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स्किल और एजुकेशन पर होगा सबसे ज्यादा सीएसआर खर्च

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देश का युवा वर्ग रोजगार के लिए तड़प रहा है। रोजगार के लिए धरना प्रदर्शन कर रहा है। रोजगार के लिए देश का युवा सरकारों से लड़ रहा है। सरकारें भी युवाओं को रिझाने में लगी है। रोजगार को लेकर तमाम वायदे किये जा रहे है। लुभावने आकड़े पेश किये जा रहे है। लाख कोशिशों के बाद भी रोजगार के मुद्दे पर कुछ हासिल नहीं हो पा रहा है। ऐसे में देश की कॉरपोरेट्स ने CSR की मदद से Unemployment को खत्म करने का बीड़ा उठाया है।

स्किल और एजुकेशन के बढ़ावे के लिए चलाया जायेगा सीएसआर अभियान

दरअसल देश की कॉरपोरेट कंपनियों का एक बड़ा हिस्सा साल 2022 में Skill और Education की दिशा में अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) खर्च को बढ़ाने की योजना बना रही हैं। टीमलीज एडटेक नामक संस्था ने एक सीएसआर खर्च को लेकर एक सर्वे किया है। सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी करते हुए यह बताया गया है कि Corporate Companies Skill Development और Education पर ज्यादा सीएसआर खर्च करने वाली है।
इस सर्वेक्षण में शामिल 100 कंपनियों के अनुसार लगभग 70 फीसदी कंपनियों ने अगले वित्त वर्ष में Education या Skill Development के मद में वित्तपोषण के लिए अपने सीएसआर (Corporate Social Responsibility) खर्च को बढ़ाने का इरादा व्यक्त किया है। टीमलीज एडटेक के सर्वेक्षण में कहा गया कि कंपनियां उन परियोजनाओं पर खर्च करना चाहती हैं जो अधिकतम प्रभाव पैदा कर सके। कंपनियां अपना अधिकांश खर्च स्कूल या कॉलेज छोड़ने वालों 22.8 फीसदी, महिलाओं पर 20.4 फीसदी और विकलांग लोगों को 18 फीसदी को रोजगारपरक कौशल प्रदान करने वालों पर कर रही हैं।

स्किल और एजुकेशन के सीएसआर से दूर होगी बेरोजगारी की समस्या

सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 95.83 फीसदी कंपनियां अपने सीएसआर फंड को शिक्षा, व्यावसायिक कौशल, आजीविका में सुधार की दिशा में खर्च कर रही हैं। इसके अलावा पचास प्रतिशत कंपनियों ने स्वास्थ्य, भुखमरी मिटाने, गरीबी और कुपोषण, सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता के प्रति खर्च करने में रूचि दिखाई है। जाहिर है कंपनीज़ के इस निवेश से कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी और देश के युवाओं को गरीबी के मूल कारण जैसे बेरोजगारी और गरीबी को मात देने में मदद मिलेगी।