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March 20, 2025

किसान नेता Dallewal को पंजाब पुलिस ने लिया हिरासत में, केंद्र के साथ बैठक बेनतीजा

किसान नेता Jagjit Singh Dallewal को पंजाब पुलिस ने हिरासत में लिया है। Dallewal मंगलवार को केंद्र के साथ चंडीगढ़ में हुई बैठक में शामिल हुए थे। पुलिस ने सैकड़ों किसानों को हिरासत में ले लिया है और शंभू बॉर्डर पर किसानों के टेंट खाली करवा रही है। किसान नेताओं की केंद्र के साथ हुई बैठक का कुछ नहीं निकला नतीजा!

किसानों की केंद्र के साथ बैठक रही बेनतीजा

केंद्र सरकार और किसान संगठनों की बुधवार को चंडीगढ़ में हुई बैठक बेनतीजा रही। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी की मांग पर सहमति नहीं बन पाई। वहीं, बैठक खत्म होने के बाद खनौरी व शंभू बॉर्डर लौट रहे किसान नेताओं Jagjit Singh Dallewal, सरवण सिंह पंधेर व अन्य किसान नेताओं को पंजाब पुलिस ने हिरासत में ले लिया और खनौरी व शंभू बॉर्डर पर किसानों का मंच व टेंट भी उखाड़ दिया। इस दौरान किसानों व पुलिस के बीच हाथापाई भी हुई, जिमसें कुछ किसान नेताओं की पगड़ियां उतर गईं और किसानों और पुलिस के बीच तनाव और बढ़ गया। सरकार ने बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। सरकार की कार्रवाई के बाद किसानों में काफी रोष है। प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर किसान सड़कों पर उतर आए हैं। विपक्ष समेत सभी किसान नेताओं ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया है।
इससे पहले बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) व किसान मजदूर मोर्चा का 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, केंद्रीय कृषि मंत्री Shivraj Chauhan, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्Prahlad Joshi, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री Piyush Goyal, पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री Harpal Cheema और Gurmeet Singh Khuddiyan शामिल हुए। बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि MSP की गारंटी लागू करने से समस्या हो सकती है, जिसके चलते इस पर सभी Stakeholders से सुझाव लेने की जरूरत है। किसानों ने केंद्र को MSP की गारंटी को लेकर रिपोर्ट दी थी, कि किस तरह इसे लागू किया जा सकता है। इस रिपोर्ट पर अब केंद्र सरकार देश भर में सभी Stakeholders का सुझाव लेगी। किसान मजदूर मोर्चा के नेता Sarvan Singh Pandher ने कहा कि केंद्र का तर्क सही नहीं है। MSP लागू होने से कोई समस्या नहीं होगी, बल्कि इससे सभी का फायदा होगा। केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर समीक्षा के लिए समय मांगा है, इसलिए अब डेढ़ महीने बाद दोबारा 4 मई को बैठक करेंगे। हालांकि, किसान नेताओं को हिरासत में लेने के बाद अब इस बैठक के होने की संभावना कम ही लगती है।

MSP की गारंटी पर सभी मंत्रालयों के साथ भी विचार विमर्श

MSP की मांग को लेकर सुबह 12 बजे शुरू हुई बैठक 4 बजे खत्म हुई। Stakeholders के सुझाव लेने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के Joint Secretary पूर्ण चंद्र किशन को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही MSP की गारंटी पर सभी मंत्रालयों के साथ भी विचार-विमर्श किया जाएगा। पंजाब के वित्त मंत्री Harpal Singh Cheema ने कहा कि किसानों के साथ बहुत ही अच्छे माहौल में बैठक हुई है। पिछली बैठक में किसानों ने MSP को लेकर सरकार के साथ एक Deta शेयर किया था, जिसके जरिये वे MSP की गारंटी मांग रहे हैं। बैठक में केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि इस पर और अधिक स्टडी की जरूरत है। अगर MSP लागू होती है तो यह देश भर के लोगों को प्रभावित करेगा, इसलिए देश के सभी Stakeholders का इस पर सुझाव जरूरी है। यही कारण है कि देशभर के सभी किसान संगठनों, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों और व्यापारियों, निर्यातकों और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सहित अन्य हितधारकों के सुझाव लिए जाएंगे, जिसके लिए केंद्र ने समय मांगा है।

