सोने ने पहली बार 1.10 लाख रुपये का आंकड़ा पार कर इतिहास रच दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी और अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के कमजोर रहने से यह रुझान फिलहाल जारी रह सकता है। हालांकि, निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव संभव है।
डॉलर पर भारी पड़ा सोना
डॉलर की तुलना में सोने की मांग बढ़ी है, जिसके कारण सोने की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल आया है। डॉलर की साख कमजोर होने, वैश्विक व्यापार युद्धों, भू-राजनीतिक तनावों और अमेरिका के बढ़ते कर्जों के कारण निवेशक सोने में भारी निवेश कर रहे हैं। सेंट्रल बैंक भी भारी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं, जिससे सोने की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं और यह निवेश का एक आकर्षक केंद्र बन गया है। सोने की कीमतों में मंगलवार को जबरदस्त उछाल देखने को मिला। घरेलू वायदा बाजार में सोना 458 रुपये चढ़कर पहली बार 1,10,047 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया। यह बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आई तेजी और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी के चलते आई है।
MCX पर सोने का रिकॉर्ड स्तर
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज MCX पर दिसंबर डिलीवरी के लिए सोने का वायदा भाव 458 रुपये या 0.41 फीसदी बढ़कर 1,10,047 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। वहीं, अक्तूबर डिलीवरी वाले सबसे ज्यादा कारोबार किए जाने वाले कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 482 रुपये या 0.44 फीसदी उछलकर 1,09,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। विदेशी बाजारों में भी सोना नए शिखर पर पहुंच गया। अमेरिकी बाजार कॉमेक्स में दिसंबर डिलीवरी वाला सोना 3,694.75 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
1996 के बाद पहली बार रिज़र्व बैंक ने बढ़ाई सोने की ख़रीद
अमेरिका में बीते करीब 30 सालों में पहली बार वैश्विक केंद्रीय बैंक रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी अमेरिकी ट्रेजरी से ज्यादा हो गया है। केंद्रीय बैंकों द्वारा 2022 से हर साल 1000 टन सोने की खरीद की जा रही है। बैंकों द्वारा सोने की खरीद में बढ़ोतरी अमेरिका के लिए बड़ा झटका देने वाली साबित हुई है और करीब 30 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि वैश्विक केंद्रीय बैंक रिजर्व में सोना US Treasury से आगे निकला है और तमाम संपत्तियों का सम्राट बनकर सिंहासन पर बैठ गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोना अब केंद्रीय बैंकों के विदेशी मुद्रा भंडार का 20 प्रतिशत हिस्सा बन गया है, जो यूरो के 16 प्रतिशत हिस्से को पीछे छोड़ रहा है। यही नहीं 1996 के बाद पहली बार अमेरिकी ट्रेजरी से भी आगे निकला है।
क्यों बढ़ा सोने का दाम
पिछले हफ्ते अमेरिका के कमजोर रोजगार आंकड़े जारी हुए। इससे यह संभावना बढ़ गई कि फेडरल रिजर्व (ACB) इस साल ब्याज दरों में तीन बार कटौती कर सकता है। अगली फेडरल रिजर्व पॉलिसी बैठक में 0.25 प्रतिशत की दर से कटौती की उम्मीद की जा रही है। ब्याज दरों में कमी से सोने की मांग बढ़ती है क्योंकि सोना निवेशकों के लिए ज्यादा आकर्षक विकल्प बन जाता है।
डॉलर पर सोना भारी क्यों पड़ रहा है
डॉलर की कमजोरी: अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर बढ़ती शंकाओं और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण डॉलर की वैल्यू कमजोर हो रही है।
सोने की बढ़ती मांग: डॉलर के कमजोर होने पर निवेशक सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने को अधिक खरीदते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमत दोनों में वृद्धि होती है।
सेंट्रल बैंक की खरीदारी: दुनिया भर के सेंट्रल बैंक भी अपनी रणनीतियों के तहत लगातार बड़ी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं, जो सोने की मांग को और बढ़ाता है।
मुद्रास्फीति से बचाव: सोना एक पारंपरिक तरीका है जिससे लोग महंगाई के खिलाफ खुद को सुरक्षित रखते हैं। जब डॉलर जैसी कागजी मुद्राओं के मूल्य में गिरावट का खतरा होता है, तो लोग सोने की ओर आकर्षित होते हैं।
निवेशकों की हुई बल्ले बल्ले
सोने में निवेश का केंद्र: सोना अब केवल महंगाई से बचाव का जरिया नहीं है, बल्कि एक मुख्य निवेश केंद्र बनता जा रहा है।
उच्च कीमतें: डॉलर के कमजोर पड़ने और मांग में वृद्धि के कारण सोने की कीमतों ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाए हैं, जो 2025 में और बढ़ सकती हैं।
निवेशकों के लिए सलाह: विश्लेषकों का कहना है कि आम निवेशकों को भी अपने पोर्टफोलियो में सोने को शामिल करने पर विचार करना चाहिए।
डॉलर की कमजोरी का असर, निवेशक हुए मालामाल
कमजोर अमेरिकी डॉलर का सीधा फायदा सोने को मिला। जब डॉलर कमजोर होता है, तो अन्य मुद्राओं में सोना खरीदना सस्ता हो जाता है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी मांग बढ़ती है और कीमतें ऊपर जाती हैं। तेजी से बढ़ती कीमतों के कारण निवेशकों में सोने को लेकर उत्साह बढ़ा है। कई निवेशक इसे सुरक्षित निवेश मानते हैं, खासकर आर्थिक अनिश्चितता के दौर में। निवेशकों के लिए यह सलाह है कि आने वाले दिनों में सोने में उतार-चढ़ाव और बढ़ सकता है।
घरेलू बाजार में सोने के आभूषणों की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। वहीं आगामी त्योहारी और शादी के सीजन में ग्राहकों को महंगे सोने का सामना करना पड़ सकता है।
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