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करप्शन से हैं परेशान? ऐसे करें शिकायत

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चाय पानी, सुविधा शुल्क, मिठाई, टेबल के निचे ये कुछ ऐसे शब्द है जिसे हम अक्सर सुनते है। खासकर सरकारी दफ्तर में जाते वक़्त ये शब्द आपके कानों तक पहुंचकर आपकी जेब काटने लगती है। इन सभी शब्दों के भले अलग-अलग मायने हो लेकिन मतलब सिर्फ एक होता है, करप्शन यानी भ्रष्टाचार। करप्शन एक आम इंसान को मजबूर कर देती है। करप्शन एक आम आदमी के हक को मार देती है। करप्शन सिस्टम को खोखला कर देती है।

आज है वर्ल्ड एंटी करप्शन डे (World Anti Corruption Day)

आज वर्ल्ड एंटी करप्शन डे है। जगह-जगह भ्रष्टाचार विरोधी बातें की जा रही है। लंबे चौड़े वक्तव्य दिए जा रहे हैं, भाषण किये जा रहे है और इस बुराई को खत्म कर देने की कसमें खायी जा रही हैं। भ्रष्टाचार एक नैतिक आचरण के रूप में आज पूरे विश्व में हर जगह फैला हुआ है फिर चाहे वह विकासशील देश हों या विकसित देश। एक आम आदमी से लेकर ऊंचे स्तर के सरकारी आदमी तक सब इस भ्रष्टाचार का हिस्सा कब और कैसे बन जाते हैं यह पता ही नहीं चलता। भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह राष्ट्र के आंतरिक विकास को खा जाता है। विश्व स्तर पर भ्रष्टाचार की पैठ काफी गहरी है लेकिन भारत में भी भ्रष्टाचार अब सिस्टम का हिस्सा बन गया है।
देश में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, कामचोरी और जालसाजी की जड़ें इतनी मजबूत हो गयी है कि अब हम भ्रष्टाचार को सिस्टम का अभिन्न अंग मानने लगे हैं। हम अक्सर भ्रष्टाचार को आर्थिक दृष्टिकोण से जोड़ कर देखते हैं, जबकि भ्रष्टाचार का रुप तो और भी व्यापक है। कामचोरी कर अपने कर्तव्य से मुंह मोड़ना, सरकारी पद का दुरुपयोग आदि सभी भ्रष्टाचार के ही रुप हैं। भारत इस समय बुरी तरह से भ्रष्टाचार के जाल में फंसा हुआ है। भ्रष्टाचार का ही नतीजा है कि आज एक आम आदमी का सरकारी तंत्र से विश्वास खत्म हो चुका है। पुलिस, कानून, न्याय प्रणाली आदि तो ऐसे महकमे बन चुके हैं जहां भ्रष्टाचार का बोलबाला है। भ्रष्टाचार न सिर्फ देश की आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुंचाता है बल्कि वह देश की पूरी समाजिक व्यवस्था पर भी अपना असर छोड़ता है।

काम निकलवाने के लिए आम इंसान भी देता है करप्शन (Corruption) को बढ़ावा

अगर भ्रष्टाचार की बात आती है तो इसके लिए जितना सरकारी सिस्टम जिम्मेदार है, उतना ही आम आदमी और निजी कंपनियां भी शामिल हैं। कई बार आम आदमी भी झंझट, परेशानी और समय की बचत करने के लिए अधिकारियों की नाजायज मांग को मान लेता है। इस तरह से वह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। कई बार प्राइवेट कंपनियां भी ऐसा करती हैं। लेकिन याद रहे रिश्वत मांगना और रिश्वत देना दोनों ही जुर्म है। कई लोगों के साथ भ्रष्टाचार होने के बाद उन्हें समझ नहीं आता कि क्या करें और क्या नहीं। वे इस बात से अनजान होते हैं कि कहां पर अपनी शिकायत करें जिससे उन्हें न्याय मिल सके। भ्रष्टाचार के कई मामले तो सामने ही नहीं आ पाते और भ्रष्टाचार करने वालों के हौसले बढ़ जाते हैं।

करप्शन की शिकायत के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग है अपेक्स बॉडी

