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September 9, 2025

दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची बॉलीवुड आइकॉन ऐश्वर्या राय, AI जनित फोटोज़ के ग़लत इस्तेमाल पर जताई आपत्ति 

The CSR Journal Magazine
बॉलीवुड दीवा ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपनी छवि के दुरुपयोग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। अभिनेत्री का दावा है कि उनकी AI-जनित तस्वीरों का उनकी अनुमति के बिना इस्तेमाल किया जा रहा है। बॉलीवुड आइकॉन ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपनी डिजिटल पहचान की सुरक्षा के लिए कानूनी कदम उठाया है।

ऐश्वर्या राय ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

9 सितंबर 2025 को अभिनेत्री ऐश्वर्या राय ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया और व्यक्तियों व प्लेटफॉर्मों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI व अन्य तरीकों से उनकी छवि, पहचान और व्यक्तित्व के दुरुपयोग से रोकने की मांग की। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी, वकील प्रवीण आनंद और ध्रुव आनंद पेश हुए। उन्होंने दलील दी कि ऐश्वर्या राय बच्चन का नाम और चेहरा उनकी अनुमति के बिना इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां तक कि उनके नाम पर कथित रूप से पैसे भी वसूले जा रहे हैं। सेठी ने अदालत को बताया कि उनकी छवि का ऑनलाइन इस्तेमाल यहां तक किया जा रहा है कि किसी की “यौन इच्छाओं की पूर्ति” हो सके, जिसे उन्होंने “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताया।

Aishwarya Nation Wealth पर लगाया ग़लत पहचान बताने का आरोप

अपनी दलील में सेठी ने Aishwarya Nation Wealth नामक एक फर्म की ओर इशारा किया, जिसने अपने लेटरहेड पर ऐश्वर्या राय की तस्वीर का इस्तेमाल किया और उन्हें अपनी चेयरपर्सन बताया।
उन्होंने कहा, “मेरी मुवक्किल को इसका कोई पूर्व ज्ञान नहीं है और न ही उनका इनके साथ कोई संवाद हुआ है। इसमें धोखाधड़ी की नीयत है।”मामले पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता निपुण सक्सेना ने कहा, “ये अधिकार कॉपीराइट एक्ट से उत्पन्न होते हैं, जहां यह माना जाता है कि अभिनेताओं का अपनी आवाज़, छवि, शरीर और चेहरे पर स्वामित्व और मालिकाना हक होता है।”

हाईकोर्ट ने दिया उचित कार्यवाही का आश्वासन

हाई कोर्ट ने दलीलों पर गौर किया और मौखिक रूप से संकेत दिया कि मामले की सुनवाई जारी रहते हुए अभिनेत्री की पहचान के और दुरुपयोग को रोकने के लिए जल्द ही Ad-Interim Injunction (अस्थायी रोक आदेश) जारी किया जा सकता है। ऐसा आदेश एक अस्थायी कदम होगा, जो तब तक लागू रहेगा जब तक कि मामले की पूरी सुनवाई नहीं हो जाती। अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर 2025 को संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष होगी और आगे की लिस्टिंग 15 जनवरी 2026 को अदालत में होगी।

AI और DeepFake से बढ़ता खतरा

ऐश्वर्या की याचिका ने भारत के मनोरंजन उद्योग में Deepfake और AI-जनित कंटेंट से बढ़ते खतरे को उजागर किया है। ऐश्वर्या राय से पहले, बॉलीवुड के दिग्गज जैकी श्रॉफ ने मई में अदालत का रुख किया था। उनका आरोप था कि उनके नाम पर मर्चेंडाइज़ बेचना और उनके विकृत वीडियो बनाने जैसी गतिविधियां प्रथम दृष्टया, उनकी शख्सियत और पब्लिसिटी राइट्स के “अनधिकृत शोषण” के माध्यम से व्यावसायिक लाभ कमाने के प्रयास लगते हैं। अदालत ने उनके व्यक्तित्व और पब्लिसिटी अधिकारों की सुरक्षा की थी। हाल के महीनों में कई बड़े सितारों ने भी अपनी पहचान की सुरक्षा के लिए इसी तरह के कदम उठाए हैं। 2023 में अनिल कपूर ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपने नाम, आवाज़ और मशहूर डायलॉग “झक्कास” के दुरुपयोग पर रोक का आदेश हासिल किया था। उसी समय अमिताभ बच्चन ने भी अपनी पहचान के अनधिकृत इस्तेमाल से सुरक्षा प्राप्त की थी।

सार्वजनिक हस्तियों की निजता का हनन

ये कानूनी लड़ाइयां भारत में “पर्सनैलिटी राइट्स” (व्यक्तित्व अधिकारों) की बढ़ती मान्यता को दर्शाती हैं, जहां अदालतों से लगातार यह अपेक्षा की जा रही है कि वे सार्वजनिक हस्तियों की निजता और पहचान के अधिकार को डिजिटल छेड़छाड़ के अनियंत्रित बढ़ते खतरे के खिलाफ संतुलित करें। ऐश्वर्या राय बच्चन जैसी वैश्विक स्टार, जिनका चेहरा भारतीय सिनेमा में सबसे अधिक पहचाने जाने वालों में से एक है, के लिए AI के ज़रिए उनकी छवि का दुरुपयोग न केवल उनके ब्रांड के लिए खतरा है, बल्कि यह ऑनलाइन सुरक्षा, गरिमा और तकनीक के माध्यम से महिलाओं के शोषण जैसे व्यापक चिंताओं को भी उजागर करता है।
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