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भूस्खलन – अनाथ बच्चों को गोद लेकर सहारा बनेंगे श्रीकांत शिंदे

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भूस्खलन में अनाथ हुए बच्चों को गोद लेकर सहारा बनेंगे डॉ. श्रीकांत शिंदे
 
महाराष्ट्र में हुए भूस्खलन से पूरा गांव तबाह हो गया है। रायगड़ के इरशालवाड़ी में लगातार राहत और बचाव जारी है। तीन दिन होने के बाद भी मलबे से लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। जहां मौतों का आकड़ा बढ़ रहा है वहीं मौसम में भी परिवर्तन हो रहा है जो राहत और बचाव में एक बड़ा बाधा बन रहा है। इस बीच भूस्खलन के पीड़ितों को मदद के हाथ आगे बढ़ रहे है। सरकार अपने स्तर पर मदद और पुनर्वसन कर रही है तो सामाजिक संस्था भी आगे आ रहे है। मदद में कॉरपोरेट हाउसेस अपना सीएसआर (CSR In Landslide) फंड दे रहे हैं तो कई NGO भी खाने, रहने की व्यवस्था कर रहे है।

अनाथों के नाथ बनेंगे एकनाथ और श्रीकांत शिंदे, पीड़ितों को लेंगे गोद

इरशालवाड़ी में आलम ये है कि कई ऐसे परिवार है जिनका कोई बचा ही नहीं है, वो अनाथ हो गए है। ऐसे ही अनाथ बच्चों के सिर पर एकनाथ ने हाथ रखा है। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने बड़ा ऐलान करते हुए इरशालवाड़ी भूस्खलन में अनाथ हुए बच्चों को गोद लेने का फैसला किया है। CM Eknath Shinde ने ट्वीट करते हुए कहा कि गोद लेने का काम डॉ. श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन (Dr. Shrikant Shinde Foundation) द्वारा किया जाएगा। डॉ. श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन एकनाथ शिंदे के बेटे और कल्याण लोकसभा के सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे का है।  Dr. Shrikant Shinde Foundation अनाथ बच्चों के बड़े हो जाने तक उनकी शिक्षा और अन्य परवरिश के खर्चों की जिम्मेदारी उठाएगा। उम्मीद है कि इससे 22 अनाथ बच्चों का परवरिश और शिक्षा हो सकेगा।

संवेदनशील सीएम का संवेदनशील फैसला

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री Eknath Shinde अपनी संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं। इन अनाथ बच्चों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सीएम ने कहा कि हमें इन पीड़ितों के साथ खड़े होने की जरूरत है। सीएम ने कहा कि जिस आपदा ने उन्हें प्रभावित किया है वह दुःख से परे है। वे एक अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं। ऐसे कठिन समय में उनके साथ मजबूती से खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक समाज के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनका संरक्षण करें। शिंदे ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए, डॉ. श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन ने उन सभी बच्चों का समर्थन करने का फैसला किया है जो इरशालवाड़ी भूस्खलन में अनाथ हो गए हैं। किस्मत उनके लिए क्रूर हो सकती है, लेकिन हमने उन्हें एक नया जीवन देने और उन्हें सामान्य जीवन जीने की शक्ति देने का फैसला किया है।

हमेशा मददगार साबित होती है डॉ. श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन

स्वास्थ्य हो या शिक्षा Dr. Shrikant Shinde Foundation लगातार समाज के उत्थान के लिए काम करती आयी है। जब-जब महाराष्ट्र पर संकट या फिर प्रकृति ने तबाही मचाई है एकनाथ शिंदे और डॉक्टर श्रीकांत शिंदे ने मदद के हाथ जरूर बढ़ाए है। इससे पहले 2020 में महाड में ढह गई तारिक गार्डन इमारत से बचाए गए दो बच्चों की जिम्मेदारी Dr. Shrikant Shinde Foundation ने स्वीकार की थी। उन्होंने पालघर के एक मजदूर दंपति के दो बच्चों को भी गोद लिया था। Health Education Infrastructure जैसे सेक्टर में Dr. Shrikant Shinde Foundation काम करती है।