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August 19, 2025

10 करोड़ के रत्नजड़ित झूले पर झूलेंगे रामलला, अयोध्या में आएगा सावन झूमकर

The CSR Journal Magazine
Ramlala on a golden swing: सावन के आगमन पर इस बार रामलला स्वर्णजडित झूले में विराजित होंगे। यह झूला 10 करोड़ की राशि से बनवाया जा रहा है।

सावन माह में झूलनोत्सव की रही है परंपरा

सावन का महिना बस आने ही वाला है। भगवान राम की नगरी अयोध्या में सदियों से झूलनोत्सव की परंपरा चली आ रही है। इस बार सावन शुक्ल तृतीया 29 जुलाई से सावन पूर्णिमा नौ अगस्त तक रामनगरी के हजारों मंदिरों में झूलनोत्सव की धूम देखने को मिलेगी। इतना ही नहीं, इस बार सोने के झूले पर अठखेलियां करते रामलला की भव्य झलक से श्रद्धालु भाव विभोर हो उठेंगे।
सावन के आगमन के साथ ही रामलला को झुलाने की परंपरा में इस बार सोने के झूले की भव्य झलक श्रद्धालुओं को आकर्षित करने जा रही है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूतल पर भव्य स्वरूप में विराजमान रामलला, व प्रथम तल पर विराजमान सीताराम इस सावन में स्वर्ण जड़ित झूले पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। मुंबई के कारीगर पांच-पांच किलो सोने के दो झूले तैयार कर रहे हैं। एक झूले की कीमत करीब पांच करोड़ रुपये बताई जा रही है। इन झूलों पर हीरे, माणिक और पन्ना जड़े जा रहे हैं।

रामलला के भव्य ख़ज़ाने की शान रत्नजड़ित झूले

अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर ने अपने सबसे भव्य नए ख़ज़ाने का अनावरण किया है। 24-कैरेट सोने के 2 झूले, प्रत्येक का वजन लगभग 5.5 किलोग्राम है। कुल मिलाकर लगभग 11 किलोग्राम शुद्ध सोना, और अनुमानित मूल्य 12 करोड़ रुपये! झूले मुंबई के कारीगरों द्वारा बनाए जा रहे हैं। उत्तम परिशुद्धता और भक्ति के साथ बनाए गए जुड़वां झूले, मंदिर के पहले से ही भव्य संग्रह में जोड़े जाने वाले अनुष्ठानिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण कलाकृतियों में से एक होंगे।

झूले पर अभयारण्य में सिंहासन पर विराजित राम दरबार की अनुकृति

स्वर्णजड़ित इन झूलों पर नक्काशी द्वारा विशेष रूप से अभयारण्य को 42 सोने-लेपित दरवाजों से सजाया गया है। देवी सीता, भगवान राम, उनके चार भाइयों और वीर हनुमान की विशेषता वाला एक राजसी सिंहासन, और मंदिर के शिखर के ऊपर मुकुट, धनुष, तीर, छत्र और कलश सहित कई अन्य पवित्र वस्तुएं चिह्नित की गई हैं। कारीगरों ने वाल्मीकि रामायण के विवरणों से प्रेरणा ली, जिसमें पारंपरिक Repausse Technic, Hand Chasing, माणिक आदि जवाहरात आधुनिक डिज़ाइन परिशुद्धता का मिश्रण शामिल है।

सालों से चांदी के पालने में झूलते आए हैं रामलला

श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में सालों से सावन के महीने में रामलला के लिए झूलनोत्सव मनाया जाता है। इस दौरान, रामलला को चांदी के झूले पर विराजमान किया जाता है और उन्हें सजाया जाता है। यह उत्सव अयोध्या में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें भक्त भजन-कीर्तन सुनते हैं और रामलला के दर्शन करते हैं।
रामलला को सावन में चांदी के झूले में बैठाया जाता है। रामलला को विशेष रूप से सजाया जाता है, और उनके झूले को भी सजाया जाता है। सावन के महीने में, मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। भक्त बड़ी संख्या में रामलला के दर्शन के लिए आते हैं और झूला उत्सव में शामिल होते हैं। झूलनोत्सव नाग पंचमी तक चलता है, और इस दौरान रामलला को सोने के झूले में भी विराजमान किया जाता है।

 

राम नगरी अयोध्या- ‘सिया राम मय सब जग जानी’

सावन के महीने में, अयोध्या नगरी “राम मय” हो जाती है। भक्तों की भारी भीड़ रामलला के दर्शन के लिए उमड़ती है। सावन में, अयोध्या में कजरी गीतों की गूंज सुनाई देती है। यह उत्सव रामनवमी की तरह ही महत्वपूर्ण माना जाता है। सावन में, रामलला के दर्शन का विशेष महत्व है। अबकी बार अयोध्या में रामलला सोने के झूले पर विराजमान होंगे और उनके भक्तों के लिए इस बार सावन और अधिक हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारी है। झूले पर रामलला और सीता माता विराजमान होंगे सावन मेले में, श्रद्धालु भजन-कीर्तन सुन सकेंगे और झूला झूलते रामलला के दर्शन कर सकेंगे।

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