Agra Conversion Case: आगरा में दो बहनों के धर्मांतरण मामले में रहमान कुरैशी नामक व्यक्ति का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है, जिससे 11 गिरफ्तारियां हुई हैं। रहमान, जो अवैध धर्मांतरण गिरोह का सदस्य है, यूट्यूब चैनल चलाता था और पाकिस्तानी इंफ्लूएंसर से जुड़ा हुआ था।
दिल्ली के मुस्तफाबाद से पकड़ में आया मास्टरमाइंड रहमान
पुलिस ने सगी बहनों के धर्मांतरण मामले में आगरा के शाहगंज थाना क्षेत्र में स्थित सराय ख्वाजा निवासी रहमान कुरैशी को गिरफ्त्तार किया है। वह मूलत: किरावली का रहने वाला है। रहमान कुरैशी पहले परिवार के साथ वजीरपुरा में रहता था। वह धर्मांतरण गिरोह का एक्टिव सदस्य है। आगरा की सगी बहनों से रहमान कुरैशी ऑनलाइन जुड़ा था। आगरा पुलिस ने धर्मांतरण गैंग के मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान को दिल्ली के मुस्तफाबाद से गिरफ्तार किया है। अब्दुल रहमान के पास से पुलिस को धर्मांतरण से जुड़ी किताबें मिली हैं। पुलिस ने उसे दिल्ली के जिस घर से गिरफ्तार किया, वहां से एक बालिग लड़की भी मिली है जो नवंबर में हरियाणा के रोहतक से लापता थी। इस बारे में रोहतक पुलिस को सूचित कर दिया गया है।
पाकिस्तान से कनेक्शन और फ़िलिस्तीन का समर्थन
धर्मांतरण गैंग में शामिल आगरा के रहमान कुरैशी के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं। इंटर फेल रहमान ने NIA और IB की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रहमान कुरैशी फिलिस्तीन का भी सपोर्ट कर रहा था। रहमान ने खुफिया एजेंसियों को बताया कि वह पाकिस्तान के एक इंफ्लुएंसर से भी जुड़ा है। रहमान कुरैशी के यू-ट्यूब चैनल ‘The Sunnah’ पर विदेशी लोगों के वीडियो अपलोड किए जाते थे। रहमान YouTube और Podcast के जरिए इस्लामी कट्टरपंथ का प्रचार करता था और हिंदू धार्मिक प्रतीकों का अपमान करता था। ओसामा लड़कियों को ‘इस्लामी बहन’ बनाने की ट्रेनिंग देता था। यह भी संदेह है, कि रहमान कुरैशी अलग-अलग जगहों की रेकी भी कर रहा था।
Social Media का उस्ताद है रहमान कुरैशी
खेरिया मोड़ की तंग गली में रहने वाला रहमान कुरैशी जूते के स्टीकर बनाने का काम करता है। अपने साथ एक लैपटॉप भी रखता है। सोशल मीडिया के जरिए हिंदू युवतियों का ब्रेनवॉश करता है। सगी बहनों के धर्मांतरण और अपहरण के मामले में उसकी अहम भूमिका सामने आई है। दोनों से वह लगातार संपर्क में रहता था। वह डार्क वेब का प्रयोग करता था और उसे कंप्यूटर की कई भाषाएं आती हैं। कंप्यूटर में इतनी जानकारी थी कि वह एक सॉफ्टवेयर तक बना सकता था। एक संस्थान से उसने अपना एक फर्जी प्रमाण पत्र भी बना लिया था जिसके लिए उस संस्थान के खिलाफ मुकदमा लिखा जाएगा। उसके लैपटॉप की जांच में विदेशी करेंसी में भुगतान के अलावा क्रिप्टो में भी भुगतान के सुराग मिले हैं।
रहमान के पाकिस्तानी कनेक्शन की हो रही जांच
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि पाकिस्तान में रहमान किस-किससे जुड़ा हुआ है, यह पता किया जा रहा है। पाकिस्तान के लोगों से संपर्क में क्यों था? वह किसी तरह से पैसा तो नहीं ले रहा था? उसका मकसद क्या था? उसके बैंक खातों को चेक किया जा रहा है। एक साल की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। Facebook, Instagram और WhatsApp अकाउंट चेक किए जा रहे हैं। फोरेंसिक लैब की मदद से लैपटॉप और मोबाइल का Data रिकवर कराया जाएगा। रहमान के बारे में यह भी पता किया जा रहा है कि वह किन-किन लोगों के संपर्क में है। धर्मांतरण गिरोह में उसकी क्या भूमिका है। रहमान कुरैशी से यह जानने का प्रयास किया जा रहा है, कि वह पाकिस्तान में कितने लोगों से जुड़ा है! पाकिस्तान के लोगों से संपर्क के पीछे उसका मकसद क्या था?