भ्रष्टाचार या घूसखोरी करने वाला कोई भी व्यक्ति परेशानी में पड़ सकता है अगर नागरिकों के पास सही जानकारी हो। ऐसे में वर्ल्ड एंटी करप्शन डे के ख़ास मौके पर आइये जानते है कि करप्शन की सही शिकायत किससे और कहां करें। सबसे पहले आपको बताते है करप्शन पर नकेल कसने के लिए केंद्र स्तर पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission) का गठन किया गया है। अगर आपके साथ कभी कोई भ्रष्टाचार करता है या भ्रष्टाचार करने की कोशिश करता है तो आपको केंद्रीय सतर्कता आयोग को इसके बारे में जानकारी दे सकते है। यह जानकारी शिकायत के जरिए केंद्रीय सतर्कता आयोग के पते पर पत्र के जरिए भेजी जा सकती है। सतर्कता भवन, ए-ब्लॉक जीपीओ कॉम्प्लेक्स, आईएनए नई दिल्ली- 110 023 पते पर पत्र लिखकर आप अपनी शिकायत पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा आप 011- 24651020 पर कॉल कर भ्रष्टाचार की जानकारी साझा कर सकते हैं। वहीं सबसे आसान उनकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन के जरिये भी शिकायत की जा सकती है। आयोग को यह अधिकार मिले हुए हैं कि वे किसी भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच कर सकती है अथवा करवा सकती है।भ्रष्टाचार की सूचना देने वाले शख्स की पहचान भी गुप्त रखी जाती है।

करप्शन की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो में भी कर सकते है

हर एक राज्यों में पुलिस की एक अलग विंग होती है जो करप्शन की शिकायतों पर ट्रैप करती है। हर राज्यों में ACB (Anti Corruption Bureau) या Anti Corruption Cell होता है। उनके पोर्टल है आप ऑनलाइन के जरिये या फिर लिखित शिकायत कर Anti Corruption Bureau तक करप्शन की बात उन तक पहुंचा सकते है। इसमें आप करप्शन से जुड़ी किसी भी शिकायत को इस पोर्टल के माध्यम से आसानी से दर्ज कर सकते है | शिकायत का जल्द से जल्द समाधान भी आपको देखने को मिलेगा | इस पोर्टल में शिकायत करना भी काफी आसान है | हर एक सरकारी विभाग का करप्शन से लड़ने के लिए उनका खुद का भी विजलेंस डिपार्टमेंट होता है ऐसे में आप वहां भी शिकायत कर सकते है। अगर आपसे किसी सरकारी विभाग में घूस की मांग की जाती है तो आप उस विभाग प्रमुख को सूचना दे सकते हैं या भ्रष्टाचार विरोधी शाखा या फिर सतर्कता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

करप्शन की शिकायतें तो बहुत होती है लेकिन कार्रवाई कमी

करप्शन को लेकर शिकायतें तो बहुत आती है लेकिन आकड़ों की माने तो करप्शन की शिकायतें कोर्ट में खड़ी नहीं हो पाती। अकेले महाराष्ट्र की बात करें तो एक आरटीआई की जानकारी के मुताबिक 1 जनवरी 2019 से 5 अक्टूबर 2021 के बीच, रिश्वत और भ्रष्टाचार निवारण विभाग मुंबई को कुल 6213 शिकायतें मिलीं, लेकिन उनमें से केवल 213 शिकायतों की जांच की गई और उनमें से केवल एक शिकायत में FIR दर्ज की गई। जबकि 38 पूछताछ बंद कर दी गई और 174 पूछताछ जारी है। यह स्पष्ट है कि रिश्वत एंटी करप्शन विभाग भ्रष्टाचार को मिटाने में विफल हो रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि पूरे सिस्टम में फैल चुके इस भ्रष्टाचार को खत्म कैसे किया जाए? अगर एक आम आदमी चाहे तो क्या वह भ्रष्टाचार के बिना आगे बढ़ सकता है? वैसे भ्रष्टाचार को खत्म करने में अगर सभी का साथ मिले तो यह असंभव सा दिखने वाला काम संभव भी हो सकता है। यानी करप्शन देश से खत्म हो सकता है।