क्या है Dallewal और किसानों की मांग

Jagjit Singh Dallewal और तमाम किसान संगठनों की मांग है कि फसलों के लिए MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का गारंटी कानून बनाया जाए। आपको जानकर हैरानी होगी कि Jagjit Singh Dallewal प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित हैं और उनके डॉक्टर्स ने उनकी सेहत को लेकर ज्यादा चिंता जाहिर की है। मेडिकल रिपोर्ट में उनका कीटोन बॉडी रिजल्ट 6.53 आया है, जो 0.02-0.27 के बीच होना चाहिए। उनका यूरिक एसिड 11.64 है, जो साधारण हालात में 3.50-7.20 के बीच होना चाहिए। बिलरुबिन डायरेक्ट 0.69 है, जो 0.20 से कम होना चाहिए। Dallewal के शरीर में प्रोटीन, सोडियम, पोटाशियम व क्लोराइड की भी भारी कमी हो गई है। इसके बावजूद उन्होंने किसानों की मांगों के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी है। 2020 में दिल्ली के बॉर्डर्स पर चले किसान आंदोलन के बाद मोदी सरकार को बैकफुट पर आते हुए कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था। उसके बाद किसान आंदोलन की आवाज धीमी पड़ गई थी लेकिन फरवरी, 2024 में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले Punjab के किसानों ने MSP की मांग को लेकर दिल्ली मार्च शुरू किया। हजारों किसान Haryana और Punjab के बॉर्डर पर पड़ने वाले शंभू और खनौरी बॉर्डर पर इकट्ठा हुए और उन्होंने दिल्ली की ओर कूच किया, लेकिन Haryana की BJP सरकार ने किसानों को रोक दिया और आगे नहीं बढ़ने दिया। कुछ दिन पहले भी किसानों ने आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन उन्हें रोकने के लिए भारी बैरिकेड्स, आंसू गैस, पानी की बौछारें छोड़ी गई लेकिन किसान लगातार शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं।

कौन हैं Jagjit Singh Dallewal

70 वर्षीय Jagjit Singh Dallewal पंजाब के फरीदकोट जिले के Dallewal गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने खेती-किसानी से जुड़े मुद्दों को लेकर लंबा संघर्ष किया है। Dallewal के पास 17 एकड़ कृषि जमीन है और वह भारतीय किसान यूनियन (एकता सिद्धपुर) के प्रमुख हैं। पंजाब के मालवा इलाके में, जहां किसान काफी समृद्ध और मजबूत हैं, यहां के किसान नेताओं में Jagjit Singh Dallewal का नाम प्रमुख है। जगजीत सिंह डल्लेवाल सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से काफी प्रभावित हैं। इससे पहले वह साल 2018 में भी किसानों की मांगों को लेकर 11 दिन का अनशन कर चुके हैं। मोदी सरकार ने जब किसानों के आंदोलन के बाद तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया था, तब भी किसानों की एक बड़ी मांग यही थी कि केंद्र सरकार MSP के लिए गारंटी का कानून बनाए। लेकिन इस मामले में किसानों की ओर से सरकार पर आरोप लगाया गया कि वह इस मुद्दे पर आगे नहीं बढ़ रही है। ऐसे में Jagjit Singh Dallewal के नेतृत्व में किसान फिर से एकजुट हुए हैं और उनके अनशन की वजह से किसानों के आंदोलन को नई पहचान मिली है और मीडिया और सोशल मीडिया में आंदोलन फिर से सुर्खियों में आ गया है।

Dallewal ने उठाया किसानों की आत्महत्या का सवाल

Jagjit Singh Dallewal ने हाल ही में लिखे एक लेख में बताया था कि सुप्रीम कोर्ट की एक कमेटी के मुताबिक पिछले तीन दशकों में चार लाख किसानों ने आत्महत्या की है। लेकिन डल्लेवाल का कहना है कि यह आंकड़ा 7 लाख के आसपास है। Dallewal ने पंजाब में लगातार खत्म हो रहे Ground Water के मुद्दे को भी उठाया है। उनका कहना है कि अगर 23 फसलों के लिए MSP की गारंटी वाला कानून बन जाता है तो Punjab और Haryana के किसान गेहूं और धान से ज्यादा मुनाफा देने वाली फसलें उगाने के लिए आगे आएंगे और इससे Ground Water, यानी भूजल के पानी का मुद्दा भी हल हो जाएगा। Dallewal का कहना है कि MSP की कानूनी गारंटी देने से न केवल किसानों की जिंदगी की हिफाजत होगी, बल्कि देश की संपत्ति की भी रक्षा होगी। बुजुर्ग किसान नेता Jagjit Singh Dallewal का कहना है कि अर्थशास्त्रियों के मुताबिक फसलों के लिए MSP के गारंटी कानून में जितना पैसा खर्च होगा, वह भारत के द्वारा तेल और दालों के आयात पर खर्च किए जाने वाले पैसे से बहुत कम होगा।
इस बीच किसानों के साथ हुई वार्ता की विफलता के बाद खनौरी और आसपास के संगनूर और पटियाला जिलों में Internet सेवा बंद कर दी गई है और किसान नेता Jagjit Singh Dallewal को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। खनौरी और शंभू बॉर्डर पर पिछले 13 महीनों से धरने पर बैठे आंदोलनकारी किसानों को हटाकर उनके टेंट्स को बुलडोजर चलाकर तहस-नहस कर दिया गया है। तकरीबन 800 किसानों को हिरासत में लिया गया है, जिनमे Jagjit Singh Dallewal और Sarvan Singh Pandher भी शामिल हैं।

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