मीडिया पर लिखा, “आणंद और वडोदरा जिलों को जोड़ने वाला मुख्य गंभीरा पुल ढह गया है। कई वाहन नदी में गिर गए हैं और बड़ी संख्या में हताहत होने की आशंका है। प्रशासन को तुरंत बचाव कार्य शुरू करना चाहिए और वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था करनी चाहिए।” फिलहाल मुख्यमंत्री ने तकनीकी विशेषज्ञों को घटनास्थल पर भेजकर जांच का आदेश दिया है।

पीएम मोदी ने की मुआवजे की घोषणा

पीएम मोदी ने गुजरात गंभीरा ब्रिज की दुखद घटना पर दुख जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री राहत कोष से घायलों के लिए 50 हजार और मृतकों के लिए 2-2 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की।

मोरबी घटना से नहीं लिया सबक

मोरबी में 30 अक्टूबर 2022 को मच्छू नदी पर बना केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया था, जिसमें करीब 500 लोग नदी में गिर गए थे। हादसे में 141 की मौत हुई थी, जिसमें 47 बच्चे थे। ब्रिज 143 साल पुराना था, जिसे मरम्मत के बाद 26 अक्टूबर, 2022 को जनता के लिए खोला गया था। इसकी मरम्मत में लापरवाही हुई थी। नवंबर 2024 में आणंद में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का निर्माणाधीन पुल ढहने से 3 मजदूरों की मौत हुई थी।
पिछले माह जून में महाराष्ट्र के पुणे जिले में इंद्रायणी नदी पर बने पुल के टूटने से 4 लोगों की मृत्यु हो गई थी और कइयों  को बचाया गया। यह पुल भी पुराना और जर्जर हो चुका था, जिसके बाद सभी पुराने पुलों के ऑडिट की बात उठी थी।

राजस्थान में फीता कटने से पहले ही सड़क संपर्क से कटी

इसी बीच राजस्थान के झुंझुनू जिले से सरकारी विभाग की एक और नाकामी सामने आ रही है। पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते करोड़ों की लागत से बनी नई सड़क उद्घाटन से पहले ही बाढ़ में बह गई। बाघोली से नीमकाथाना को जोड़ने वाली नई सड़क, जो अभी 6 महीने पहले बनकर तैयार हुई थी, भारी बारिश के चलते काटली नदी में आए उफान में बह गई। यह सड़क बाघोली को NH 52 से जोड़ने वाली बहुचर्चित परियोजना थी, जिसके शुरू होने की प्रतीक्षा ग्रामवासी वर्षों से कर रहे थे। ग्रामीणों ने इस नुकसान का आरोप सार्वजनिक निर्माण विभाग PWD पर लगाया है।
अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है कि, जब एक नवनिर्मित सड़क खराब निर्माण के चलते इस्तेमाल से पहले ही नेस्तनाबूत हो सकती हाई, तो पुराने जर्जर पुल कितने सुरक्षित होंगे!

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