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December 29, 2025

रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को मिलेगा KFC Pizza Hut हल्दीराम जैसे ब्रांडेड फूड आउटलेट्स का विकल्प

The CSR Journal Magazine

 

रेलवे स्टेशनों पर अब मिलेगा McDonald’s, KFC, Pizza Hut, Baskin Robins और हल्दीराम का स्वाद! भारतीय रेलवे की बड़ी पहल, यात्रियों को मिलेगा ब्रांडेड और गुणवत्तापूर्ण भोजन !

रेलवे स्टेशनों पर अब मिलेगा McDonald’s, KFC और हल्दीराम का स्वाद

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम फैसला लिया है। अब देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर McDonald’s, KFC, Pizza Hut, Baskin-Robbins और Haldiram’s जैसे लोकप्रिय सिंगल-ब्रांड फूड आउटलेट्स खोले जा सकेंगे। इस फैसले से न सिर्फ यात्रियों को भरोसेमंद और मानक भोजन मिलेगा, बल्कि रेलवे स्टेशनों की तस्वीर भी आधुनिक और एयरपोर्ट जैसी बनती नजर आएगी।

यात्रियों की लंबे समय से चली आ रही मांग

रेल यात्रा के दौरान साफ-सुथरे और स्वादिष्ट भोजन की कमी की शिकायतें लंबे समय से सामने आती रही हैं। कई बार यात्रियों को गुणवत्ता और स्वच्छता को लेकर समझौता करना पड़ता था। रेलवे के इस नए कदम से यात्रियों को पहचाने हुए ब्रांड्स का भरोसा, तय कीमत और बेहतर सेवा मिलने की उम्मीद है। स्टेशनों के व्यावसायिक विकास को बढ़ावा मिलने के अवसर बनेंगे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस फैसले का उद्देश्य केवल भोजन सुविधा तक सीमित नहीं है।
  • इससे रेलवे की नॉन-फेयर रेवेन्यू (किराये के अलावा आय) में बढ़ोतरी होगी।
  • बड़े ब्रांड्स के आने से स्टेशन परिसर अधिक आकर्षक बनेंगे।
  • स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

किन स्टेशनों पर पहले लागू होगी योजना-IRCTC और रेलवे की भूमिका

शुरुआती चरण में यह योजना देश के ए-1 और ए श्रेणी के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर लागू की जाएगी, जहां  यात्रियों की संख्या अधिक है। इसके बाद मांग और सफलता के आधार पर इसे अन्य स्टेशनों तक विस्तार दिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में IRCTC की अहम भूमिका रहेगी।
  • आउटलेट्स के चयन में स्वच्छता, फूड सेफ्टी और ब्रांड की विश्वसनीयता को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • फूड आउटलेट्स को तय मानकों और नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
  • कीमतों पर भी निगरानी रखी जाएगी ताकि यात्रियों से अधिक वसूली न हो।

छोटे विक्रेताओं पर क्या होगा असर ? यात्रियों को क्या होंगे लाभ ?

रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यह पहल छोटे और स्थानीय खाद्य विक्रेताओं को पूरी तरह हटाने के लिए नहीं है। पारंपरिक स्टॉल्स और स्थानीय व्यंजन भी अपनी जगह बनाए रखेंगे, ताकि यात्रियों को विकल्पों की विविधता मिलती रहे। यात्रियों के लिए होगा फायदा-
  • साफ-सुथरा और गुणवत्तापूर्ण भोजन,
  • ब्रांडेड आउटलेट्स पर तय और पारदर्शी कीमत,
  • लंबी यात्राओं में भरोसेमंद खाने की सुविधा,
  • स्टेशन परिसर में आधुनिक सुविधाओं का अनुभव!

ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को खाने से जुड़ी समस्याएं

भारतीय रेलवे देश की जीवनरेखा मानी जाती है और रोज़ाना करोड़ों यात्री ट्रेन व स्टेशनों का उपयोग करते हैं। इसके बावजूद, खाने-पीने की सुविधा लंबे समय से यात्रियों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है। लंबी दूरी की यात्राओं में भोजन की गुणवत्ता, उपलब्धता और कीमत को लेकर अक्सर शिकायतें सामने आती रहती हैं। सबसे बड़ी समस्या खाने की गुणवत्ता और स्वच्छता को लेकर है। कई ट्रेनों और स्टेशन स्टॉलों पर मिलने वाले भोजन की साफ-सफाई पर सवाल उठते रहे हैं। बासी खाना, खुले में रखा भोजन और साफ पानी की कमी यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन जाती है। खासकर बच्चों, बुज़ुर्गों और बीमार यात्रियों के लिए यह समस्या और गंभीर हो जाती है।

सीमित उपलब्धता और मनमानी क़ीमत

दूसरी अहम दिक्कत अनियमित और मनमानी कीमतें हैं। कई बार यात्रियों से तय कीमत से अधिक पैसे वसूले जाते हैं, जबकि रेट लिस्ट साफ तौर पर प्रदर्शित नहीं होती। मजबूरी में यात्रियों को महंगा और कम गुणवत्ता वाला भोजन खरीदना पड़ता है, क्योंकि ट्रेन या स्टेशन पर विकल्प सीमित होते हैं। तीसरी समस्या भोजन की सीमित उपलब्धता है। छोटे और मध्यम स्टेशनों पर अक्सर अच्छे खाने के विकल्प नहीं मिलते। देर रात या तड़के पहुंचने वाली ट्रेनों में यात्रियों को खाना ढूंढना मुश्किल हो जाता है। ट्रेन के पैंट्री कार में भी कई बार स्टॉक खत्म होने या सेवा समय पर न मिलने की शिकायत रहती है।

ऑनबोर्ड कैटरिंग की गुणवत्ता में खामियां

इसके अलावा, ऑनबोर्ड कैटरिंग और ई-केटरिंग सेवाओं में भी खामियां देखी जाती हैं। ऑर्डर किया गया खाना देर से पहुंचना, गलत ऑर्डर मिलना या ठंडा और खराब भोजन मिलना यात्रियों के अनुभव को खराब करता है। शिकायत करने की प्रक्रिया होने के बावजूद, कई यात्रियों को त्वरित समाधान नहीं मिल पाता। एक और बड़ी समस्या स्थानीय और क्षेत्रीय स्वाद की कमी है। देश विविधताओं से भरा है, लेकिन ट्रेनों में अक्सर एक ही तरह का सीमित मेनू मिलता है, जो सभी यात्रियों की पसंद के अनुसार नहीं होता। इससे यात्रियों को बाहर से खाना लाने पर मजबूर होना पड़ता है। कुल मिलाकर, ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर खाने की समस्या सिर्फ सुविधा का मुद्दा नहीं, बल्कि यात्रियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा विषय है। यही कारण है कि रेलवे द्वारा भोजन व्यवस्था में सुधार, ब्रांडेड आउटलेट्स को अनुमति और निगरानी व्यवस्था को मजबूत करना समय की मांग बन चुकी है।

बदलते भारतीय रेलवे की झलक

भारतीय रेलवे का यह फैसला उस विज़न को दर्शाता है, जिसमें वह खुद को सिर्फ परिवहन का साधन नहीं, बल्कि यात्री-केंद्रित आधुनिक सेवा प्रदाता के रूप में स्थापित करना चाहता है। आने वाले समय में रेलवे स्टेशनों पर शॉपिंग, फूड और सुविधाओं का अनुभव और बेहतर होने की उम्मीद है। यह कदम रेलवे यात्रा को और आरामदायक व आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
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