स्पेशल टीम कर रही पूछताछ
आगरा में धर्मांतरण गैंग के खुलासे के साथ ही जांच में NIA और IB ने कमान संभाल ली है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर आरोपियों से पूछताछ के लिए स्पेशल टीमें बनाई गईं हैं।
पुलिस का दावा है, कि अब्दुल रहमान की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य भी धर्मांतरण के पक्ष में बातें करते थे। लोगों को घर पर ही कलमा पढ़ना सिखाया जाता था। ट्रेनिंग के साथ ही किताबें पढ़ाई जाती थीं, ब्रेनवॉश किया जाता था। सभी यह कहते थे, कि खुदा एक ही है, और धर्मांतरण करना या कराना अल्लाह का हुक्म है। अगर यह नहीं कराएंगे तो कयामत के दिन उनकी पकड़ होगी। इन बयानों के बाद पुलिस अब अब्दुल रहमान की पत्नी रजिया को भी आरोपी बनाएगी।
महेंद्र बना धर्मांतरण के बाद रहमान
अब्दुल रहमान खुद कन्वर्टेड मुस्लिम है। अब्दुल रहमान फिरोजाबाद के थाना रजावली गांव रामगढ़ का रहने वाला है। लगभग 30 वर्ष पहले वह गांव से गायब हो गया था। महेंद्र के पिता प्रेमपाल जादौन ने ग्रामीणजनों को बताया कि बेटा मुंबई में रह रहा है। गांव से जाने के बाद सिर्फ एक बार महेंद्र वापस घर आया। उसका घर-खेत सब बिक चुका है।
ग्रामीणों के अनुसार, अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र के पिता का नाम प्रेमपाल जादौन था। प्रेमपाल के तीन बेटे थे। महेंद्रपाल और उसके भाई ने मुस्लिम लड़कियों से शादी कर ली थी। इसके बाद वह गांव पहुंचा तो विवाद हो गया था। उसके भाई की हत्या हो गई। इसके बाद से वह गांव नहीं लौटा। बाद में महेंद्र सिंह जादौन ने भी धर्म परिवर्तन कर लिया और उसका नया नाम हो गया अब्दुल रहमान! साल 1990 में महेंद्र पाल जादौन से पहले ईसाई बना और फिर कुछ साल बाद मुस्लिम धर्म स्वीकार कर ‘अब्दुल रहमान’ बन गया। उसके दोनों बेटों की पत्नियां भी कन्वर्टेड मुस्लिम हैं, जो पहले हिंदू थीं। रहमान का भतीजा लंदन से फंडिंग को री-रूट करता था।
आयशा और रहमान सुनाते थे फरमान
पुलिस और खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में यह भी सामने आया है, कि गोवा से पकड़ी गई आयशा ही धर्मांतरण गैंग की हेड गर्ल है और वही गिरोह का संचालन करती थी। उसने दिल्ली में पकड़े गए सरगना अब्दुल रहमान के बारे में कई जानकारियां दी हैं। हालांकि, अब्दुल रहमान से उसने ज्यादा संपर्क न होने की बात कही है। इस अवैध धर्मांतरण गिरोह में कई लोग गिरोह के मुखिया की तरह काम करते थे, जो दूसरों को फरमान सुनाते थे। अब तक की पूछताछ में यह सामने आया है, कि पाकिस्तान के संपर्क में सबसे ज्यादा आयशा ही रहती थी। वीडियो कॉल करके ISIS के कमांडर की तरह आयशा आदेश देती थी। पाकिस्तान के आकाओं के कोई आदेश देने पर भी उसके लहजे में नरमी नहीं आती थी।
धमकी से दहशत बनाए रखते थे
पुलिस पूछताछ में मुक्त कराई गई सगी बहनें और रोहतक की युवती ने बताया कि जिन आरोपियों के चुंगल में फंसे थे, वह हर समय धमकाते थे। गिरोह के सदस्य वीडियो कॉल पर एक-दूसरे से ऐसी बातें करते थे, जिससे महिलाएं सहम जाती थीं। विरोध करने वालों को मारने की बात दोहराते थे। कोई नई महिला चंगुल में फंसती थी, तो उनका सामना इन महिलाओं से कराया जाता था। ये लोग नई महिलाओं को सब कुछ अच्छा-अच्छा ही बताती थीं। ऐसा करने को उन्हें बाध्य किया जाता था।
बैंक खातों के बारे में गोलमोल जवाब
पुलिस की पूछताछ में आरोपित आयशा, ओसामा समेत अन्य आरोपियों ने अपने बैंक खातों के बारे में गोलमोल जवाब दिया है। इससे आशंका है कि इन लोगों के कुछ खाते रिश्तेदारों के नाम पर अलग-अलग शहरों में खोले गए हैं और इन खातों में विदेशों से रकम भेजी गई है।
काउंसिलिंग के बाद सगी बहनों ने छोड़ा बुर्का
धर्मांतरण गैंग से मुक्त कराई गई आगरा की सगी बहनों पर काउंसलिंग का असर होने लगा है। अब दोनों ने बुर्का पहनना छोड़ दिया है। सोमवार तक दोनों हिजाब से दूरी बनाने को तैयार नहीं थीं। मंगलवार को दोनों ने अपने पिता से एकांत में बातचीत की। पिता ने उनसे यही कहा कि, ‘परिवार से कोई गलती हुई हो तो माफ कर दो। अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है। जो सभी आरोपियों का हाल हो रहा है, वो आपका भी हो सकता है। अभी तक आप दोनों पीड़ित हैं। इस गैंग से जुड़ी रहीं तो आरोपी बन जाएंगी।’ अभी तक दोनों बहनें धर्म पर उसी अंदाज में बहस करती थीं, जैसे धर्मांतरण से पहले उनसे की जाती थी। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने खुद दोनों सगी बहनों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों ने दोनों बहनों की कई घंटे तक काउंसिलिंग की, जिसका असर उन पर हुआ है।
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