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July 11, 2025

बार-बार KYC के झंझट से चाहिए छुटकारा? अपनाएं CKYC, अब नहीं देने होंगे हर बार दस्तावेज

अगर आपने कभी बैंक खाता खुलवाया हो, म्यूचुअल फंड में निवेश किया हो, बीमा पॉलिसी खरीदी हो या लोन के लिए आवेदन किया हो—तो आपने ज़रूर KYC की झंझट झेली होगी। हर बार नया फॉर्म, नए दस्तावेज, नई प्रक्रिया। लेकिन अब इसका आसान और स्थायी समाधान है, CKYC यानी Central Know Your Customer।

क्या है CKYC? यानी Central Know Your Customer।

CKYC एक बार किया गया ऐसा KYC है जो सभी वित्तीय सेवाओं के लिए मान्य होता है। इसे भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अंतर्गत CERSAI (Central Registry of Securitisation Asset Reconstruction and Security Interest of India) द्वारा संचालित किया जाता है। इसका मतलब ये कि अब आपको हर बार बैंक, बीमा या निवेश के लिए अलग-अलग KYC करवाने की ज़रूरत नहीं होगी। एक बार CKYC हो जाने के बाद, हर जगह वही मान्य होगा।

CKYC क्यों है खास?

एक बार कराएं, हर जगह चलेगा Central Know Your Customer।
बैंक हो, बीमा कंपनी, म्यूचुअल फंड या शेयर बाजार—एक बार CKYC कराने के बाद दोबारा KYC करने की जरूरत नहीं।
अब नहीं देने होंगे यानी Central Know Your Customer के लिए कोई दस्तावेज
हर बार आधार, पैन, फोटो की कॉपी देने की जरूरत नहीं। सब कुछ डिजिटल स्टोर होता है।
तेजी से मिलती है सेवा
बिना देरी के बैंक खाता, पॉलिसी, निवेश या लोन की प्रक्रिया पूरी होती है।
सरकार की मंजूरी और सुरक्षा
आपकी जानकारी CERSAI के सुरक्षित पोर्टल में सेव होती है। यह किसी भी निजी संस्था के पास नहीं जाती।

CKYC नंबर क्या होता है?

CKYC के बाद आपको एक 14 अंकों का यूनिक नंबर मिलता है, जो आपके नाम, पैन और आधार से जुड़ा होता है। यह नंबर ही आगे आपके KYC की पहचान होता है।

CKYC की जरूरत किसे है?

नया बैंक खाता खोल रहे हैं
बीमा पॉलिसी लेना चाहते हैं
म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करना चाहते हैं
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते हैं
पर्सनल या होम लोन लेना चाहते हैं
यानि कोई भी व्यक्ति जो वित्तीय लेनदेन कर रहा है, उसे CKYC जरूर करवाना चाहिए।

कैसे कराएं CKYC? आसान भाषा में प्रक्रिया समझिए

बैंक या फाइनेंशियल संस्था जाएं, जैसे कि SBI, ICICI, HDFC या किसी म्यूचुअल फंड एजेंसी। CKYC फॉर्म भरें, यह एक छोटा फॉर्म होता है जिसमें आधार, पैन, पता, मोबाइल आदि जानकारी भरनी होती है।दस्तावेज दें (सिर्फ एक बार), आधार कार्ड / पैन कार्ड की कॉपी, एक पासपोर्ट साइज फोटो, पता प्रमाण (अगर आधार पर पता अलग है), बायोमेट्रिक या OTP सत्यापन, आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर OTP या अंगुली के निशान से पुष्टि की जाती है। कुछ ही दिनों में आपका 14 अंकों का CKYC नंबर बन जाता है।

CKYC और सामान्य KYC में फर्क क्या है?

KYC के लिए बार-बार ज़रूरत, हर संस्था में दोहराना पड़ता है लेकिन CKYC एक बार कराने के बाद सभी जगह मान्य। KYC का कोई नंबर नहीं मिलता, CKYC में 14 अंकों का यूनिक नंबर मिलता है जो सभी जगह मान्य होता है। KYC में प्रोसेस पेपर वर्क ज्यादा होता है वहीं CKYC में सब डिजिटल और आसान होता है।

CKYC नंबर कैसे पता करें?

अगर आपने पहले कभी CKYC कराया है और अपना CKYC नंबर जानना चाहते हैं तो अपने बैंक या म्यूचुअल फंड कंपनी से पूछें, CDSL, CAMS या NSDL KRA जैसी वेबसाइट पर पैन नंबर डालकर स्टेटस चेक करें। कुछ एप्स जैसे Paytm Money, Zerodha, Groww में भी यह सुविधा है

क्या CKYC करवाना जरूरी है?

आज के डिजिटल और तेज़ बैंकिंग युग में CKYC एक बार की मेहनत, आजीवन सुविधा जैसा है। सरकार और रिजर्व बैंक भी CKYC को बढ़ावा दे रहे हैं ताकि पेपरलेस और समय की बचत वाली प्रणाली को अपनाया जा सके। अगर आप बार-बार KYC के झंझट से परेशान हैं, हर बार आधार-पैन की कॉपी देने में बोर हो चुके हैं, और फटाफट फाइनेंशियल सेवा चाहते हैं—तो CKYC ही समाधान है। अब KYC कराएं सिर्फ एक बार, और फाइनेंशियल दुनिया में हो जाएं पूरी तरह तैयार।

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