Mega Solar Park in UP: उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड बनेगा ग्रीन एनर्जी हब
उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र अब सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नया इतिहास रचने जा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार मिलकर झांसी, ललितपुर और चित्रकूट जिलों में तीन मेगा सोलर पार्क (Mega Solar Parks) तैयार कर रही हैं। इन परियोजनाओं का कार्य टुस्को लिमिटेड (TUSCO Ltd) के तहत तेजी से चल रहा है और अनुमान है कि वर्ष 2026 तक सभी परियोजनाओं का काम पूरा हो जाएगा। यह कदम न सिर्फ बुंदेलखंड को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि पूरे प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों (Uttar Pradesh Energy Demand) को पूरा करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
तीन जिलों में बन रहे हैं सोलर पार्क
इन तीनों सोलर पार्कों की संयुक्त क्षमता 2000 मेगावाट (MW) से अधिक होगी।
झांसी: 600 मेगावाट का अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क
ललितपुर: 600 मेगावाट की सोलर परियोजना
चित्रकूट: 800 मेगावाट का विशाल सोलर पार्क
तीनों परियोजनाएं बुंदेलखंड की जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सौर ऊर्जा उत्पादन के अनुकूल क्षेत्रों में स्थापित की जा रही हैं।
झांसी: गरौठा में बन रहा अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क
झांसी जिले के गरौठा तहसील क्षेत्र में 600 मेगावाट के सोलर पार्क की स्थापना की जा रही है। इसके लिए सुजानपुरा, जलालपुरा, जसवंतपुरा, नदौरा, बरारु, पुरा, खड़ौरा और मोतीकटरा जैसे आठ गांवों में 2700 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। यहां 220/400 केवी ग्रिड सब-स्टेशन (Grid Substation) का निर्माण भी जारी है, जो पूरे क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति का केंद्र बनेगा।
चित्रकूट: मऊ तहसील में होगा 800 मेगावाट का सोलर पार्क
चित्रकूट जिले के मऊ तहसील क्षेत्र में 15 गांवों की 3600 एकड़ जमीन लीज पर ली जा रही है। इनमें खड़गदाह, छतैनी माफी, मनका छतैनी, गहुर, कोटवा माफी, डोंडिया माफी, कटैया डांडी, छरेहरा, चचोखर, उसरी माफी, बरगढ़, अटारी मजरा, गोइयां कला, गोइयां खुर्द और सेमरा गांव शामिल हैं। यहां बनने वाला ग्रीन एनर्जी पार्क (Green Energy Park) बुंदेलखंड का सबसे बड़ा सोलर पावर हब होगा।
ललितपुर: तालबेहट में भी सौर ऊर्जा का नया केंद्र
ललितपुर जिले के तालबेहट तहसील में 600 मेगावाट क्षमता वाला सोलर पार्क स्थापित किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए झरर, कड़ेसरा कला, बरामा बिहार, शाहपुर, सरखड़ी, पवा, पिपरई, तालबेहट अंदर और गेवरा गुंडेरा समेत 9 गांवों में 2700 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा रही है। इस परियोजना के पूरा होने से ललितपुर के साथ-साथ झांसी और आसपास के क्षेत्रों में बिजली की स्थिति में सुधार आएगा।
प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों में देगा बड़ी मदद
टुस्को लिमिटेड के सीईओ मनोज सरदाना के अनुसार, बुंदेलखंड के तीनों जिलों में चल रही सोलर परियोजनाएं राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि झांसी, ललितपुर और चित्रकूट में स्थापित होने वाले ये तीनों सोलर पार्क न केवल पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा देंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश की बिजली जरूरतों को पूरा करने में भी अहम भूमिका निभाएंगे। वर्ष 2026 तक इनका कार्य पूरा हो जाएगा।
हरित ऊर्जा से आत्मनिर्भर बनेगा बुंदेलखंड Green Energy in Bundelkhand
विशेषज्ञों का मानना है कि इन परियोजनाओं से बुंदेलखंड क्षेत्र में न सिर्फ सस्ती बिजली उपलब्ध होगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर (Employment Opportunities in Uttar Pradesh) भी पैदा होंगे। साथ ही, यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेट ज़ीरो कार्बन एमिशन (Net Zero Carbon Emission) के लक्ष्य को भी गति देगी। इन पार्कों से उत्पन्न बिजली प्रदेश के औद्योगिक, ग्रामीण और घरेलू उपभोक्ताओं को आपूर्ति की जाएगी, जिससे पारंपरिक बिजली उत्पादन पर निर्भरता घटेगी और सौर ऊर्जा (Solar Energy) के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य के रूप में उभरेगा।
ऊर्जा के क्षेत्र में नया युग
बुंदेलखंड के ये सोलर पार्क ग्रीन एनर्जी मिशन (Green Energy Mission) को नई दिशा देंगे। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद यह क्षेत्र देश के सबसे बड़े सौर ऊर्जा उत्पादक क्षेत्रों में शामिल हो जाएगा।
सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक उत्तर प्रदेश को 100% Renewable Energy State बनाया जाए, और बुंदेलखंड इसका सबसे मजबूत स्तंभ साबित होगा।
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